रामानंद सागर कृत विक्रम और बेताल भाग 26 - नागिन का बदला

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Ramanand Sagar's Vikram Aur Betaal Episode 26 - Naagin ka badala

बेताल को विक्रम फिर से पकड़ कर ले चलता है तो बेताल विक्रम को एक नयी कहानी सुनता है जिसमें वो रियासत नरसिंहपूरा में राजा हरगोविंद दास नाम का एक राजा था जिसकी एक दासी गंगा के कमरे में नागेश और नागेश्वरी निवास करते थे। राजा के एक लोटे बेटे शक्तिनाथ के जन्मदिन के दिन राजा का परिवार ख़ुशियाँ मना रहा था और युवराज की पत्नी अरुणधती और उसकी तीनों बेटियाँ भी युवराज को बधाई देते हैं। युवराज को सभी बधाई और उपहार देने आ रहे थे तो गंगा भी युवराज को जन्मदिन की बधाई देने आती है और नागेश और नागेश्वरी को साथ लाती है। नाग देवता शक्तिनाथ को आशीर्वाद देते हैं राजा हरगोविंद अपने बेटे की बाहु को भी आशीर्वाद देने के लिए कहते हैं की इस बार वो पुत्र को जनम दे। युवराज अकेले शिकार पर जाता है तो जंगल में एक हिरण पर बाण चलता है तो वहीं नागेश और नागेश्वरी नृत्य कर रहे थे तो वह बाण नागेश को जाकर लग जाता है और उसकी मृत्यु हो जाती है।

नागेश्वरी अपने पति की चिता पर क़सम नागेश्वरी अपना बदला लेने के लिए राजा के पास आती है। राजकुमार पहले ही राजा को सारी बात बता देता है। नागेश्वरी राजा से कहती है की वो राजकुमार को क्षमा नहीं देगी उसके कारण उसके नागेश की मृत्यु हुए है। राजा नागेश्वरी को कहता है की राजकुमार के पास तीन बेटियाँ हैं और उसकी पत्नी गर्भवती है उसकी पत्नी द्वारा उसके पुत्र को जनम देने के बाद वह अवश्य ही अपने बेटे का मुँह देखने के बाद खुद को तुम्हारे हवाले कर देगा। नागेश्वरी राजा की बात मान लेती है। अरुणधती अपने भाई अलभद्र को रक्षाबंधन के दिन को राखी बंद रही थी तो वो भावुक होकर उसे सारी बात बताती है और कहती है की यदि उसके पति ही नहीं रहेंगे तो वो भी अपने प्राण त्याग देगी। अलभद्र अपनी बहन से कहता है की उसके रहते कोई भी उसके सुहाग को नहीं मार सकता। तभी वहाँ राजकुमार शक्तिनाथ आ जाता है तो अरुणधती उसे कहती है की वो उसके पिता के घर चले जाए और पुत्र होते ही वो भी वहाँ आ जाएगी आपके पिता द्वारा अंधे न्याय और नागिन की ज़िद्द को शिकार नहीं होने दूँगी। राजकुमार अरुणधती को कहता है की वो कायरों की तरह अपने पिता से धोका करके नहीं भाग सकता। मृत्यु तो आनी ही है आज नहीं तो कल। अलभद्र यह सुनकर क्रोधित हो जाता है और कहता है की वो ऐसा नहीं होने देगा और वो ऐसा होने से पहले ही नागिन को मार देगा। राजकुमार शक्तिनाथ अलभद्र को रोक देता है और कहता है की नागिन को मारने से पहले उसे उस से लड़ना होगा यह देख अरुणधती बेहोश हो जाती है।

राजा हरगोविंद नागेश्वरी से दया की भीख माँगता है लेकिन नागेश्वरी उसे मना कर देती है। राजकुमारी रात में अपने पति की मृत्यु को देख कर डर जाती है और चाकू लेकर नागेश्वरी को मारने के लिए आती है। तो राजा का सैनिक रघु उसे रोक देता है। रात में अरुणधती पुत्र को जनम दे देती है यह सुनकर नागेश्वरी अपने वचन के मुताबिक़ अपना बदला लेने के लिए चल पड़ती है। शक्तिनाथ के पुत्र का नामकरण हो रहा था। नागेश्वरी राजकुमार के पास जाते वक्त देखती हैं की राजकुमार की बेटियाँ नागेश्वरी की बेटियों को दूध पिला रही थी। नागेश्वरी यह देख कर आगे बढ़ जाती है और हवन के स्थान पर पहुँच जाती है। नागेश्वरी को देख कर अरुणधती डर कर बेहोश हो जाती है। इतनी कहानी सुनकर बेताल रुक जाता है और राजा विक्रम से पूछता है की बता क्या नागिन राजकुमार को डस लेगी। राजा विक्रम बेताल को कहता है की नागिन राजकुमार को नहीं डसेगी क्योंकि उसने राजकुमार की बेटियों को उसके बच्चों को दूध पिलाते देखा था जिसके कारण उसकी ममता उस पर भारी पड़ गयी और उसने राजकुमार की बेटियों के सर से उसके पिता का साया छिनने का विचार छोड़ दिया और अपने पति की चिता पर क़सम खाने की वजह से नागेश्वरी अपने प्राण उसी हवन कुंड में खुद को जला कर दे देती है। राजा विक्रम का बोलते ही बेताल फिर से उड़ जाता है और वापस से जाकर पेड़ पर लटक जाता है।

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विक्रम और बेताल एक भारतीय पौराणिक टेलीविजन श्रृंखला है जो 1985 में डीडी नेशनल पर प्रसारित हुई। श्रृंखला में भारतीय पौराणिक कथाओं की कहानियां थीं।

कार्यक्रम की अवधारणा बेताल पचीसी पर आधारित थी, जिसे विक्रम-बेताल के नाम से भी जाना जाता है। 25 कहानियों का एक संग्रह जो वेताल (एक पिशाच) ने राजा विक्रम (महान राजा विक्रमादित्य) को सुनाई।

कलाकार :
अरुण गोविल
सज्जन
अरविंद त्रिवेदी
दीपिका चीख़ालिया
विजय अरोड़ा
रमेश भटकर
मूलराज राजदा
रजनीबाला
सुनील लाहिरी
लिलिपुट
रामा विज
सतीश कौल
सूरजीत मोहनत्य
समीर राजदा"

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Vikram Aur Betaal is an Indian mythology television series that aired on DD National in 1985 & re-telecast in 1988 after the hit Series Ramayan. The series contained stories from Indian mythology. The concept of the program was based on Baital Pachisi, which is also known as Vikram-Betaal (a collection of 25 tales which is narrated by Vetala to Vikram). It is about the legendary king Vikram (identified as Vikramāditya) and the ghost Betaal (identified as Vetala,[1] a spirit analogous to a vampire in western literature). The show aired at 4:30 PM Indian Standard Time on Sundays from 1985 to 1986.

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