Kriya aur uske bhed क्रिया और उसके भेद

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क्रिया और उसके भेद को आसान भाषा में उदाहरण-

क्रिया: वाक्य में जो कार्य किया जाता है या होने की स्थिति को व्यक्त करती है, उसे क्रिया कहते हैं। जैसे - पढ़ना, लिखना, सोना, खाना आदि।
क्रिया के भेद:

सकर्मक क्रिया: वह क्रिया जो अपने साथ कर्म (object) लेती है। मतलब जिसमें कार्य किसी वस्तु पर होता है।

उदाहरण: राम ने किताब पढ़ी। (यहाँ "किताब" कर्म है।)

अकर्मक क्रिया: वह क्रिया जो कर्म नहीं लेती, अर्थात कार्य किसी वस्तु पर नहीं होता।

उदाहरण: राम सो रहा है। (यहाँ कोई कर्म नहीं है।)

संधि क्रिया: जब कोई क्रिया दो या दो से अधिक कार्यों को जोड़ने के लिए प्रयोग होती है।

उदाहरण: वह खाता और पढ़ता है। ("खाता" और "पढ़ता" दो क्रियाएँ हैं।)

भाववाचक क्रिया: जब क्रिया किसी भाव या अवस्था को व्यक्त करती है।

उदाहरण: मुझे ठंड लग रही है। (यहाँ "ठंड लग रही है" भाव व्यक्त करता है।)

इन उदाहरणों से क्रिया और उसके भेद को आसानी से समझा जा सकता है।

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