लोन किश्त चुकाने में परेशानी के समाधान | By Advocate Gaurav

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लोन किश्त चुकाने में परेशानी के समाधान
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कोरोना महामारी और लॉकडाउन से अधिकांश लोगों की आय को प्रभावित किया है। अगर, आप उनमें शामिल हैं और आपने कार, होम या पर्सनल लोन लिया है और अब ईएमआई चुकाने में समस्या आ रही है तो परेशान मत हों। हम आपको बता रहे हैं कि कैसे आप इस परेशानी से निकल सकते हैं।

होम लोन की ईएमआई

अगर आपने बैंक या हाउसिंग फाइनेंस कंपनी से होम लोन लिया है और कोरोना के कारण ईएमआई चुकाने मुश्किल हो रहा है तो आप बैंक से बात करें। आरबीआई ने बैंकों को लोन पुनर्गठन करने को कहा है। इसका फायदा उठाकर आप दो साल तक लोन मोरेटोरियम या लोन की अवधि बढ़ाकर ईएमआई चुका सकते हैं। हालांकि, इसके लिए जरूरी दस्तावेज अभी से तैयार कर लें। अगर आपने अंडरकंस्ट्रक्शन प्रॉपर्टी में निवेश किया है तो डेवलपर्स से बातकर उसे रेडी टू मूव प्रॉपर्टी में शिफ्ट करा सकते हैं। कोरोना संकट के बीच कई डेवलपर्स यह सुविधा उपलब्ध करा रहे हैं। ऐसा कर आप ईएमआई के साथ रूम रेंट देने के बोझ से बच जाएंगे। फिर आपको ईएमआई चुकाने में राहत होगी।

कार लोन का भुगतान में समस्या

अगर आपने कार लोन लिया है अब चुकाने में समस्या आ रही तो बैंक या कर्जदाता से लोन की अवधि बढ़ाने को कहें। उदाहरण के तौर पर अगर आपके लोन की अवधि 36 माह की है तो इसे 48 माह करने का अनुरोध करें। इससे हर महीने आपको कम ईएमआई देनी पड़ेगी। अपने कर्जदाता या बैंक से ईएमआई डेफर करने का अनुरोध करें। इससे आपको मौजूदा माह की ईएमआई का पेमेंट बाद में करने की अनुमति मिल सकती है।

क्रेडिट कार्ड और पर्सनल लोन का भुगतान
अगर क्रेडिट कार्ड पर लोन लिया है या पर्सनल लोन है तो आप इसका भुगतान अपने किए हुए निवेश से करने की कोशिश करें। बैंक सबसे अधिक ब्याज क्रेडिट कार्ड या पर्सनल लोन पर वसूलते हैं। अगर आपने एफडी किया है या पीपीएफ या म्यूचुअल फंड में निवेश किया तो उससे रकम निकालकर लोन का भुगतान कर दें। ऐसा इसलिए कि आपको जमा पर छह से सात फीसदी का रिटर्न मिलेगा जबिक लोन पर आपको 20 फीसदी तक ब्याज चुकान होगा। इस तरह आप निवेश से पैसा निकालकर फायदे में रहेंगे। बाद में आप कमाई बढ़ने पर फिर से निवेश कर सकते हैं।

गोल्ड लोन एक बेहतर विकल्प
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया की ओर अगस्त के महीने में कोविड को देखते हुए सोने के लिए लोन-टू-वैल्यू (एलटीवी) रेशियो को 75 फीसदी से बढ़ाकर 31 मार्च 2021 तक के लिए 90 फीसदी कर दिया था। ऐसे में कोविड-19 के चलते पैदा हुई आर्थिक मुश्किलों से उबरने और अपनी तत्काल की वित्तीय जरूरतों को पूरा करने के लिए गोल्ड लोन का सहारा ले सकते हैं। दूसरी ओर, बैंक और एनबीएफसी अनसिक्योर्ड पर्सनल लोन के मुकाबले गोल्ड लोन पर कम ब्याज दर वसूल रहे हैं। इससे भी उधार लेने वालों को फायदा हो रहा है। एसबीआई और केनरा बैंक जैसे सरकारी बैंक गोल्ड लोन पर क्रमशः 7.50 फीसदी और 7.65 फीसदी सालाना ब्याज लेते हैं। निजी बैंक 9.90 फीसदी से लेकर 11.5 फीसदी सालाना तक ब्याज दर वसूलते हैं। मणप्पुरम फाइनेंस, मुथूट फाइनेंस जैसे एनबीएफसी 12 फीसदी ब्याज लेते हैं।

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