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Скачать или смотреть भोजशाला विवाद और एएसआई द्वारा सर्वेक्षण; Bhojshala Dispute and Survey by ASI; EPISODE 390

  • Rajeev Ranjan Prasad
  • 2024-03-26
  • 6238
भोजशाला विवाद और एएसआई द्वारा सर्वेक्षण; Bhojshala Dispute and Survey by ASI; EPISODE 390
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Описание к видео भोजशाला विवाद और एएसआई द्वारा सर्वेक्षण; Bhojshala Dispute and Survey by ASI; EPISODE 390

यह ऐतिहासिक निर्णय है, मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय की इंदौर खंडपीठ के आदेश पर धार स्थित भोजशाला का आर्कियोलॉजीकल सर्वे ऑफ इंडिया द्वारा सर्वेक्षण किया जा रहा है। प्लेसेज ऑफ वर्शिप एक्ट की आड़ में इतिहास बोध से वंचित नहीं किया जा सकता? पूजा औरअ नमाज के अधिकार पर बहस से पहले यह स्थापित होना आवश्यक है कि राजाभोज की विरासत पर कमाल मौला का मुलम्मा आखिर चढ़ा कैसे? मैं स्पष्टत: भोजशाला को राजा भोज की विरासत इसलिए कह रहा हूँ क्योंकि यही सत्य वर्ष 1902 में एएसआई द्वारा किए गए सर्वेक्षण में उजागर हुआ था। एक विशाल हवनकुण्ड और उसके चारों ओर अलंकृति स्तंभों की परिधि के भीतर देवी-देवताओं की अनेक प्रतिमाएं स्वयं देखी परखी जा सकती हैं। यह ऐसा ही है जैसे मंदिर को तोड़ कर औरंगजेब ने केवल गुंबद तान दिए और बन गई ज्ञानवापी मस्जिद। अब सारे साक्ष्य चीख चीख कर कहा रहे हैं कि मैडिर ही है, दीवार भी मंदिर की, प्रतिमाएं भी देवी देवताओं की, सामने सदियों से बैठे हुए नंदी भी। प्राप्त हो महादेव भी हुए हैं लेकिन माननीय अदालत के निर्णय की परीक्षा उचित है, वजूखाने में प्राप्त प्रतिमा यदि महादेव सिद्ध होती है तो गंगा-जमनी तहजीब की गंगा और जमना अलग अलग धाराओं में बह सकती है। जानते बूझते देवी-देवताओं और इतिहास का अनादर क्यों? यह बड़ा प्रश्न है जिसका ज्ञानवापी के संदर्भ में उत्तर देना यही होगा, साथ ही साथ यही वस्तुस्थिति भोजशाला की भी है। आईये राजा भोज की भोजशाला पर थोड़ी चर्चा करते हैं। आज के वक्तव्य में हम तीन उपविषयों की चर्चा करने जा रहे हैं – प्रथम कि कौन थे राजा भोज? द्वितीय कि राजा भोज की वाग्देवी कौन थी, कैसी थी? और तीसरा प्रश्न की भोजशाला विवाद क्या है? विषय के अंत में हम एएसआई के सर्वेक्षण की महत्ता पर बात करेंगे।

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