Logo video2dn
  • Сохранить видео с ютуба
  • Категории
    • Музыка
    • Кино и Анимация
    • Автомобили
    • Животные
    • Спорт
    • Путешествия
    • Игры
    • Люди и Блоги
    • Юмор
    • Развлечения
    • Новости и Политика
    • Howto и Стиль
    • Diy своими руками
    • Образование
    • Наука и Технологии
    • Некоммерческие Организации
  • О сайте

Скачать или смотреть জল প্রলয় রহস্যে অতীতের ধ্বনি ! সবচেয়ে ভয়ঙ্কর সুনামি ! Jal Pralay ! Sunami !

  • MAK BHAKTI GYANOM
  • 2024-08-27
  • 15
জল প্রলয় রহস্যে অতীতের ধ্বনি ! সবচেয়ে ভয়ঙ্কর সুনামি ! Jal Pralay ! Sunami !
jalpralayjal pralaymahavinashjalpralay kobe hoyechhilobengali songabar proloy songnew bengali songkedarnath jalpralaymahavinashni ka antmahavinashini balveer
  • ok logo

Скачать জল প্রলয় রহস্যে অতীতের ধ্বনি ! সবচেয়ে ভয়ঙ্কর সুনামি ! Jal Pralay ! Sunami ! бесплатно в качестве 4к (2к / 1080p)

У нас вы можете скачать бесплатно জল প্রলয় রহস্যে অতীতের ধ্বনি ! সবচেয়ে ভয়ঙ্কর সুনামি ! Jal Pralay ! Sunami ! или посмотреть видео с ютуба в максимальном доступном качестве.

Для скачивания выберите вариант из формы ниже:

  • Информация по загрузке:

Cкачать музыку জল প্রলয় রহস্যে অতীতের ধ্বনি ! সবচেয়ে ভয়ঙ্কর সুনামি ! Jal Pralay ! Sunami ! бесплатно в формате MP3:

Если иконки загрузки не отобразились, ПОЖАЛУЙСТА, НАЖМИТЕ ЗДЕСЬ или обновите страницу
Если у вас возникли трудности с загрузкой, пожалуйста, свяжитесь с нами по контактам, указанным в нижней части страницы.
Спасибо за использование сервиса video2dn.com

Описание к видео জল প্রলয় রহস্যে অতীতের ধ্বনি ! সবচেয়ে ভয়ঙ্কর সুনামি ! Jal Pralay ! Sunami !

জল প্রলয় রহস্যে অতীতের ধ্বনি ! সবচেয়ে ভয়ঙ্কর সুনামি ! Jal Pralay ! Sunami ! @MAKPRIME7

#tsunami
#sunami
#jalpralay
#facts
#purankatha
सुनामी समुन्दर में प्रलय
भगवान शिव ने विनाशकारी जल प्रलय कर धरती का किया अंत - त्रिदेव की लीला - Vishnu Puran
ऋग्वेद नासदीयसूक्त ( 10-129 ) के अनुसार सृष्टि के आदिकाल में न सत् था न असत्, न वायु था न आकाश, न मृत्यु थी और न अमरता, न रात थी न दिन, उस समय केवल वही एक था जो वायुरहित स्थिति में भी अपनी शक्ति से सांस ले रहा था। उसके अतिरिक्त कुछ नहीं था।' जो जन्मा है वह मरेगा- पेड़, पौधे, प्राणी, मनुष्य, पितर और देवताओं की आयु नियुक्त है, उसी तरह समूचे ब्रह्मांड की भी आयु भी निशिचत है। इस धरती, सूर्य, चंद्र सभी की आयु है। आयु के इस चक्र को समझने वाले समझते हैं कि प्रलय क्या है। प्रलय भी जन्म और मृत्यु और पुन: जन्म की एक प्रक्रिया है। जन्म एक सृजन है तो मृत्यु एक प्रलय। हमारी प्रथ्वी हमेशा से ही ऐसी नहीं रही है , इस पर कयी वार विनाश की प्रक्रिया होती रही है । और आगे भी होती रहेगी । पृथ्वी पर प्रलय कब होगी इसका वर्णन हमें शास्त्रों में मिलता है । दोस्तो बहुत स्टडी और रिसर्च करने के बाद में आपके लिये विडियो बनाता हूंं , इसलिए प्लिज बस विडियो को लाइक , चैनल को सब्सक्राइव और एक कमेंट जरुर करें । तो चलिये दोस्तों आगे बढ़ते हैं ?
प्रलय का अर्थ होता है संसार का अपने मूल कारण प्रकृति में सर्वथा लीन हो जाना। पल-प्रतिपल प्रलय होती रहती है। किंतु जब महाप्रलय होता है तो सम्पूर्ण ब्रह्मांड, वायु की शक्ति से एक ही जगह खिंचाकर एकत्रित होकर भस्मीभूत हो जाता है। तब प्रकृति अणु वाली हो जाती है अर्थात सूक्ष्मातिसूक्ष्म अणुरूप में बदल जाती है। अर्थात संपूर्ण ब्रह्मांड भस्म होकर पुन: पूर्व की अवस्था में हो जाता है, जबकि सिर्फ ईश्वर ही विद्यमान रह जाते हैं। न ग्रह होते हैं, न नक्षत्र, न अग्नि, न जल, न वायु, न आकाश और न जीवन। अनंत काल के बाद पुन: सृष्टि प्रारंभ होती है।
एक निश्चित और नियुक्त काल का पूर्ण हो जाना ही प्रलय है। हिन्दू कालगणना विश्व की समयमापन की सबसे बेहतर इकाई है । वेद और पुराण में संपूर्ण समय को संपूर्ण तरीके में बांधा गया है। ऋषियों ने जलचर, थलचर, नभचर और पेड़, पौधे तथा पहाड़ों की आयु जानकर धरती की आयु को ज्ञात किया है। उसी तरह उन्होंने संपूर्ण ब्रह्मांड की आयु का मान निकाला है।

