Logo video2dn
  • Сохранить видео с ютуба
  • Категории
    • Музыка
    • Кино и Анимация
    • Автомобили
    • Животные
    • Спорт
    • Путешествия
    • Игры
    • Люди и Блоги
    • Юмор
    • Развлечения
    • Новости и Политика
    • Howto и Стиль
    • Diy своими руками
    • Образование
    • Наука и Технологии
    • Некоммерческие Организации
  • О сайте

Скачать или смотреть रामायण कथा(सुंदरकांड)माता सीता का संदेह दूर करना, हनुमान ने विशाल रूप धारण किया।

  • अद्भुत भक्ति कथा | Adbhut Bhakti Katha
  • 2023-09-19
  • 101
रामायण कथा(सुंदरकांड)माता सीता का संदेह दूर करना, हनुमान ने विशाल रूप धारण किया।
रामायण सुनने से होगा सभी का कल्याणसुंदरकांड रामायण कथा हिंदी 2023हनुमान का विशाल रूप धारण करना हैहनुमान जी ने राम जी का संदेश माता सीता तक पहुंचायाहनुमान जी ने लंका के राक्षसों से किया युद्धहनुमान जी सभी भक्तों में सर्वश्रेष्ठ भक्त हैं
  • ok logo

Скачать रामायण कथा(सुंदरकांड)माता सीता का संदेह दूर करना, हनुमान ने विशाल रूप धारण किया। бесплатно в качестве 4к (2к / 1080p)

У нас вы можете скачать бесплатно रामायण कथा(सुंदरकांड)माता सीता का संदेह दूर करना, हनुमान ने विशाल रूप धारण किया। или посмотреть видео с ютуба в максимальном доступном качестве.

Для скачивания выберите вариант из формы ниже:

  • Информация по загрузке:

Cкачать музыку रामायण कथा(सुंदरकांड)माता सीता का संदेह दूर करना, हनुमान ने विशाल रूप धारण किया। бесплатно в формате MP3:

Если иконки загрузки не отобразились, ПОЖАЛУЙСТА, НАЖМИТЕ ЗДЕСЬ или обновите страницу
Если у вас возникли трудности с загрузкой, пожалуйста, свяжитесь с нами по контактам, указанным в нижней части страницы.
Спасибо за использование сервиса video2dn.com

Описание к видео रामायण कथा(सुंदरकांड)माता सीता का संदेह दूर करना, हनुमान ने विशाल रूप धारण किया।

रामायण कथा(सुंदरकांड)माता सीता का संदेह दूर करना, हनुमान ने विशाल रूप धारण किया।
#jaishreeram #adipurush#ram #hanuman
हनुमान का विशाल रूप:

वानरश्रेष्ठ हनुमान के मुख से यह अद्भुत वचन सुनकर सीता जी ने विस्मयपूर्वक कहा, वानरयूथपति हनुमान! तुम्हारा शरीर तो छोटा है तुम इतनी दूरी वाले मार्ग पर मुझे कैसे ले जा सकोगे? तुम्हारे इस दुःसाहस को मैं वानरोचित चपलता ही समझती हूँ।

सीता का अपने प्रति अविश्वास हनुमान को अपना तिरस्कार सा लगा। फिर उन्होंने सोचा कि मेरी शक्ति और सामर्थ्य से अपरिचित होने के कारण ही ये ऐसा कह रही हैं अतः इन्हें यह दिखा देना ही उचित होगा कि मैं अपनी इच्छानुरूप रूप धारण कर सकता हूँ। ऐसा सोचकर वे बुद्धिमान कपिवर उस वृक्ष से नीचे कूद पड़े और सीता जी को विश्वास दिलाने के लिये बढ़ने लगे। क्षणमात्र में उनका शरीर मेरु पर्वत के समान ऊँचा हो गया। वे प्रज्वलित अग्नि के समान तेजस्वी प्रतीत होने लगे। तत्पश्चात् पर्वत के समान विशालकाय, तामे के समान लाल मुख तथा वज्र के समान दाढ़ और नख वाले भयानक महाबली वानरवीर हनुमान विदेहनन्दिनी से बोले, देवि! मुझमें पर्वत, वन, अट्टालिका, चहारदीवारी और नगरद्वार सहित इस लंकापुरी को रावण के साथ ही उठा ले जाने की शक्ति है। अतः हे विदेहनन्दिनी! आपकी आशंका व्यर्थ है। देवि! आप मेरे साथ चलकर लक्ष्मण सहित श्री रघुनाथ जी का शोक दूर कीजिये।

