Logo video2dn
  • Сохранить видео с ютуба
  • Категории
    • Музыка
    • Кино и Анимация
    • Автомобили
    • Животные
    • Спорт
    • Путешествия
    • Игры
    • Люди и Блоги
    • Юмор
    • Развлечения
    • Новости и Политика
    • Howto и Стиль
    • Diy своими руками
    • Образование
    • Наука и Технологии
    • Некоммерческие Организации
  • О сайте

Скачать или смотреть Part-73 श्रीमद्भागवत महापुराण (चतुर्थ:स्कन्धः) अध्याय-11 आचार्य श्रीचक्रपाणि नेपाल (फलाहारी)

  • आचार्य चक्रपाणि नेपाल Acharya Chakrapani Nepal
  • 2025-12-22
  • 1
Part-73 श्रीमद्भागवत महापुराण (चतुर्थ:स्कन्धः) अध्याय-11 आचार्य श्रीचक्रपाणि नेपाल (फलाहारी)
BhakttiDarshanTVDivya UpadeshVishnu PuranKathmanduNepali KathaDEVITIONAL VIDEOKrishna KathaRam KathaShriVaisnabPraside USAAasthaBhakti TVDivyaJETWORLDShreeBaisnabNepalUSAJyotish Thakur DevkotaRaju Adhikari BhajanSwadharma TVAdhyatm Gyan SagarKuber SubediGuruKul NepalSRDBHAKTISadhna PravachanBHAKTI LIVETilakHari Darshanभगवान के भजनSADHNA GOLDसाध्य पथपरमात्म मिलनMulPathOM TV NEPALKrishna KhanalSanskrit classSanskrit
  • ok logo

Скачать Part-73 श्रीमद्भागवत महापुराण (चतुर्थ:स्कन्धः) अध्याय-11 आचार्य श्रीचक्रपाणि नेपाल (फलाहारी) бесплатно в качестве 4к (2к / 1080p)

У нас вы можете скачать бесплатно Part-73 श्रीमद्भागवत महापुराण (चतुर्थ:स्कन्धः) अध्याय-11 आचार्य श्रीचक्रपाणि नेपाल (फलाहारी) или посмотреть видео с ютуба в максимальном доступном качестве.

Для скачивания выберите вариант из формы ниже:

  • Информация по загрузке:

Cкачать музыку Part-73 श्रीमद्भागवत महापुराण (चतुर्थ:स्कन्धः) अध्याय-11 आचार्य श्रीचक्रपाणि नेपाल (फलाहारी) бесплатно в формате MP3:

Если иконки загрузки не отобразились, ПОЖАЛУЙСТА, НАЖМИТЕ ЗДЕСЬ или обновите страницу
Если у вас возникли трудности с загрузкой, пожалуйста, свяжитесь с нами по контактам, указанным в нижней части страницы.
Спасибо за использование сервиса video2dn.com

Описание к видео Part-73 श्रीमद्भागवत महापुराण (चतुर्थ:स्कन्धः) अध्याय-11 आचार्य श्रीचक्रपाणि नेपाल (फलाहारी)