पुराणों में सृष्टि उत्पत्ति, जीव उद्भव, उत्थान और प्रलय की बातों को सर्गों में विभाजित किया गया है। पुराणों के अनुसार विश्व ब्रह्मांड का क्रम विकास इस प्रकार हुआ है-
1. गर्भकाल : करोड़ों वर्ष पूर्व संपूर्ण धरती जल में डूबी हुई थी। जल में ही तरह-तरह की वनस्पतियों का जन्म हुआ और फिर वनस्पतियों से तरह तरह के एक कोशीय बिंदु रूप जीवों की उत्पत्ति हुई, जो न नर थे और न मादा।
2. शैशव काल : फिर संपूर्ण धरती जब जल में डूबी हुई थी तब जल के भीतर अम्दिज, अंडज, जरायुज, सरीसृप अर्थात् रेंगने वाले एवं केवल मुख और वायु युक्त जीवों की उत्पत्ति हुई।
3. कुमार काल : इसके बाद पत्र ऋण, कीटभक्षी, हस्तपाद, नेत्र श्रवणेन्द्रियों युक्त जीवों की उत्पत्ति हुई। इनमें मानव रूप वानर, वामन, मानव आदि भी थे।
4. किशोर काल : इसके बाद भ्रमणशील, आखेटक, वन्य संपदाभक्षी, गुहावासी, जिज्ञासु अल्पबुद्धि प्राणियों का विकास हुआ।
5. युवा काल : फिर कृषि, गोपालन, प्रशासन, समाज संगठन की प्रक्रिया हजारों वर्षों तक चलती रही।
6. प्रौढ़ काल : वर्तमान में प्रौढ़ावस्था का काल चल रहा है, जो लगभग विक्रम संवत 2042 पूर्व शुरू हुआ माना जाता है। इस काल में अतिविलासी, क्रूर, चरित्रहीन, लोलुप, यंत्राधीन प्राणी धरती का नाश करने में लगे हैं।
7. वृद्ध काल : माना जाता है कि इसके बाद आगे तक साधन भ्रष्ट, त्रस्त, निराश, निरूजमी, दुखी जीव रहेंगे।
8. जीर्ण काल : फिर इसके आगे अन्न, जल, वायु, ताप सबका अभाव क्षीण होगा और धरती पर जीवों के विनाश की लीला होगी।
9. उपराम काल : इसके बाद करोड़ों वर्षों आगे तक ऋतु अनियमित, सूर्य, चन्द्र, मेघ सभी विलुप्त हो जाएंगे। भूमि ज्वालामयी हो जाएगी। अकाल, प्रकृति प्रकोप के बाद ब्रह्मांड में आत्यंतिक प्रलय होगा।

Disclaimer 👇👇🙏🙏👇👇 Video is education purpose only. Copyright Disclaimer under Section 107 of the copyright act 1976, allowance is made for fair use for purposes such as criticism, comment, news reporting, scholarship, and research. Fair use is a use permitted by copyright statute that might otherwise be infringing. Non-profit, educational or personal use tips the balance in favour of fair use.

Комментарии

Информация по комментариям в разработке

Похожие видео

  • О нас
  • Контакты
  • Отказ от ответственности - Disclaimer
  • Условия использования сайта - TOS
  • Политика конфиденциальности

video2dn Copyright © 2023 - 2025

Контакты для правообладателей [email protected]