ककोड़ा की खेती कब और कैसे करें संपूर्ण जानकारी l 😱 dasi kantola farming ll Kisan supporter
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ककोड़ा,खेख्शी (कंटोला) का नया बीज उपलब्ध है।
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ककोड़ा की खेती:- ककोड़ा (खेख्सा) ककोड़ा के बीज को एक बार बोने के बाद इसके मादा पौधे से लगभग 8-10 वर्षों तक फल प्राप्त होते रहते हैं। फलों का उपयोग अचार बनाने के लिए भी किया जाता है। यह कफ, खांसी, अरूचि, वात, पित्तनाशक और हृदय में होन वाले दर्द से राहत दिलाता है। इसकी जड़ों का उपयोग बवासीर में रक्त बहाव रोकने के लिए, पेशाब की शिकायत व बुखार होने पर बहुत लाभकारी होता है। ककोड़ा के फलों का सेवन करने से मधुमेह रोगी के शर्करा नियंत्रण में भी बहुत उपयोगी है।
◆बाजार में अच्छे दाम किसान भाईयों के लिए एक अतिरिक्त आय का साधन भी होता है। वर्तमान समय में जब ककोड़ा का फल बाजार में आता है तो उसका मूल्य रूपये 90 से 100 रूपये तक प्रति किग्रा तक मिलता है। इससे किसान की आर्थिक स्थिति सुदृढ़ होती है। ककोड़ा की सब्जी बहुत स्वादिष्ट होता है तथा मानव संतुलित आहार में एक महत्वपूर्ण भाग भी होता है। ककोड़ा की सब्जी पौष्टिक गुणों से मालामाल होता है। ककोड़ा के हरे रंग वाले फलों की सब्जी बनाई जाती है।
◆फसल की बुवाई के तुरन्त बाद खेत में हल्की सिंचाई करनी चाहिए। बरसात में सिंचाई की आवश्यकता नहीं होती, परन्तु दो वर्षा के समय में अधिक अन्तर होने पर सिंचाई करनी चाहिए। खेत में आवश्यकता से अधिक पानी को बाहर निकालने के लिए जल निकास की भी व्यवस्था हो क्योंकि अधिक पानी से बीज या कन्द सड़ सकता है। 2-3 बार निंदाई-गुड़ाई करना आवश्यक है।
◆पौधों को सहारा (स्टेकिंग) देना
ककोड़ा से अधिक उपज प्राप्त करने के लिए पौधों को सहारा देना आवश्यक है। स्टेकिंग करने से पौधों की बढ़वार अच्छी होती है तथा गुणवत्ता युक्त फल प्राप्त करने के लिए बांस या सूखी लकडिय़ों की टहनी आदि से सहारा देना आवश्यक होता है। ककोड़ा एक बहुवर्षीय फसल है इसलिए पौधों को सहारा देने के लिए लोहे के एंगल पर जालीनुमा तार 5-6 फीट ऊंची, 4 फीट गोलाकार संरचना का उपयोग कर सकते हैं जिससे अधिक फल प्राप्त कर सकते हैं।
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👉कंटोला (ककोड़ा) “Spine Gourd” की खेती कैसे करे जानिए। Mo number 7983708248
कंटोला एक लोकप्रिय पौष्टिक सब्जी है, जिसकी खेती पूरे भारत में प्राचीन समय से की जाती है। ककोड़ा फल को ककोरा, कंटोला, कर्कोटकी,ककोड़े आदि नाम से भी जाना जाता है। कंटोला को इंग्लिश में “Spine Gourd” नाम से जाना जाता है।
👉जलवायु: कंटोला गर्म और कम सर्द मौसम की फसल है।
👉कंटोला सब्जी दो प्रकार की होती है
बाजार में, दो प्रकार के छोटे आकार और बड़े आकार के कंटोला उपलब्ध है। ध्यान रखें कि वे विभिन्न प्रजातियां नहीं हैं। ये दिखने में एक जैसे होते हैं लेकिन अलग-अलग आकार के होते हैं। आमतौर पर, छोटे आकार के कंटोला की बड़े आकार की तुलना में अधिक मांग होती है। इसलिए, यदि आप एक लाभदायक कंकोड़ा की खेती शुरू करना चाहते हैं, तो छोटे आकार के कंटोला की खेती करें। ज्यादा जानकारी के लिए संपर्क करें। 7983708248
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