HISTORY OF SHRI NAAG DEVTA MAHARAJ NAAVI l श्री नाग देवता महाराज नावी का इतिहास

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लोककथाओं के अनुसार श्री नाग देवता महाराज (नावी) का इतिहास।

लोककथाओं के अनुसार पूर्वकाल में करयाली गांव में जय चंद ठाकुर का शासन था। नाग देवता नावी एवं सुनू देवता उसके कुलइष्ट थे और दोनों देव करयाली गांव में ही रहते थे। एक बार जय चंद ठाकुर की बुद्धिभ्रष्ट हो गयी उसने अपने नौकर (जो डोमैहर गांव से था) उसे आदेश दिया कि इन दोनों देवताओ को दरिया में फेंक कर आ। नौकर ठाकुर की बात टाल नहीं सका उसने देवताओ के मोहरे (मूर्तियाँ) उठा कर किलटे में रखी और चल पड़ा।
थोड़ी दूर जाकर वह नराड़ नामक स्थान पर पहुंचा जहां कुछ औरतें खेतों में काम कर रही थी। औरतों ने उस व्यक्ती से पूछ लिया कि हां भाई इस किलटे में क्या ले जा रहे हो?
नौकर ने सारा वृतांत सुनाया। सब कुछ सुनने के बाद औरतों ने उस नौकर से कहा की ठाकुर की तो बुद्धी भ्रष्ट हो चुकी है वो खुद तो मरेगा साथ ही तुझे भी मारेगा ये पाप मत कर। उसे समझ आ गया कि यदि उसने ठाकुर की बात मान ली तो अनर्थ हो जाएगा।
उसने ग्राम गराओ में मूर्तियाँ बांस में छुपा दी और खुद घर लौट आया यह सोचकर कि कल वह देवता को यहां से ले जाएगा।
अगले दिन आकर जब वह देवता को ले जाने लगा तो उसे चलते चलते मूर्तियाँ कुछ कम लगी परंतु उसने ज़्यादा ध्यान न देकर चलता रहा।
(जो मूर्तियाँ वहीं रह गयी माना जाता है की वह सुनू देवता की ही थी।)
जो मूर्तियाँ वह साथ लाया वह उसने एक डवार (गुफा) में रखी और निश्चिंत होकर घर लौट गया।
कुछ समय बाद नाग देवता उसके सामने में आने लगे और सपने में आकर कहते की " मैं यही हूँ जहाँ तूने मुझे रखा है और अब तूने ही मुझे यहां से निकालना है। वह तुरंत ही अगले दिन देवता जी की मूर्तियों के पास पहुंचा तो देवता ने उससे कहा की "तू पहले एक पंडित ले कर आ और मुझे यहां से निकाल।"
वह बिल्कुल भी देर किए बिना नावी गांव पहुंचा, पंडित की पत्नी उसे आते देख लिया और पंडित को खबर कर दी ठाकुर का नौकर आ रहा है।
उस समय ठाकुर बुआरे लगाया करता था अर्थात्‌ बारी बारी सभी को कुछ काम देता था जिसके उन्हें कुछ भी पैसे नहीं मिला करते थे। उसी के डर से पंडित ओबरे में छिप गया की कहीं उसे न बुलाया हो। नौकर ने जब पंडित की पत्नी को पूरी बात बताई तो पंडित ने भी छिप कर सुन रहा था और जब उसे पता चला कि देवता महाराज ने बुलाया है तब वह ओबरे से बाहर निकला और देर न करते हुए नौकर के साथ चल पड़ा।
जैसे ही वह देवता के पास पहुंचा देवता ने कहा कि तू मेरे काम करने लिए छिपा इसलिए तू अशुद्ध है अभी 7 दिन बाद आना और साथ में गरी गोला और कढ़ेया (भोग) साथ लेकर आना।
फिर जब वह पंडित देवता महाराज के पास 7 दिन बाद पहुंचता है तो देवता उसे कहते है कि "तू मेरी पूजा कर, मुझे भोग लगा, गरी गोला चढ़ा फिर मैं अपने असली रूप में आऊंगा तो तू मुझे बिना डरे कस के पकड़ना।" जैसा देवता महाराज ने कहा पंडित ने बिल्कुल वैसा ही किया और वहां से एक मोटा काला नाग प्रकट हुआ और उसे कस कर पकड़ा तो वहां चांदी की चौखट में से एक सोने का मोहरा प्रकट
हुआ।

उसके बाद देवता जी ने कहा कि मुझे एक कपड़े में लपेट कर ले जा और तू जहाँ बैठेगा और मेरे ऊपर से यह कपड़ा हटेगा वहां से जितना क्षेत्र दिखाई देगा वह मेरा ही होगा। पंडित ने नावी गांव में जाकर विश्राम किया और वहीं देवता जी की मोहरे से कपड़ा हट गया।

नावी के स्थानीय लोगों के इष्ट देव डोम देवता (नावी) है इसलिए उन्होंने देवता की ही इच्छा अनुसार नाग एवं डोम देवता को साथ पूजना आरंभ किया। साथ होने के कारण ही नाग देवता नावी को नाग डोम देवता भी कहा जाता है। नाग देवता नावी 12/20 के मालिक है। जहां अन्य महाशक्तियाँ भी है जैसे डोम देवता (शाड़ा), गौण देवता (नदोहत), सुनू देवता (गराओ), देवी भीमाकाली (करयाली), डोम देवता (डोमैहर), गौण देवता (चपराणी), माहूँनाग देवता आदि। इन सभी महाशक्तियों को नाग देवता महाराज ने ही स्थान दिया है व यह 12/20 नाग देवता महाराज ने अपने 4 कुई खानदान को संभाली है।

वर्त्तमान समय में श्री नाग देवता महाराज का मुख्य मंदिर नावि गाँव में स्थित है जहां देवता महाराज के साथ अन्य महाशक्तियां भी वास करती है जैसे डोम देवता, थान नारायण, माँ काली, भोड़ वीर आदि।

नाग देवता महाराज संपूर्ण सात्विक देव है व नरोल के देवता है जोकि पर्दे में ही रहना पसंद करते है।

देवता महाराज के मंदिर में हर संक्राति के दिन पांची की जाती है जिसमें देवता महाराज लोगों के समस्याओं का समाधान करते है व उन्हें आशीर्वाद प्रदान करते है। इसके अलावा भाद्रपद महीने में देवता महाराज अपने थान जाते है व संपूर्ण मास वहीं वास करते है व भाद्रपद महीने के उपरांत जब देवता महाराज वापस नावि आते है तब नावी में जागरे का आयोजन किया जाता है।

श्री नाग देवता महाराज बहुत ही शांत व निर्मल स्वभाव के देवता है व संपूर्ण 12/20 आज इनके आशीर्वाद से इनकी मिट्टी पर सुखी जीवन व्यतित कर फल फूल रहा है।

( यह जानकारी हमें 12/20 के स्थानीय लोगों द्वारा प्राप्त हुई है।)

श्री नाग देवता महाराज 🚩
स्थान - नावी🛕
तहसील - सुन्नी 📍
रियासत - भज्जी⛰
जिला - शिमला ⛰

Voice - RJ SAURABH
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BGM:    • Naga Stuti | Naga Nagam Ashrayeham | ...  

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