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Скачать или смотреть कौन होता है महादेव का प्रिय? जानिए वो 8 लक्षण जो शिव को खींच लाते हैं | शिवपुराण से सीधा उत्तर

  • Journeys with Maa
  • 2025-07-17
  • 1072
कौन होता है महादेव का प्रिय? जानिए वो 8 लक्षण जो शिव को खींच लाते हैं | शिवपुराण से सीधा उत्तर
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Описание к видео कौन होता है महादेव का प्रिय? जानिए वो 8 लक्षण जो शिव को खींच लाते हैं | शिवपुराण से सीधा उत्तर

How to Connect with Mahadev?
Eight Signs of a True Shiv Bhakt according to Mahadev - Shiv Mahapuraan
True definition of a Sanyasi and Pandit by Mahadev

5:00 = परम भक्त के आठ लक्षण / Eight Signs of a True Devotee
10:13 = क्रांतिकारी उद्घोष! / A Revolutionary Declaration!
10:15 = संन्यासी और पंडित की उदार परिभाषा / A Liberating Definition of Sanyasi and Pandit
14:00 = कैसे भक्त महादेव को प्रिय है? / What Makes a Devotee Dear to Mahadev?

महादेवजी -
मैं तो सदा ही कृतकृत्य एवं पवित्र हूँ, मनुष्य मेरा क्या करेंगे? उनके द्वारा किये गये बाह्य अथवा आभ्यन्तर पूजनमें उनका जो भाव (प्रेम) है, उसीको मैं ग्रहण करता हूँ। देवि! क्रियाका एकमात्र आत्मा भाव ही है। वही मेरा सनातनधर्म है। मन, वाणी और कर्मद्वारा कहीं भी किंचिन्मात्र फलकी इच्छा न रखकर ही क्रिया करनी चाहिये। देवेश्वरि! फलका उद्देश्य रखनेसे मेरा आश्रय लघु हो जाता है; क्योंकि फलार्थीको यदि फल न मिला तो बह मुझे छोड़ सकता है॥ ५९-६१॥

सती साध्वी देवि! फलार्थी होनेपर भी जिस साधकका चित्त मुझमें ही प्रतिष्ठित है, उसे उसके भावके अनुसार फल मैं अवश्य देता हूँ। जिनका मन फलकी इच्छा न रखकर ही मुझमें लगा हो, परंतु पीछे वे फल चाहने लगे हों, वे भक्त भी मुझे प्रिय हैं॥ ६२-६३॥

जो पूर्वसंस्कारवश ही फलाफलकी चिन्ता न करके विवश हो मेरी शरण लेते हैं, वे भक्त मुझे अधिक प्रिय हैं। परमेश्वरि! उन भक्तोंके लिये मेरी प्राप्तिसे बढकर दूसरा कोई वास्तविक लाभ नहीं है तथा मेरे लिये भी वैसे भक्तोंकी प्राप्तिसे बढ़कर और कोई लाभ नहीं है॥ ६४-६५॥

-- वायवीयसंहिता (उत्तरखण्ड), शिव महापुराण

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