Durga Ashtami 2025 Katha | दुर्गा अष्टमी व्रत कथा, पूजा विधि, महत्व और शुभ मुहूर्त | Navratri Special
🌸 Durga Ashtami 2025 Katha & Puja Vidhi 🌸
दुर्गा अष्टमी, जिसे महाअष्टमी भी कहा जाता है, नवरात्रि का आठवां दिन है और माता दुर्गा की विशेष आराधना का पावन पर्व है। इस दिन मां महागौरी की पूजा का विशेष महत्व होता है। मान्यता है कि अष्टमी के दिन माता की पूजा करने से सभी दुखों का नाश होता है, सुख-समृद्धि और शांति का आशीर्वाद मिलता है।
इस वीडियो में आपको मिलेगा –
✅ दुर्गा अष्टमी 2025 की सही तिथि और शुभ मुहूर्त
✅ दुर्गा अष्टमी की संपूर्ण कथा (Durga Ashtami Katha)
✅ दुर्गा अष्टमी व्रत विधि और पूजन सामग्री सूची
✅ अष्टमी पूजा का सही मंत्र, आरती और भोग विधि
✅ कन्या पूजन का महत्व और सही तरीका
✨
नवरात्रि के आठवें दिन माता महागौरी की पूजा करने से जीवन के सभी कष्ट दूर होते हैं। मान्यता है कि इस दिन कन्या पूजन करने से मां दुर्गा अत्यंत प्रसन्न होती हैं और घर में सुख, शांति व समृद्धि लाती हैं। इस कथा को सुनने और माता का स्मरण करने से पापों का नाश और मनोकामनाओं की पूर्ति होती है।
🔱 Puja Vidhi (पूजा विधि):
🌺 सबसे पहले घर को साफ करके गंगाजल से पवित्र करें।
🌺 माता दुर्गा की प्रतिमा या चित्र को कलश के साथ स्थापित करें।
🌺 मां महागौरी को सफेद वस्त्र, चावल, नारियल, फूल, फल और मिठाई का भोग लगाएं।
🌺 दुर्गा सप्तशती का पाठ, महागौरी मंत्र और आरती करें।
🌺 कन्या पूजन करें और उन्हें भोजन व उपहार देकर आशीर्वाद प्राप्त करें।
✨ घर में धन-धान्य की वृद्धि
✨ जीवन के सभी कष्टों का नाश
✨ संतानों की उन्नति और सुख-समृद्धि
✨ मानसिक शांति और आध्यात्मिक उन्नति
📅 Durga Ashtami 2025 Date & Time:
मासिक दुर्गा अष्टमी की कथा | Masik Durga Ashtami Ki Katha | दुर्गा माता व्रत कथा व महत्त्व
🐄 गौ माता की अद्भुत कथा | Gau Mata Ki Katha | Gopashtami Story | गोसेवा से मिलता है अपार पुण्य
🙏 गौ माता की अद्भुत कथा 🙏
Gau Mata Ko Sanatan Dharma Mein सर्वोच्च स्थान प्राप्त है। इन्हें “धरा की माता” कहा गया है क्योंकि इनके शरीर में सभी देवता वास करते हैं।
इस कथा में बताया गया है कि जो व्यक्ति श्रद्धा से गौ माता की पूजा, सेवा और कथा श्रवण करता है, उसके जीवन से समस्त दुख, दरिद्रता और रोग समाप्त हो जाते हैं।
🌼 गौ माता की कथा सुनने के लाभ:
✅ घर में सुख-शांति और समृद्धि आती है
✅ पितृ दोष और ग्रह दोष दूर होते हैं
✅ संतान सुख की प्राप्ति होती है
✅ भगवान श्रीकृष्ण और माता लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होती है
✅ जीवन में मिलता है मोक्ष का मार्ग
🕉️ कार्तिक मास और गोपाष्टमी पर गौ माता की कथा सुनना अत्यंत शुभ माना गया है।
गौ सेवा करने से मनुष्य के सारे पाप नष्ट हो जाते हैं और जीवन में धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष—चारों पुरुषार्थ की प्राप्ति होती है।
🌾 “जिस घर में गौ माता की सेवा होती है, वहाँ सदा लक्ष्मी का वास होता है।” 🌾
🙏 भक्ति भाव से इस कथा को सुनें और अपने जीवन में गौ माता की कृपा प्राप्त करें।
जय गौ माता! जय गोविंद! 🙏
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🌺 मासिक दुर्गा अष्टमी की कथा | Masik Durga Ashtami Ki Katha | Durga Ashtami Vrat Katha 🌺
हर महीने आने वाली मासिक दुर्गा अष्टमी का अत्यंत शुभ और पावन महत्त्व बताया गया है। यह तिथि मां दुर्गा की उपासना के लिए सर्वोत्तम मानी जाती है। इस दिन मां भगवती की पूजा करने से सभी प्रकार के कष्ट दूर होते हैं और जीवन में सुख, समृद्धि, स्वास्थ्य एवं शांति आती है।
🙏 मासिक दुर्गा अष्टमी व्रत का महत्त्व:
यह व्रत प्रत्येक माह शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को रखा जाता है। इसे दुर्गाष्टमी भी कहा जाता है। जो भी भक्त इस दिन मां दुर्गा की आराधना, पूजन और कथा श्रवण करता है, उस पर मां की अपार कृपा बनी रहती है। जीवन के सभी संकट समाप्त हो जाते हैं और परिवार में सौभाग्य की वृद्धि होती है।
🪔 व्रत विधि और पूजन नियम:
प्रातःकाल स्नान कर लाल वस्त्र धारण करें।
मां दुर्गा के सामने दीप जलाकर धूप, पुष्प, अक्षत और लाल चूनरी अर्पित करें।
दुर्गा सप्तशती या देवी माहात्म्य का पाठ करें।
माता रानी को फल, मिठाई और नारियल का भोग लगाएं।
कथा सुनें या सुनाएं और अंत में आरती करें।
📚 मासिक दुर्गा अष्टमी की कथा सार:
एक समय देवता और असुरों के बीच भयंकर युद्ध हुआ। असुरों के अत्याचारों से पृथ्वी, आकाश और स्वर्ग तक त्रस्त हो गए। तब देवताओं ने मिलकर मां आदिशक्ति से प्रार्थना की। उनके तेज से मां दुर्गा का प्राकट्य हुआ, जिन्होंने महिषासुर जैसे शक्तिशाली दानव का संहार किया। उसी शक्ति की आराधना मासिक
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