Part-73
Shrimad Bhagwat Mahapuran Mul Path
श्रीमद्भागवत महापुराण मुल पाठ
(चतुर्थ: स्कन्धः) अध्याय-11
श्रीमद्भागवत पुराण, जिसे भागवतम् भी कहा जाता है, हिन्दू धर्म के अट्ठारह पुराणों में से एक है और इसे भक्ति योग पर केंद्रित एक पवित्र ग्रंथ माना जाता है, जिसमें भगवान कृष्ण को सर्वश्रेष्ठ रूप में दर्शाया गया है. इसमें आध्यात्मिक ज्ञान, विविध उपाख्यानों और रस-भाव की भक्ति का वर्णन है, और इसे वेदों का सार तथा सनातन धर्म का मुकुटमणि कहा जाता है. परंपरागत रूप से, इसके रचयिता वेद व्यास हैं, और इसका मुख्य उद्देश्य भक्ति मार्ग के माध्यम से मोक्ष प्राप्त करना है। और यहां महापुराणका मुलपाठ इस च्यानेलके माधयम से आपके समक्छ प्रसतुत किया ज रहा हे।
श्रीमद् भागवत में 335 अध्याय,18 हजार श्लोक, 335 अध्याय व 12 स्कंध हैं।
प्रथम स्कंध (1.2.3.4 व 5 ) (6.7.8.9 व 10) (11.12.13.14 व 15) (16.17.18 व 19 वाँ अध्याय)
शुकदेव जी ईश्वर भक्ति का माहात्म्य सुनाते हैं। भगवान के विविध अवतारों का वर्णन, देवर्षि नारद के पूर्वजन्मों का चित्रण, राजा परीक्षित के जन्म, कर्म और मोक्ष कीकथा, अश्वत्थामा का निन्दनीय कृत्य और उसकी पराजय, एवं पाण्डवों का स्वर्गारोहण के लिए हिमालय में जाना आदि घटनाओं का क्रमवार कथानक के रूप में वर्णन किया गया है।
द्वितीय स्कंध:- (1.2.3.4 व 5 ) (6.7.8.9 व 10 वाँ अध्याय)
विराट स्वरूप वर्णन, गीता का उपदेश, पुराणों के दस लक्षणों और सृष्टि-उत्पत्ति का उल्लेख |
तृतीय स्कंध(1.2.3.4,5 ) (6.7.8.9 व 10 ) (11.12.13.14 व 15) (16.17.18.19 व 20 ) (21.22.23.24 व 25 ) (26.27.28.29. 30) (31.32, 33 वाँ अध्याय)
उद्धव और विदुर जी की भेंट, विदुर और मैत्रेय ऋषि की भेंट, सृष्टि क्रम का उल्लेख, ब्रह्मा की उत्पत्ति, काल विभाजन का वर्णन, सृष्टि-विस्तार का वर्णन, वराह अवतार की कथा, प्रह्लाद की भक्ति, नृसिंह अवतार द्वारा हिरण्यकशिपु का वध, सांख्य शास्त्र का उपदेश तथा कपिल मुनि के रूप में भगवान का अवतार |
चतुर्थ स्कंध(1.2.3.4 व 5) (6.7.8.9 व 10 ) (11.12.13.14 व 15 ) (16.17.18.19 व 20 ) (21.22.23.24 व 25 ) (26.27.28.29.30 व 31 वाँ अध्याय)
प्रसिद्धि 'पुरंजनोपाख्यान' के कारण बहुत अधिक है।
पंचम स्कंध(1.2.3.4 व 5 ) (6.7.8.9 व 10 ) (11.12.13.14 व 15 ) (16.17.18.19 व 20 ) (21.22.23.24.25 व 26 वाँ अध्याय)
प्रियव्रत, अग्नीध्र, राजा नाभि, ऋषभदेवतथा भरत आदि राजाओं के चरित्रों का वर्णन है। पुरंजनोपाख्यान गंगावतरण की कथा, रौरव नरकों का वर्णन यहाँ किया गया है।
षष्ठ स्कंध(1.2.3.4 व 5 ) (6.7.8.9 व 10 ) (11.12.13.14 व 15 ) (16.17.18. व 19 वाँ अध्याय)
नारायण कवच और पुंसवन व्रत विधि, दक्ष प्रजापति के वंश का भी वर्णन। वत्रासुर राक्षस द्वारा देवताओं की पराजयस, दधीचि ऋषि की अस्थियों से वज्र निर्माण तथा वत्रासुर के वध की कथा भी दी गई है।
सप्तम स्कंध (1.2.3.4 व 5 वाँ अध्याय) (6.7.8.9 व 10 वाँ अध्याय) (11.12.13.14 व 15 वाँ अध्याय)
भक्तराज प्रह्लाद और हिरण्यकशिपु की कथा विस्तारपूर्वक है मानव धर्म, वर्ण धर्म और स्त्री धर्म का विस्तृत विवेचन है।
अष्टम स्कंध (1.2.3.4 व 5 ) (6.7.8.9 व 10) (11.12.13.14 व 15 ) (16.17.18.19 व 20 ) (21.22.23 व 24 वाँ अध्याय)
ग्राह द्वारा गजेन्द्र के पकड़े जाने पर विष्णु द्वारा गजेन्द्र उद्धार की कथा का रोचक वृत्तान्त है। समुद्र मन्थन और मोहिनी रूप में विष्णु द्वारा अमृत बांटने की कथा भी है। देवासुर संग्राम और भगवान के 'वामन अवतार' की कथा भी इस स्कंध में है। अन्त में 'मत्स्यावतार' की कथा यह स्कंध समाप्त हो जाता है।
नवम स्कंध (1.2.3.4 व 5 ) (6.7.8.9 व 10) (11.12.13.14 व 15 ) (16.17.18.19 व 20 ) (21.22.23 व 24 वाँ अध्याय)
पुराणों के एक लक्षण 'वंशानुचरित' के अनुसार, इस स्कंध में मनु एवं उनके पाँच पुत्रों के वंश-इक्ष्वाकु वंश,निमि वंश, चंद्र वंश, विश्वामित्र वंश तथा पुरू वंश, भरत वंश, मगध वंश, अनु वंश, द्रह्यु वंश, तुर्वसु वंश और यदु वंश आदि का वर्णन प्राप्त होता है। राम, सीता आदि का भी विस्तार से विश्लेषण किया गया है।
दशमं स्कंध (1.2.3.4 व 5) (6.7.8.9 व 10) (11.12.13.14 व 15) (16.17.18.19 व 20) (21.22.23.24 व 25 ) (26.27.28.29.30 व 31 ) (32.33.34.35.36) (37.38.39.40.41) (42.43.44.45.46) (47.48.49 )उत्तरार्ध (50.51.52.53.54) (55.56.57.58.59) (60.61.62.63.64) (65.66.67.68.69) (70.71.72.73.74 ) (75.76.77.78.79 ) (80.81.82.83.84 ) (85.86.87.88.89.90 )
दो खण्डों - 'पूर्वार्द्ध' और 'उत्तरार्द्ध' में विभाजित है। श्रीकृष्ण चरित्र विस्तारपूर्वक है। प्रसिद्ध 'रास पंचाध्यायी'.'पूर्वार्द्ध' के अध्यायों में श्रीकृष्ण के जन्म से लेकर अक्रूर जी के हस्तिनापु, जरासंधसे युद्ध, द्वारकापुरी का निर्माण, रुक्मिणी हरण, श्रीकृष्ण का गृहस्थ धर्म, शिशुपाल वध आदि का वर्णन है।
एकादश स्कंध (1.2.3.4.5) (6.7.8.9.10 ) (11.12.13.14.15 ) (16.17.18.19.20 ) (21.22.23.24.25 ) (26.27.28.29.30.31 वाँ अध्याय)
राजा जनक और नौ योगियों के संवाद द्वारा भगवान के भक्तों के लक्षण गिनाए गए हैं। ईश्वर की विभूतियों का उल्लेख करते हुए वर्णाश्रम धर्म, ज्ञान योग, कर्मयोग और भक्तियोग का वर्णन है।

