मेघ निछावर हो रहे, बरसे सौ सौ धार - दोहा | Mahendra Kapoor | Mahabharat Song | EP - 11 | Pen Bhakti

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मेघ निछावर हो रहे, बरसे सौ सौ धार - दोहा | Mahendra Kapoor | Mahabharat Song | EP - 11 | Pen Bhakti

Lyrics :-
मेघ निछावर हो रहे, बरसे सौ सौ धार |
दमक दमक दामिनी कहे, देखौं मुख एक बार, देखौं मुख एक बार ||
छत्र बन्यौ बृजराज हित, फ़न फैलाए नाग |
मथुरा तेरे त्याग से, जागे ब्रज के भाग, जागे ब्रज के भाग ||
जाने जमुना जग नहीं, श्री हरी को अवतार |
पावन पद परसन चढ़ी, बढ़ी जमुन जल धार, बढ़ी जमुन जल धार ||
धार मध्य वसुदेव जब, अकुलाए असहाय, श्री हरी ने रवि सुताये हित |
दियो चरण लटकाए, दियो चरण लटकाए ||

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