12. बृहदारण्यकोपनिषद् (द्वितीय अध्याय–ब्राह्मण 2 तथा ब्राह्मण 3 समाप्त) - 04-11-2024

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ओ३म्
नमस्ते जी...
वानप्रस्थ साधक आश्रम, वैदिक ज्ञान, सिद्धांत, ध्यान, साधना और अध्यात्म को समर्पित संस्थान है ।
वानप्रस्थी साधक - साधिकाओं को साधना अनुकूल अवसर प्रदान करने के लिए,
आदर्श वैदिक आर्ष गुरुकुल का संचालन करने के लिए,
योग शिविर, ध्यान शिविर, ध्यान प्रशिक्षक प्रशिक्षण शिविर, संध्या शिविर, क्रियात्मक योगाभ्यास शिविर, आत्ममंथन शिविर, यज्ञ प्रशिक्षण शिविर, यज्ञ मन्त्रार्थ शिविर, दम्पती शिविर, महिला जागृति शिविर, किशोर निर्माण शिविर, किशोरी निर्माण शिविर, संस्कृत सम्भाषण शिविर, सूचना तकनीक शिविर, वैदिक दर्शनों के अध्ययन के लिए स्वाध्याय शिविर, संस्कृत भाषा व व्याकरण के लिए अध्ययन शिविर आदि के आयोजन करने के लिए,
वैदिक ग्रन्थों का प्रकाशन और वितरण करने के लिए,
धर्मार्थ चिकित्सालय का संचालन करने के लिए और
वर्ष भर सातों दिन, १२ घण्टें अनवरत यज्ञ करने के लिए हम कृतसंकल्प हैं ।

वानप्रस्थ साधक आश्रम
आर्यवन, रोजड़, सागपुर, साबरकांठा, गुजरात – 383307 [email protected]
दूरभाष – 9427059550

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