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Скачать или смотреть वर्षो पुराना नजला नस्ट हुया देशी गौमाता के शुद्ध घी से जरूरत है नियमित करने की

  • SWASTH SAMRIDDH PARIVAR
  • 2020-09-02
  • 195
वर्षो पुराना नजला नस्ट हुया देशी गौमाता के शुद्ध घी से जरूरत है नियमित करने की
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Описание к видео वर्षो पुराना नजला नस्ट हुया देशी गौमाता के शुद्ध घी से जरूरत है नियमित करने की

"""""रोगानुसार गाय के घी के उपयोग"""""

१. गाय का घी नाक में डालने से पागलपन दूर होता है ।
२. गाय का घी नाक में डालने से एलर्जी खत्म हो जाती है
३. गाय का घी नाक में डालने से लकवा का रोग में भी उपचार होता है ।

४. 20-25 ग्राम गाय का घी व मिश्री खिलाने से शराब, भांग व गांजे का नशा कम हो जाता है ।

५. गाय का घी नाक में डालने से कान का पर्दा बिना ओपरेशन के ही ठीक हो जाता है ।

६. नाक में घी डालने से नाक की खुश्की दूर होती है और दिमाग तरोताजा हो जाता है ।

७. गाय का घी नाक में डालने से कोमा से बाहर निकल कर चेतना वापस लोट आती है

८. गाय का घी नाक में डालने से बाल झडना समाप्त होकर नए बाल भी आने लगते है ।

९. गाय के घी को नाक में डालने से मानसिक शांति मिलती है, याददाश्त तेज होती है ।

१०. हाथ-पॉँव मे जलन होने पर गाय के घी को तलवो में मालिश करें जलन ठीक होता है ।

११. हिचकी के न रुकने पर खाली गाय का आधा चम्मच घी खाए, हिचकी स्वयं रुक जाएगी ।

१२. गाय के घी का नियमित सेवन करने से एसिडिटी व कब्ज की शिकायत कम हो जाती है ।

१३. गाय के घी से बल और वीर्य बढ़ता है और शारीरिक व मानसिक ताकत में भी इजाफा होता है ।

१४. गाय के पुराने घी से बच्चों को छाती और पीठ पर मालिश करने से कफ की शिकायत दूर हो जाती है ।

१५. अगर अधिक कमजोरी लगे, तो एक गिलास दूध में एक चम्मच गाय का घी और मिश्री डालकर पी लें ।

१६. हथेली और पांव के तलवो में जलन होने पर गाय के घी की मालिश करने से जलन में आराम आयेगा ।

१७. गाय का घी न सिर्फ कैंसर को पैदा होने से रोकता है और इस बीमारी के फैलने को भी आश्चर्यजनक ढंग से रोकता है ।

१८. जिस व्यक्ति को हार्ट अटैक की तकलीफ है और चिकनाई खाने की मनाही है तो गाय का घी खाएं, इससे ह्रदय मज़बूत होता है ।

१९. देसी गाय के घी में कैंसर से लड़ने की अचूक क्षमता होती है। इसके सेवन से स्तन तथा आंत के खतरनाक कैंसर से बचा जा सकता है ।

२०. गाय का घी, छिलका सहित पिसा हुआ काला चना और पिसी शक्कर या बूरा या देसी खाण्ड, तीनों को समान मात्रा में मिलाकर लड्डू बाँध लें । प्रतिदिन प्रातः खाली पेट एक लड्डू खूब चबा-चबाकर खाते हुए एक गिलास मीठा गुनगुना दूध घूँट-घूँट करके पीने से स्त्रियों के प्रदर रोग में आराम होता है, पुरुषों का शरीर मोटा ताजा यानी सुडौल और बलवान बनता है ।

२१. फफोलों पर गाय का देसी घी लगाने से आराम मिलता है ।

२२. गाय के घी की छाती पर मालिश करने से बच्चो के बलगम को बहार निकालने मे सहायता मिलती है ।

२३. सांप के काटने पर 100 -150 ग्राम गाय का घी पिलायें, उपर से जितना गुनगुना पानी पिला सके पिलायें, जिससे उलटी और दस्त तो लगेंगे ही लेकिन सांप का विष भी कम हो जायेगा ।

२४. दो बूंद देसी गाय का घी नाक में सुबह शाम डालने से माइग्रेन दर्द ठीक होता है ।

२५. सिर दर्द होने पर शरीर में गर्मी लगती हो, तो गाय के घी की पैरों के तलवे पर मालिश करे, इससे सिरदर्द दर्द ठीक हो जायेगा ।

