Logo video2dn
  • Сохранить видео с ютуба
  • Категории
    • Музыка
    • Кино и Анимация
    • Автомобили
    • Животные
    • Спорт
    • Путешествия
    • Игры
    • Люди и Блоги
    • Юмор
    • Развлечения
    • Новости и Политика
    • Howto и Стиль
    • Diy своими руками
    • Образование
    • Наука и Технологии
    • Некоммерческие Организации
  • О сайте

Скачать или смотреть Ashugandha ki kheti kre_ ashugandha farming

  • mahendra safed “Safed_musli_farming” Musli farm jhansi
  • 2019-04-20
  • 2186
Ashugandha ki kheti kre_   ashugandha farming
#अश्वगंधाकीखेतीकैसेकरें #अश्वगंधाकीरोपाईकेसमयमेंकरो #अश्वगंधासफेदमूसलीकहांमैच
  • ok logo

Скачать Ashugandha ki kheti kre_ ashugandha farming бесплатно в качестве 4к (2к / 1080p)

У нас вы можете скачать бесплатно Ashugandha ki kheti kre_ ashugandha farming или посмотреть видео с ютуба в максимальном доступном качестве.

Для скачивания выберите вариант из формы ниже:

  • Информация по загрузке:

Cкачать музыку Ashugandha ki kheti kre_ ashugandha farming бесплатно в формате MP3:

Если иконки загрузки не отобразились, ПОЖАЛУЙСТА, НАЖМИТЕ ЗДЕСЬ или обновите страницу
Если у вас возникли трудности с загрузкой, пожалуйста, свяжитесь с нами по контактам, указанным в нижней части страницы.
Спасибо за использование сервиса video2dn.com

Описание к видео Ashugandha ki kheti kre_ ashugandha farming

Call kre seed lene ke liye 812771221
Jila Tikamgarh Madhya Pradesh कम लागत में अधिक उत्पादन देने वाली औषधीय फसल है। अश्वगंधा की खेती कर किसान लागत का तीन गुना लाभ प्राप्त कर सकते हैं। अन्य फसलों की अपेक्षा प्राकृतिक आपदा का खतरा भी इस पर कम होता है। अश्वगंधा की बोआई के लिए जुलाई से सितंबर का महीना उपयुक्त माना जाता है। जिला परियोजना समन्वयक डास्प एवं फसल सुरक्षा वैज्ञानिक डॉ. आरपी सिंह का कहना है कि वर्तमान समय में पारंपरिक खेती में हो रहे नुकसान को देखते हुए अश्वगंधा की खेती किसानों के लिए काफी महत्वपूर्ण साबित हो सकती है।
क्या है अश्वगंधा
अश्वगंधा एक औषधि है। इसे बलवर्धक, स्फूर्तिदायक, स्मरणशक्ति वर्धक, तनाव रोधी, कैंसररोधी माना जाता है। इसकी जड़, पत्ती, फल और बीज औषधि के रूप में उपयोग किया जाता है।
उपयुक्त जलवायु
अच्छे जल निकास वाली बलुई, दोमट मिट्टी या हल्की लाल मृदा, जिसका पीएच मान 7.5 से 8 हो, प्रयुक्त मानी जाती है।
बीज की मात्रा
नर्सरी के लिए प्रति हेक्टेअर पांच किलोग्राम व छिड़काव के लिए प्रति हेक्टेअर 10 से 15 किलो बीज की जरूरत पड़ती है। बोआई के लिए जुलाई से सितंबर तक का समय उपयुक्त माना जाता है।
बीज शोधन
बीज को डायथेन एम-45 से उपचारित करते हैं। एक किलोग्राम बीज को शोधित करने के लिए 3 ग्राम डायथेन एम. का प्रयोग किया जाता है।
रोपण की विधि
रोपाई के समय इस बात का ध्यान रखें कि दो पौधों के बीच 8 से 10 सेमी की दूरी हो तथा पंक्तियों के बीच 20 से 25 सेमी की दूरी हो। बीज एक सेमी से ज्यादा गहराई पर न बोएं।
उर्वरक का प्रयोग
बोआई से एक माह पूर्व प्रति हेक्टेअर पांच ट्रॉली गोबर की खाद या कंपोस्ट की खाद खेत में मिलाएं। बोआई के समय 15 किग्रा नत्रजन व 15 किग्रा फास्फोरस का छिड़काव करें।
प्रजाति एवं सिंचा
डब्लू.एस-20 (जवाहर), डब्लूएसआर, पोषिता अश्वगंधा की अच्छी प्रजातियां हैं। नियमित समय से वर्षा होने पर फसल की सिंचाई की जरूरत नहीं पड़ती। आवश्यकता पड़ने पर जीवन रक्षक सिंचाई अवश्य करें।
छटाई व निराई
बोई गई फसल को 25 से 30 दिन बाद हाथ से छांट देना चाहिए। इससे लगभग 60 पौधे प्रतिवर्ग मीटर यानी 6 लाख पौधे प्रति हेक्टेअर अनुरक्षित हो जाते हैं।
फसल सुरक्षा
अश्वगंधा पर रोग व कीटों का विशेष प्रभाव नहीं पड़ता। कभी-कभी माहू कीट तथा पूर्णझुलसा रोग से फसल प्रभावित होती है। ऐसी परिस्थिति में

Комментарии

Информация по комментариям в разработке

Похожие видео

  • О нас
  • Контакты
  • Отказ от ответственности - Disclaimer
  • Условия использования сайта - TOS
  • Политика конфиденциальности

video2dn Copyright © 2023 - 2025

Контакты для правообладателей [email protected]