द्वादश स्कंध (1.2.3.4.5 वाँ अध्याय) (6.7.8.9.10 वाँ अध्याय) (11.12.13 वाँ अध्याय)
राजा परीक्षित के बाद के राजवंशों का वर्णन भविष्यकाल में किया गया है। शुद्ध साहित्यिक एवं ऐतिहासिक कृति के रूप में भी यह पुराण अत्यन्त महत्त्वपूर्ण है।
..प्रवचन - आचार्य श्रीचक्रपाणि नेपाल
Acharya Chakrapani Nepal
-
छायांकन - पुरुषोत्तम कट्टेल (सरस)
(  / saraskattel  )
सम्पादन - पुरुषोत्तम कट्टेल (सरस)
प्रविधि सहयोगी - पुरुषोत्तम कट्टेल (सरस)
Facebook *   / archarya.chakrapani  
#purushotam_kattel #Acharya_Chakrapani_Nepal #katha #shrimadbhagwatkatha #shrimadbhagwatmahapuran #acharya

Комментарии

Информация по комментариям в разработке

Похожие видео

  • О нас
  • Контакты
  • Отказ от ответственности - Disclaimer
  • Условия использования сайта - TOS
  • Политика конфиденциальности

video2dn Copyright © 2023 - 2025

Контакты для правообладателей [email protected]