२६. यह स्मरण रहे कि गाय के घी के सेवन से कॉलेस्ट्रॉल नहीं बढ़ता है । वजन भी नही बढ़ता, बल्कि यह वजन को संतुलित करता है । यानी के कमजोर व्यक्ति का वजन बढ़ता है तथा मोटे व्यक्ति का मोटापा (वजन) कम होता है ।

२७. एक चम्मच गाय के शुद्ध घी में एक चम्मच बूरा और 1/4 चम्मच पिसी काली मिर्च इन तीनों को मिलाकर सुबह खाली पेट और रात को सोते समय चाट कर ऊपर से गर्म मीठा दूध पीने से आँखों की ज्योति बढ़ती है ।

२८. गाय के घी को ठन्डे जल में फेंट ले और फिर घी को पानी से अलग कर ले यह प्रक्रिया लगभग सौ बार करे और इसमें थोड़ा सा कपूर डालकर मिला दें । इस विधि द्वारा प्राप्त घी एक असर कारक औषधि में परिवर्तित हो जाता है जिसे जिसे त्वचा सम्बन्धी हर चर्म रोगों में चमत्कारिक कि तरह से इस्तेमाल कर सकते हैं । यह सौराइशिस के लिए भी कारगर है ।

२९. गाय का घी एक अच्छा (LDL) कोलेस्ट्रॉल है। उच्च कोलेस्ट्रॉल के रोगियों को गाय का घी ही खाना चाहिए । यह एक बहुत अच्छा टॉनिक भी है ।

३०. अगर आप गाय के घी की कुछ बूँदें दिन में तीन बार, नाक में प्रयोग करेंगे तो यह त्रिदोष (वात पित्त और कफ) को सन्तुलित करता है ।

शुद्ध देशी गाय का घी प्राप्त करने हेतु भी सम्पर्क कर सकते हैं
विशेष होमियोपैथी व घरेलू चिकित्सीय सलाह हेतु आप व्यक्तिगत रात्रि 9 बजे के बाद सम्पर्क कर सकते हैं
*Homoeo Trang: 🌹🌹डॉ. वेद प्रकाश,नवादा( बिहार)🌹8051556455🌹 व भाई गोविन्द शरण प्रसाद 9958148111 स्त्री व बाल रोग सम्बंधित हेतु मोनिका बहन +918233322334 व ज्योतिओमप्रकाश गुप्ता बहन +919399341299🌹
पंचगव्य नासिक धृत (देशी गाय घी, दही, दूध,गौमय रस,गौमुत्र,मुलेठी, नीम, सफेद चंदन,शतावरी, शीतल चीनी,कमल का फूल,दुभी घास,तुलसी,दालचीनी,शंखपुष्पी, ब्राह्मी आदि युक्त वैदिक पद्धति से निर्मित) चमत्कारी गुणों से भरपूर इसे एक एक बूंद हल्का गर्म कर दोनों नाक में डाले व धीरे से खिंचे साथ ही इसके सेवन के बाद 1 से 2 घण्टे तक कुछ भी खाना पीना नहीं है इस प्रयोग से निम्न रोगों का नाश होता है

1. एलर्जी 2. लकवा 3. कान के फ़टे पर्दे 4. नाक की हड्डी का बढ़ना 5. खुश्की 6. दिमाग स्वस्थ 7. स्मरण शक्ति 8. कोमा 9. अनिद्रा 10. खराटे 11. नजला जुकाम 12. बालो का झड़ना 13. मिर्गी 14. सरदर्द 15. चिड़चिड़ापन 16. नकसीर 17. ब्रेन ट्यूमर 18. पागलपन 19. आँखों का लालीपन 20. सर का भारीपन 21.बार बार छींक आना 22. पूरानी यादों का आना 23. कफ के सभी रोग

ध्यान दें :- ये नासिक धृत देशी गाय से ही बनी होनी चाहिए नासिक धृत उपलब्ध न हो तो सिर्फ देशी घी का भी उपयोग कर सकते हैं।

सेवन विधि:- हल्का गुनगुना कर नाक के दोनों छिद्र में 2 2 बून्द रात को सोने से पहले डाले व तकिया का उपयोग न करें व न ही पानी या कोई तरल पेय पिये साथ ही चलना फिरना भी नही

अंग्रेजी में कहावत है old is gold जितना पुराना घी उतनी है औषधी गुणों से भरपूर।

स्वस्थ भारत समृद्ध भारत निर्माण हेतु एक प्रयास
वन्देमातरम

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