एक बात साफ़ थी, उसकी हर आदत दुनिया के व्याकरण के खिलाफ़ थी || आचार्य प्रशांत, कवि धूमिल पर (2022)

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⚡ आचार्य प्रशांत कौन हैं?

अध्यात्म की दृष्टि कहेगी कि आचार्य प्रशांत वेदांत मर्मज्ञ हैं, जिन्होंने जनसामान्य में भगवद्गीता, उपनिषदों ऋषियों की बोधवाणी को पुनर्जीवित किया है। उनकी वाणी में आकाश मुखरित होता है।

और सर्वसामान्य की दृष्टि कहेगी कि आचार्य प्रशांत प्रकृति और पशुओं की रक्षा हेतु सक्रिय, युवाओं में प्रकाश तथा ऊर्जा के संचारक, तथा प्रत्येक जीव की भौतिक स्वतंत्रता व आत्यंतिक मुक्ति के लिए संघर्षरत एक ज़मीनी संघर्षकर्ता हैं।

संक्षेप में कहें तो,
आचार्य प्रशांत उस बिंदु का नाम हैं जहाँ धरती आकाश से मिलती है!

आइ.आइ.टी. दिल्ली एवं आइ.आइ.एम अहमदाबाद से शिक्षाप्राप्त आचार्य प्रशांत, एक पूर्व सिविल सेवा अधिकारी भी रह चुके हैं।

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वीडियो जानकारी: 25.10.22, कविता धूमिल सत्र, ग्रेटर नॉएडा

प्रसंग:
~ धूमिल इतने जटिल क्यों?
~ कवि कि असली पहचान क्या?
~ एक इमानदार अभिव्यक्ति कैसी होती है?
~ सच्चा कवि कौन?
~ हम अपने ही दर्द को क्यों छुपाते हैं?

संगीत: मिलिंद दाते
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