KMT Raigarh Cultural Events || ददरिया नाच || सुवा नाच || राउत नाच

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एम.टी. शासकीय कन्या महाविद्यालय, रायगढ़ में NAAC PEER TEAM के आगमन के अवसर पर संध्या कालीन सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में महाविद्यालय के होनहार छात्रों ने विभिन्न रंगारंग सांस्कृतिक प्रस्तुतियाँ दीं, जिनमें छत्तीसगढ़ की पारंपरिक संस्कृति और धरोहर की झलक देखने को मिली।

सबसे पहले छात्रों ने छत्तीसगढ़ी पारंपरिक गीत "ददरिया" की प्रस्तुति दी। यह गीत छत्तीसगढ़ की लोक संस्कृति का अभिन्न हिस्सा है, जो ग्रामीण जीवन और प्रकृति की सुंदरता को चित्रित करता है। इसके बाद सुवा नृत्य का प्रदर्शन किया गया। यह नृत्य दीपावली के समय अच्छी फसल के उपलक्ष्य में किया जाता है, जिसमें लकड़ी के तोते को बांस की टोकरी में रखकर उसके चारों ओर घूम-घूमकर नृत्य किया जाता है।

कार्यक्रम में राउत नाचा भी शामिल था, जो फसल कटाई के बाद मड़ाई मेला के दौरान किया जाता है। इस नृत्य में कलाकार बांस का डंडा लेकर, सर पर कलगी सजाकर और गैंडा बाजा के साथ नृत्य करते हैं। यह नृत्य छत्तीसगढ़ की कृषक संस्कृति और ग्रामीण जीवन की झलक प्रस्तुत करता है। राउत नाचा के प्रदर्शन ने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया और उनकी तालियों से प्रांगण गूंज उठा।

इन सांस्कृतिक प्रस्तुतियों ने महाविद्यालय के छात्रों की कला, प्रतिभा और छत्तीसगढ़ी संस्कृति के प्रति उनके समर्पण को प्रदर्शित किया। NAAC PEER TEAM के आगमन पर आयोजित इस कार्यक्रम ने न केवल छात्रों को अपनी प्रतिभा दिखाने का मौका दिया, बल्कि उपस्थित सभी लोगों को छत्तीसगढ़ की समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर से भी परिचित कराया। इस प्रकार, यह संध्या कालीन सांस्कृतिक कार्यक्रम महाविद्यालय के इतिहास में एक यादगार शाम बन गया।
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NAAC (राष्ट्रीय मूल्यांकन और प्रत्यायन परिषद) भारत में उच्च शिक्षा संस्थानों के मूल्यांकन और प्रत्यायन के लिए एक स्वतंत्र निकाय है। हालाँकि, NAAC स्वयं सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित नहीं करता है, लेकिन यह सुनिश्चित करता है कि जिन संस्थानों को वे प्रत्यायन प्रदान करते हैं, वे शिक्षा के सभी पहलुओं में उत्कृष्टता प्राप्त करें, जिसमें सांस्कृतिक गतिविधियाँ भी शामिल हैं।

संस्थानों में सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन छात्रों के सर्वांगीण विकास के लिए महत्वपूर्ण होता है। ये कार्यक्रम छात्रों को अपने कौशल और प्रतिभा को प्रदर्शित करने का मंच प्रदान करते हैं। सांस्कृतिक कार्यक्रमों में नृत्य, संगीत, नाटक, चित्रकला, साहित्यिक गतिविधियाँ, और अन्य रचनात्मक कलाएँ शामिल होती हैं।

⏭सांस्कृतिक कार्यक्रमों के लाभ:
🟢रचनात्मकता को प्रोत्साहन: छात्रों को अपनी रचनात्मकता दिखाने का अवसर मिलता है।
🟢सामाजिक और संगठनात्मक कौशल का विकास: कार्यक्रमों के आयोजन और उनमें भाग लेने से छात्रों के नेतृत्व और संगठनात्मक क्षमताएँ विकसित होती हैं।
🟢संस्कृति और परंपराओं का संरक्षण: विभिन्न संस्कृतियों और परंपराओं को जानने और समझने का अवसर मिलता है।
🟢टीम वर्क: सांस्कृतिक कार्यक्रमों में भाग लेने से टीम वर्क और सहयोग की भावना को बढ़ावा मिलता है।
🟧🟩🟦उच्च शिक्षा संस्थानों में सामान्यतः आयोजित होने वाले सांस्कृतिक कार्यक्रम:
🟥वार्षिक उत्सव: एक या दो दिन का कार्यक्रम जिसमें विभिन्न सांस्कृतिक गतिविधियाँ आयोजित होती हैं।
🟥संगीत और नृत्य प्रतियोगिताएँ: विभिन्न शैलियों में प्रतियोगिताएँ होती हैं।
🟥नाटक और माइम शो: नाटक, माइम और स्किट्स का आयोजन।
🟥फेस्टिवल सेलिब्रेशन: विभिन्न त्यौहारों का सामूहिक उत्सव।
🟥साहित्यिक गतिविधियाँ: कविता पाठ, कहानी लेखन, वाद-विवाद प्रतियोगिता आदि।
इन कार्यक्रमों का आयोजन न केवल छात्रों के मनोरंजन के लिए होता है, बल्कि उनके व्यक्तित्व विकास में भी सहायक होता है।

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