पाषाण काल से क्षत्रिय ।। नागवंश पासी ।।

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पासी जाति नागवंशी है और इनमें यदुवंशी भी शामिल हैं. पासी जाति की कुछ उपजातियां हैं - भरपासी, कैथवास पासी, रावतपासी, और गूजरपासी. उत्तर प्रदेश में पासी जाति को अनुसूचित जाति में रखा गया है. कुछ जगहों पर इन्हें 'रावत' भी कहा जाता है. पासी शब्द ताड़ी निकालने को भी संदर्भित करता है, जो पासी समुदाय का पारंपरिक व्यवसाय हैनागवंश प्राचीन काल का एक राजकुल था. माना जाता है कि 3000 ईसा पूर्व आर्य काल में भारत में नागवंशियों के कबीले रहा करते थे, जो सर्प की पूजा करते थे. उनके देवता शिव थे. नागवंशी परंपरा के अनुसार, फणि मुकुट राय नागवंशी राजवंश के संस्थापक थे. इतिहासकारों का मानना है कि फणि मुकुट राय की कहानी एक मिथक है और चौथी शताब्दी ईस्वी के आसपास नागवंशी राजवंश की स्थापना हुई थी. 

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👉जरायम पेशा :-
इसी को जरायम पेशा क़ानून कहते है। इस क़ानून के प्रावधानों के अनुसार इसमें वर्णित जाति के 12 वर्ष से ऊपर समस्त पुरूषों को प्रतिदिन थाने में हाज़िरी देना होता था। तथा किसी व्यक्ति को एक ज़िले से दूसरे ज़िले मे जाने पर प्रशासन से अनुमति लेना होता था। घर में नये जन्मे नवजात की सूचना तुरंत प्रशासन को दी जानी होना चाहिए।

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