क्या घर में लड़ाई होती है परिवार का कल्याण चाहते होतो इसे ज़रूर देखें

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गौरी गोपाल अन्नक्षेत्र सेवा

अन्न दानं समं दानं, ना भूतो ना भविष्यति। देवर्षि-पित्र-भूतानां, तृप्तिरन्नेन जायते ।।
(गर्ग सहिंता)
अन्य क्षेत्र के समान दान ना तो पूर्व में हुआ है ना अब है ना आगे भविष्य में होगा क्योंकि देवताओं की ऋषियों की पितरों की इत्यादि सभी की तृप्ति अन्न से ही होती है ।
अतः स्पष्ट है की अन्नदान से बढ़कर दूसरा कोई दान हो ही नहीं सकता इसलिए पूज्य महाराज श्री जी ने श्री धाम वृंदावन में वितरण कर ठाकुर जी की भक्ति कर रहे साधु-संतों और जरूरतमंदों की सेवा को देखते हुए नित्य अन्य क्षेत्र की सेवा करने का संकल्प लिया जिसमें हजारों लोग आज प्रसादी पाते हैं और आशीर्वाद देते हुए जाते हैं ।

गौरी गोपाल रसोई
श्री धाम वृंदावन में चल रही नित्य गौरी गोपाल अन्यक्षेत्र के पावन सेवा के साथ गौरी गोपाल जी की रसोई की सेवा भी प्रारंभ की गई जहां अन्यक्षेत्र में तो लोग प्रसादी पाते ही हैं साथ ही गौरी गोपाल जी की रसोई में नित्य प्रातः कालीन बेला से लेकर रात्रि कालीन बेला तक श्री धाम वृंदावन में पधारने वाले भक्त, साधु संत और जरूरतमंद लोग कभी भी आकर प्रसादी पा सकते हैं । ऐसा सेवा का प्रकल्प पूज्य महाराज जी द्वारा चलाया गया है आप भी गौरी गोपाल जी की पावन रसोई की सेवा से अपने आप को जोड़ सकते हैं और हजारों लोगों को प्रसादी अपने हाथों से पवा सकते हैं

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