Savitri (B01 C03, Summary Talk-1/3), "The Yoga of the King: The Yoga of the Soul's Release" (Hindi)

Описание к видео Savitri (B01 C03, Summary Talk-1/3), "The Yoga of the King: The Yoga of the Soul's Release" (Hindi)

A Talk on Sri Aurobindo’s Savitri in Hindi.

Savitri (B01 C03, Summary Talk-1/3), "The Yoga of the King: The Yoga of the Soul's Release" (P022 L01 - P031 L19)

सावित्री, पर्व-०१, सर्ग-०३, सर्ग का सार १/३ "राजा का योग: आत्मा की मुक्ति का योग" (P022 L01 - P031 L19)

यह तीन वीडियोस की श्रंखला का प्रथम अंक है | इस श्रंखला में इस सर्ग की महत्वपूर्ण पंक्तियों को आधार बनाते हुए इस सर्ग के सत्यों का वर्णन किया गया है | जो लोग इससे पूर्व दी गई १२ वीडियोस की श्रृंखला को, जिनमें इस सर्ग का पंक्तिश पठन किया गया है, किसी कारण पढने में असमर्थ हैं, वे इन तीन वीडियोस के माध्यम से सर्ग के सभी महत्वपूर्ण सत्यों का और लगभग सभी महत्वपूर्ण पंक्तियों का ध्यान और मनन कर सकेंगे |

इस अंक का सारांश:
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इस अंश में जो मुख्य सत्य और भाव हमारे समक्ष रखे गए हैं वे क्रमश: इस प्रकार हैं -
१) सावित्री के जन्म का कारण क्या है?
२) अश्वपति कौन हैं और उनके जीवन का उद्देश्य क्या है - अश्वपति जगत् में खेली जा रही भगवान् की लीला के मुख्य किरदार हैं। वे सावित्री के पिता हैं जो सावित्री को धरा पर लाते हैं। अश्वपति धरा पर अमरता का शासन स्थापित करने आए हैं
३) मनुष्य का सत्यरूप क्या है - मनुष्य अविनाशी परम का छद्म रूप है। उसके अंतर में आत्मा निवास करती है जो भगवान् का अंश है और उसके जीवन का संचालन करती है।
४) इसके पश्चात् मनुष्य की विकास यात्रा के चरणों का वर्णन है जिसके अंत में मनुष्य प्रकृति का अतिक्रमण कर परा-प्रकृति के प्रकाश में प्रवेश कर जाता है।
५) इसके पश्चात् अश्वपति की सत्ता में होने वाले उच्च आध्यात्मिक परिवर्तनों का वर्णन है। अश्वपति मानवीय सीमाओं का अतिक्रमण करते हैं और जड़, प्राण, और मन के क्षेत्र को पार कर प्रतीकों के लोक में प्रवेश कर जाते हैं।

क्रमश:
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अश्वपति की यह अध्यात्मिक यात्रा आगे बढती रहती है। शेष दो अंकों में हम देखेंगे कि अश्वपति की आत्मा अविभाजित काल के क्षेत्र में प्रवेश कर जाती है और अश्वपति के लिए जगत् का अर्थ बदल जाता है। इसके पश्चात् अंतर्ज्ञान का अवतरण होता है जो अश्वपति की सत्ता का रूपान्तारण करता है। और अंतत: अश्वपति की आत्मा अज्ञान से मुक्त हो जाती है।

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