श्रीनगर गढ़वाल की कहानी || the story of Srinagar Garhwal Uttarakhand || hil yarta ||

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Srinagar Garhwal - Sonprayag - Gaurikund to Kedarnath Trek

केदारनाथ धाम उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले में 11657 फ़ीट पर स्थित भगवान शिव का प्रसिद्ध मंदिर है। यह मंदिर पंचकेदारों में प्रसिद्ध मंदिर है। यहाँ स्थित शिवलिंग 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है।
उत्तराखंड चारधाम यात्रा में यह मंदिर तीसरे स्थान पर आता है। माना जाता है कि शंकराचार्य ने स्वयं इस मंदिर का निर्माण 8वीं सदी में किया था। नंदी जो कि पौराणिक कथानुसार भगवान शिव का वाहन है, की मूर्ति एक रक्षक के रूप में मंदिर के बाहर रखी गयी है। यह माना जाता है कि कुरुक्षेत्र की महान लड़ाई के बाद पांडवों ने अपने मित्र एवं सम्बन्धियो को मारने का दोषी महसूस किया एवं उन्हें अपने पापों से मुक्ति के लिए भगवान शिव के आशीर्वाद की आवश्यकता पड़ी। भगवान शिव मिलने के इच्छुक नहीं थे और इसलिए पांडवों से बार बार बच रहे थे। उन्होंने बैल के रूप में केदारनाथ शरण ली। पांडवो द्वारा पीछा किये जाने पर उन्होंने जमीन में डुबकी लगाई और सतह पर अपना कूबड़ छोड़ दिया। भगवान शिव के शेष चार भाग अन्य स्थानों पर दिखाई देते हैं जिसमे भुजाएँ तुंगनाथ में, पेट (नाभि) मदमहेश्वर में और लट के साथ मस्तक कल्पेश्वर में दिखाई देते हैं। वहाँ भगवान शिव की अभिव्यक्ति के रूप में पूजा की जाती है।
जय भोले नाथ🙏


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