Crpc section 102 | Supreme Court Judgement Crpc section 102 | दण्ड प्रक्रिया संहिता 1973

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Crpc Section 102 | Supreme court judgement Crpc 102| भारतीय दण्ड प्रक्रिया 1973 धारा 102 |
जय हिंद साथियों, आज से बिहार एवम झारखण्ड के ग्रामीणों को राष्ट्र के संविधान एवम कानून द्वारा दिए गए अधिकारों के बारे में जागरूक करने के लिए "न्याय की बात" का आगाज कर रहा हूं ।

न्याय की बात के आज पहले संस्करण में आज हम जानेंगे की कैसे दंड प्रक्रिया संहिता 1973 की धारा 102 के तहत पुलिस अधिकारी किस प्रकार की संपत्ति को जब्त या सील कर सकता है । क्या एक पुलिस अधिकारी इस धारा के अंतर्गत किसी अचल संपत्ति अर्थात immovable property को seize यानी जब्त अथवा सील कर सकता है ?

Crpc sec 102 कहती है की पुलिस अधिकारी के पास यह power है कि वह किसी प्रकार की संपत्ति को जब्त या सील कर सकती है जिस संपत्ति को लेकर पुलिस अधिकारी के संज्ञान में ऐसा अभिकथन या कोई संदेह हो कि वह संपत्ति चुराई हुई अथवा किसी गैर कानूनी काम में इस्तेमाल की गई हो ।

पूर्व में कई वर्षों से सीआरपीसी की धारा 102 के तहत दूसरे पक्ष पर पीड़ित करवाई करने के लिए यह एक हथियार के रूप में इस्तेमाल किया जाता रहा है । रातों रात occupant को उसके संपत्ति से बेदखल कर दिया जाता था ।

परंतु हाल के कुछ वर्षों में माननीय सर्वोच्च न्यायालय द्वारा Nevada Properties Pvt Ltd vs State of Maharashtra and another के केस में एवम माननीय झारखण्ड उच्च न्यायालय द्वारा SRP oil pvt Ltd vs State of Jharkhand में दिए अपने आदेशों में यह स्पष्ट कर दिया गया है की सीआरपीसी की धारा 102 पुलिस अधिकारी को किसी भी अचल संपत्ति को जब्त अथवा सील करने की पावर नहीं देता है एवं इसके लिए उन्हें हर हाल में इस कार्य के लिए कोर्ट के द्वारा आदेश पारित करना होगा ।
साथी साथ न्यायालय ने यह भी स्पष्ट कर दिया कि भारतीय संविधान के article 300 A के तहत भारतीय नागरिक के पास राइट टू प्रॉपर्टी एक कांस्टीट्यूशनल राइट है जिसके तहत किसी भी भारतीय नागरिक को उसके संपत्ति से सिर्फ कानून की प्रक्रिया के तहत ही बेदखल किया जा सकता है ।

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