@Yatriashish
श्री #श्रीखन्ड #महादेव #कैलाश यात्रा – १,
#धरती पर ज्ञात #पंचकैलाश में से एक #कैलाश है श्री श्रीखंड #महादेव जो कि #हिमाचल प्रदेश के jaon गांव से यात्रा प्रारंभ होती है और एक तरफ की यात्रा 35 से 36 किलोमीटर के आसपास पड़ती है।
पांच कैलाश में से तीन कैलाश #हिमाचलप्रदेश में ही स्तिथ हैं ,
श्री #मणिमहेश कैलाश जी,
श्री #किन्नरकैलाश जी,
श्री #श्रीखंडमहादेव कैलाश जी,
#महादेव की #असीम #कृपा से मुझे तीन कैलाश के #दर्शन करने #सौभाग्य प्राप्त हुआ,
बाबा ने अपने तीसरे कैलाश श्री #श्रीखंडमहादेव जी के दर्शन का सौभाग्य मेरे को दिया।
#भारत की #सबसे #जटिल #धार्मिक #यात्राओं में से एक श्री श्रीखंड महादेव जी का #मार्ग पूरी तरह से #प्राकृतिक #सौंदर्य अपने में #समेटे हुए हैं,
#घने #जंगलों के बीच से होते हुए और #खड़ी #चढ़ाई चढ़ के #बाबा के #धाम तक जाया जाता है।
#मौसम कभी भी बदल जाता है एक पल #धूप होती है तो अगले #पल ही #बारिश बहुत ही तेज होती है,
जो की #लगातार कई #घंटे तक चलती रहती है और #तापमान बड़ी तेजी से गिर जाता है।
श्री #श्रीखंडमहादेव जी की यात्रा jaon गांव से शुरू होती है जिसमें कुछ मुख्य पड़ाव पढ़ते हैं जैसे 3 किलोमीटर की दूरी पर #शिंघाड़ गांव,
उससे कुछ आगे चलकर एक #सन्यासी बाबा जी का #आश्रम पड़ता है जो की 12 महीने वहीं रहते हैं ,
उसी #आश्रम से #आगे बढ़कर चढ़ाई चढ़ते हुए 12 किलोमीटर की दूरी तय कर कर #थाचडू पहुंचा जाता है जहां पर #रात्रि #विश्राम किया जा सकता है और #भोजन #पानी की व्यवस्था होती है,
थाचडू से कई किलोमीटर खड़ी चढ़ाई चढ़कर स्थान आता है #काली टॉप जहां पर #माता #कालीमाँ जी का एक छोटा सा #मंदिर है जहां से #आशीर्वाद लेकर आगे यात्रा के लिए #शक्ति मिलती है और #प्रस्थान किया जाता है वहां से 5 से 6 किलोमीटर की दूरी तय करके स्थान आता है #कुंश्चा,
इस स्थान से लगभग 7 किलोमीटर तय करके #भीमद्वारा पहुंचा जाता है ,
#भीमद्वारा से 2 किलोमीटर #ऊपर की तरफ #चढ़ाई #चढ़कर #स्थान आता है मां #पार्वती बाग,
पार्वती बाग से #नैन #सरोवर की दूरी 2 किलोमीटर के करीब है,
नैन सरोवर से एकदम #सीधा चढ़ते हुए #बर्फिले #मार्ग से होते हुए #महादेवजी के दर्शन लिए #श्रीखंडमहादेव धाम तक पंहुचा जाता है,
यह सब कुछ #मुख्य #पड़ाव है और,
पार्वती बाग से हमें बहुत जल्दी ही यात्रा #प्रारंभ करनी होती है ताकि हम दर्शन करके #वापस #सही #समय पर पहुंच सके पार्वती बाग तक।
पार्वती बाग से मार्ग थोड़ा #जटिल हो जाता है क्योंकि पूरा ही मार्ग खड़ी चढ़ाई और #बोल्डरों से भरा रहता है,
#मौसम अगर सही ना हो तो पूरे मार्ग में #बर्फ भी मिलती है और #बर्फबारी होती रहती है जिससे चढ़ाई चढ़ने में थोड़ा #मुश्किल हो जाती है,
लेकिन #मन में #विश्वास रखकर महादेव का नाम लेते हुए #भक्तजन पहुंच जाते हैं ,
और महादेव के #अप्रतिम दर्शन होते हैं,
#विशाल #शिला विशाल #शिवलिंग #योगी श्री #श्रीखंडमहादेव जी #विराजित है पांच #कैलाश में से एक।
जैसे ही #महादेव के दर्शन प्राप्त होते हैं मानो सारी #थकावट अपने आप ही #गायब हो जाती है,
मन को एक #अलौकिक #शांति #सुकून मिलता है ,
#मनोबल इतना #बढ़ जाता है जैसे #भक्तजन कुछ भी कर जाएंगे
आगे की यात्रा भी जल्द ही #साझा करूंगा #महादेव के सभी #भक्तो के साथ।
#हरहरमहादेव
#श्रीमहादेवशंभू🙏🙏
जय हो श्रीखंड महादेव।
#हरहरमहादेव
#श्रीमहादेवशंभू🙏🙏
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Shri #ShriKhand #Mahadev #Kailash Yatra - 1, Shrikhand #Mahadev Yatra starts from Jaon village of #Himachal Pradesh and one way journey is 35 to 36 kilometers. It is found nearby.
Out of the five Kailash, three Kailash are situated in Himachal Pradesh, Shri #Manimahesh Kailash Ji, Shri #Kinnar Kailash Ji, Shri #ShriKhandMahadev Kailash Ji,
One of the most complex religious journeys of #India, the route of Shri Shrikhand Mahadev Ji is completely filled with natural beauty,
One goes to Baba's #dham by passing through dense #forests and climbing steep #climbs.
The #weather changes anytime, one moment there is #sunshine and the next moment it raining
The journey of Shri #SrikhandMahadev Ji starts from Jaon village in which there are some main stops like #Shinghad village at a distance of 3 kms,
A little further from that there is an #ashram of a #sanyasi baba ji who stays there for 12 months,
From that #ashram #moving forward and climbing a distance of 12 kms one reaches #Thachadu where one can rest for the night and arrangements for #food #water are made,
we have to start the journey very early from Parvati Bagh so that after the darshan, we can reach Parvati Bagh on time. The route from Parvati Bagh becomes a little complicated because the entire route is full of steep climbs and boulders,
If the weather is not good then there is snow on the entire route
But keeping faith in their minds, the devotees reach there chanting the name of Mahadev,
And they get the amazing darshan of Mahadev,
A huge rock, a huge Shivling, Yogi Shri Shrikhand Mahadev Ji is seated on one of the five Kailash.
As soon as you get the darshan of Mahadev, it seems as if all the tiredness disappears on its own,
The mind gets a supernatural peace,
The morale increases so much that the devotees can do anything,
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