Imp एक लाख शालिग्राम सभी सात्विक स्टेज वाले होंगे या सतो, सतो सामान्य,रजो और तमो स्टेजेस वाले होंगे?

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★ एक लाख शालिग्राम सभी सात्विक स्टेज वाले होंगे या सतोप्रधान, सतो सामान्य, रजो और तमो, चार स्टेजेस वाले होंगे?

वो जो कपिल मुनि की यादगार है। वो यादगार कहां बनी हुई है? नहीं, कंपिल की यादगार इतनी प्रसिद्ध नहीं है, कपिल मुनि की। वो तो सिर्फ कंपिल के नाम पर कपिल मुनि पड़ गया। लेकिन कलकाता में यादगार है। क्या? जहां कलय क्लेश कट्टा होता है। तो उसमें जब रुद्र यज्ञ रचते हैं तो रुद्र यज्ञ में मोस्टली जो रुद्र यज्ञ रचे गए हैं उनमें कितने लाख सालि ग्राम बनाते थे? एक लाख। वो एक लाख शालिग्राम सभी सात्विक स्टेज वाले होंगे या सतोप्रधान, सतो सामान्य, रजो और तमो, चार स्टेजेस वाले होंगे? चार स्टेजेस वाले थे। सतो प्रधान और सतो प्रधान और सतो सामान्य 50 पर हुए। और बाकी जो द्वापर युग के आदि के है, जैसे द्वापर युग के आदि में शास्त्र लिखे गए तो उस समय भक्ति और शास्त्र प्रधान थे या रजो या तमो थे? रजो प्रधान थे नहीं, सतो प्रधान ही कहेंगे। उस समय शास्त्रों में जो बात लिखी गई वह सच्ची थी। बाद में जो व्याख्याकार आए उन्होंने उसका अनर्थ कर दिया, विकारी बुद्धि होने के कारण। तो ऐसे ही एक लाख में तो 50000 तो ऐसे हैं जो सतो प्रधान, सतो सामान्य है। और बाकी रजो प्रधानता की जो आदि की स्टेज है, उसमें से 10 लाख और ले लिए गए। वह जब तक उनको संदेश मिला और संदेश लेकर के वो पावरफुल ब्राह्मण बने,तब तक यह उनको श्राप लग गया। उन्होंने उंगली उठा दी। किसके ऊपर? कपिल मुनि के ऊपर ही उंगली उठा दी। यह मन-बुद्धि रूपी घोड़ा इसने चुराया है। यह निमित्त है। हमारे मन-बुद्धि रूपी घोड़े को चुराने के। माने इसने हमारी बुद्धि को डायवर्ट किया है, विकारों की ओर। तो कपिल मुनि को गुस्सा आएगा कि नहीं आएगा? बाबा तो मुरली में कहते हैं- बहुत तंग करेंगे तो विनाश करा दूंगा। अरे भगवान आया है,पतितों को पावन बनाने के लिए आया है या पतित बनाने के लिए आया है? भगवान का उद्देश्य कुछ और और बच्चे भगवान के ऊपर ही लांछन लगाए कि इसने तो ऐसा ज्ञान सुनाया कि हमारी बुद्धि भ्रष्ट कर दी। ब्रह्मा बाबा के मुख से जो ज्ञान सुना गया था वही ठीक था। यह तो बुद्धि को विस्तार में ले जाकर के वही हाल कर दिया जैसे नदियां जब विस्तार में जाती हैं बाड़ में आती है, तो क्या कर देती है? बोड़म बोड़ कर देती है। हमारी बुद्धि तो विस्तार में जाने से विकृत बन गई। हमारे मन-बुद्धि रूपी घोड़े का हरण कर लिया गया। सोचने समझने की ताकत ही नहीं रही। अब यहां तो 80 परसेंट विधर्मी है। बीज रूप आत्मा जो 80 परसेंट विधर्मी बीज रूप है, जिनके ऊपर मोटा मोटा देह अभिमान का छिलका चढ़ा हुआ है। ज्ञान का जो असली राज है उसको समझेगी? नहीं समझ सकती। इसलिए चुनिंदा आत्मा हैं 4.5 लाख में, जिनका यह गायन है। अभी ब्राह्मणों की दुनिया में एडवांस में 60000 ब्राह्मण तैयार हुए हैं कि हो रहे हैं? हो रहे हैं। कोई एडवर्टाइजमेंट नहीं हो रहा है, तो भी तैयार हो रहे हैं। और जब तक प्रत्यक्ष का टाइम आएगा वो 60000 की संख्या पूरी हो जाएगी। लेकिन 60000 में से कितने होंगे जो 100% निश्चय बुद्धि होंगे? अनिश्चय बुद्धि विनश्यते की लिस्ट वाले नहीं होंगे। अगर अनिश्चय बुद्धि विनश्यते की लिस्ट वाले होंगे तो बाप को विकारी के रूप में देखेंगे या पतित पावन बाप के रूप में देखेंगे? बाप के रूप में देखेंगे। जो 80 परसेंट विधर्मी बीज रूप आत्मा बैठी हुई है, दूसरे-दूसरे धर्मों के बीज हैं जिनके ऊपर मोटा-मोटा छिलका चढ़ा हुआ है देह अभिमान का। वो फाइनल परीक्षा में जो माया फाइनल परीक्षा लेगी उसमें बाप को पहचानेगी या फेल हो जाएंगी? तो फेल होने का मूल कारण क्या होगा? बाप को किस रूप में देखेंगी, विकारी रूप में देखेंगे। इसने हमारी बुद्धि भ्रष्ट कर दी, ब्रह्मा बाबा का सीधा सादा ज्ञान ज्यादा अच्छा था।

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