हनुमान के आश्चर्यजनक रूप को विस्मय से देखती हुई सीता जी बोलीं, हे पवनसुत! तुम्हारी शक्ति और सामर्थ्य में अब मुझे किसी प्रकार की शंका नहीं रही है। तुम्हारी गति वायु के समान और तेज अग्नि के समान है। किन्तु मैं तुम्हारे प्रस्ताव को स्वीकार करने में असमर्थ हूँ। मैं अपनी इच्छा से अपने पति के अतिरिक्त किसी अन्य पुरुष के शरीर का स्पर्श नहीं कर सकती। मेरे जीवन में मेरे शरीर का स्पर्श केवल एक परपुरुष ने किया है और वह दुष्ट रावण है जिसने मेरा हरण करते समय मुझे बलात् अपनी गोद में उठा लिया था। उसकी वेदना से मेरा शरीर आज तक जल रहा है। इसका प्रायश्चित तभी होगा जब राघव उस दुष्ट का वध करेंगे। इसी में मेरा प्रतिशोध और उनकी प्रतिष्ठा है।

जानकी के मुख से ऐसे युक्तियुक्त वचन सुन कर हनुमान का हृदय गद्-गद् हो गया। वे प्रसन्न होकर बोले, हे देवि! महान सती साध्वियों को शोभा देने वाले ऐसे शब्द आप जैसी परम पतिव्रता विदुषी ही कह सकती हैं। आपकी दशा का वर्णन मैं श्री रामचन्द्र जी से विस्तारपूर्वक करूँगा और उन्हें शीघ्र ही लंकापुरी पर आक्रमण करने के लिये प्रेरित करूँगा। अब आप मुझे कोई ऐसी निशानी दे दें जिसे मैं श्री रामचन्द्र जी को देकर आपके जीवित होने का विश्वास दिला सकूँ और उनके अधीर हृदय को धैर्य बँधा सकूँ।

हनुमान के कहने पर सीता जी ने अपना चूड़ामणि खोलकर उन्हें देते हुये कहा, यह चूड़ामणि तुम उन्हें दे देना। इसे देखते ही उन्हें मेरे साथ साथ मेरी माताजी और अयोध्यापति महाराज दशरथ का भी स्मरण हो आयेगा। वे इसे भली-भाँति पहचानते हैं। उन्हें मेरा कुशल समाचार देकर लक्ष्मण और वानरराज सुग्रीव को भी मेरी ओर से शुभकामनाएँ व्यक्त करना। यहाँ मेरी जो दशा है और मेरे प्रति रावण तथा उसकी क्रूर दासियों का जो व्यवहार है, वह सब तुम अपनी आँखों से देख चुके हो, तुम समस्त विवरण रघुनाथ जी से कह देना। लक्ष्मण से कहना, मैंने तुम्हारे ऊपर अविश्वास करके जो तुम्हें अपने ज्येष्ठ भ्राता के पीछे कटुवचन कह कर भेजा था, उसका मुझे बहुत पश्चाताप है और आज मैं उसी मूर्खता का परिणाम भुगत रही हूँ। पवनसुत! और अधिक मैं क्या कहूँ, तुम स्वयं बुद्धिमान और चतुर हो। जैसा उचित प्रतीत हो वैसा कहना और करना।

जानकी के ऐसा कहने पर दोनों हाथ जोड़ कर हनुमान उनसे विदा लेकर चल दिये।
हिंदुओं को अपने धर्म ग्रंथो को जरूर पढ़ना और सुना हिंदू धर्म में रामायण को पढ़ना अनिवार्य माना गया है रामायण सबसे प्राचीन ग्रंथ है रामायण सुनने से होगा सभी का कल्याण हनुमान जी ने माता सीता को धैर्य बढ़ाया हनुमान जी ने माता सीता को अपना विशाल रूप दिखाया जय श्री रामसीता रामसीता राम 2023हनुमान जी ने राम जी का संदेश माता सीता तक पहुंचायाहनुमान जी सभी भक्तों में सर्वश्रेष्ठ भक्त हैंभक्ति करना तो हनुमान से सीखोहनुमान जी ने लंका के राक्षसों से किया युद्ध
हनुमान को सीता को धैर्य बंधना
माता सीता को हनुमान ने अंगूठी निशानी दी
माता सीता को हनुमान जी ने विशाल रूप दिखाया
माता सीता को विश्वास दिलाने के लिए हनुमान जी ने क्या किया
हनुमान जी नेअशोक वाटिका को तरसनहस कर दिया
श्री राम सीता माता की प्रेम कहानी
राम सीता की अद्भुत प्रेम कहानी

Комментарии

Информация по комментариям в разработке

Похожие видео

  • О нас
  • Контакты
  • Отказ от ответственности - Disclaimer
  • Условия использования сайта - TOS
  • Политика конфиденциальности

video2dn Copyright © 2023 - 2025

Контакты для правообладателей [email protected]