जनेऊ धारण करने की विधि l क्या है जनेऊ l जनेऊ पहनने के क्या क्या फायदे हैं l उपनयन संस्कार -
आज हम बात करेंगे जनेऊ धारण करने की विधि और इसे क्यों धारण करना चाहिये ?
#janeu #janeusanskar #upnayan #upnayansanskar
जनेऊ धारण करने की विधि
-----------------------------------------
जिस तरह प्रत्युत मंत्रों से पत्थरों में भगवान को प्रतिष्ठित किया जाता है उसी तरह जनेऊ भी धागामात्र नहीं होता बल्कि जनेऊ के निर्माण के समय से ही उसमें संस्कारों का आधान होने लगता है और उचित मंत्रों से ग्रंथियों औपर तंतुओं में भिन्न-भिन्न देवताओं के आवाहन किए जाते हैं. कई लोग सुविधा के लिए श्रावणी में जनेऊ को अभिमंत्रित कर रख लेते हैं और आवश्यकतानुसार उसे धारण कर लेते हैं.
तो चलिए जानते हैं कि जनेऊ के निर्माण के समय उस कैसे संस्कृत किया जाता है ?
जनेऊ के निर्माण के बाद उसे पलाश आदि पवित्र पत्ते पर रखें.
जनेऊ को जल से प्रक्षालित करें और फिर मंत्र पढ़ते हुए अक्षत या फूल को जनेऊ पर छोड़ता जाए.
प्रथमतन्तौ ऊं ओंकारमावाहयामि
द्वितीयतन्तौ ऊं अग्निमावाहयामि
तृतीयतन्तौ ऊं सर्पानावाहयामि
चतुर्थतन्तौ ऊं सोममावाहयामि
पंचमतन्तौ ऊं पितृनावाहयामि
षष्ठतन्तौ ऊं प्रजापतिमावाहयामि
सप्तमतन्तौ ऊं अनिलमावाहयामि
अष्टमतन्तौ ऊं सूर्यमावाहयामि
नवमतन्तौ ऊं विश्वान् देवानावाहयामि
प्रथमग्रन्थौ ऊं ब्रह्मणे नमः ब्रह्माणमावाहायामि
द्वितीय ग्रंथे ऊं विष्णवे नमः विष्णुमावाहयामि
तृतीय ग्रन्थौ ऊं रुद्राय नमः रुद्रमावाहयामि
इसके बाद प्रणवाद्यावाहितदेवताभ्यो नमः इस मंत्र से यथास्थानं न्यसामि
कहकर उन तंतुओं में न्यास कर चंदन आदि से पूजा करें और फिर जनेऊ को दस बार गायत्री मंत्र से अभिमंत्रित करें.
इसके बाद नवीन जनेऊ धारणका संकल्प कर विनियोग कर जल गिराएं
विनियोग मंत्र- ऊं यज्ञोपवीतमिति मंत्रस्य परमेष्ठी ऋषिः लिंगोक्ता देवताः त्रिष्टुप छंदः यज्ञोपवीतधारणे विनियोगः
ऊं यज्ञोपवीतं परमं पवित्रं प्रजपतेर्यत सहजं पुरस्तात्।
आयुष्यमग्रयं प्रतिमुंच शुभ्रं यज्ञोपवीतं बलमस्तु तेजः।।
पुराने जनेऊ का त्यागः इसके बाद निम्नलिखित मंत्र पढ़कर पुराने जनेऊ को कंठी जैसा बनाकर सिरपर से पीठ की ओर निकालकर उसे जल में प्रवाहित कर दें-
एतावद्दिनपर्यंतं ब्रह्म त्वं धारितं मया।
जीर्णत्लात् त्वत्परित्यागो गच्छ सूत्र यथासुखम्।।
इसके बाद यथाशक्ति गायत्री मंत्र का जप करें और
ऊं तत्सत् श्रीब्रह्मार्पणमस्तु
बोलकर भगवान को अर्पित कर दें
फिर हाथ जोड़कर भगवान का स्मरण करें.
janeu kyu pehna jata hai, janeu kyu pahanti hai, brahmin janeu kyu pahanti hai, जनेऊ क्यों धारण करते हैं, जनेऊ क्यों पहनते हैं,
जनेऊ क्या चीज है, जनेऊ मंत्र, जनेऊ कैसे पहने, जनेऊ का अर्थ, जनेऊ के नियम, जनेऊ का मंत्र, जनेऊ चढ़ाने का मंत्र, जनेऊ धारण करने का मंत्र, जनेऊ धारण करने के नियम,
जनेऊ धारण मंत्र, जनेऊ धारण करने की विधि, जनेऊ धारण, जनेऊ धारण करने का तरीका, जनेऊ धारण करना, जनेऊ धारण विधि, जनेऊ नियम, जनेऊ पहनने का मंत्र,
जनेऊ पहनने के फायदे, जनेऊ पहनने का सही तरीका, जनेऊ पहनने की विधि, जनेऊ पहनने का तरीका, जनेऊ पहनने के तरीके, जनेऊ पहनने के नियम, जनेऊ के फायदे, जनेऊ मंत्र लिखित मे, जनेऊ मतलब क्या होता है, जनेऊ संस्कार विधि, जनेऊ संस्कार, जनेऊ संस्कार क्या है, जनेऊ संस्कार की विधि
❁ Please Subscribe our channel ➤ / @grahgochartv
❁ Our Videos Playlists ❁
❁ आज का पंचांग ➤ • आज का पंचांग 26 सितंबर 2019 aaj ka panchan...
❁ आज का राशिफल ➤ • आज का राशिफल 25 सितंबर 2019 Aaj ka Rashifa...
❁ पौराणिक कथा ➤ • दूसरा स्वर्ग कहां है और वो कौन था जिसने स्...
Информация по комментариям в разработке