यादवों और कौरवों के माता पिता राजा ययाति देवयानी और शर्मिष्ठा की कहानी#viral #trending #motivation#AnilVision
Disclaimer: All images and visuals used in this video are for educational and storytelling purposes only. They have been used under fair use for commentary, research, and illustration. All rights belong to their respective owners, and no copyright infringement is intended.
💬 आपके विचार हमारे लिए महत्वपूर्ण हैं
📢 Like, Share और Subscribe करें ताकि ऐसे और आध्यात्मिक व प्रेरणादायक वीडियो आप तक पहुँचते रहें।
🔔 Subscribe करें: [ / @anilvision ]
👍 वीडियो पसंद आए तो लाइक और शेयर करें
📢 Facebook पर जुड़ें: [ / anil.singhtmd ]
यादवों को किसने दिया श्राप ?
बड़े भाई यदु के होते हुए पुरु को राजा क्यों बनाया गया?
राजा ययाति, देवयानी, और शर्मिष्ठा की कहानी महाभारत में प्रमुखता से वर्णित है। यह कहानी भारतीय पौराणिक कथाओं में बहुत महत्वपूर्ण मानी जाती है क्योंकि इससे यादवों और कौरवों के वंश की उत्पत्ति जुड़ी हुई है। आइए इस कहानी को विस्तार से जानें:
ययाति और देवयानी
राजा ययाति चंद्रवंशी राजा नहुष के पुत्र थे। एक समय, शुक्राचार्य (असुरों के गुरु) की पुत्री देवयानी ने राजा ययाति से विवाह किया। देवयानी की कहानी कुछ इस प्रकार है कि एक दिन वह शर्मिष्ठा, जो दानवों के राजा वृशपर्वा की पुत्री थी, के साथ खेल रही थी। किसी कारणवश देवयानी और शर्मिष्ठा के बीच विवाद हो गया और शर्मिष्ठा ने देवयानी को कुएं में धकेल दिया। जब ययाति ने देवयानी को कुएं से बाहर निकाला, तो देवयानी ने उससे विवाह करने की इच्छा व्यक्त की।
देवयानी की इस मांग के पीछे उसका मानना था कि उसने उसकी इज्जत बचाई है और उसे अब उसका पति बनना चाहिए। इस प्रकार, ययाति और देवयानी का विवाह हो गया। उनके दो पुत्र हुए - यदु और तुर्वसु।
शर्मिष्ठा की कहानी
शर्मिष्ठा, राजा वृशपर्वा की पुत्री, देवयानी की सहेली और अनुचरी थी। देवयानी की शादी के बाद शर्मिष्ठा भी ययाति के महल में रहने लगी। एक दिन, शर्मिष्ठा ने ययाति से अनुरोध किया कि वह उसके साथ संतान उत्पन्न करें। ययाति ने शर्मिष्ठा की इस इच्छा को पूरा किया और उनसे तीन पुत्र हुए - द्रुह्यु, अनु, और पुरु।
ययाति का श्राप और उसके परिणाम
राजा ययाति ने अपनी जवानी को अधिक समय तक बनाए रखने के लिए इन्द्रियों के सुख का अधिक सेवन किया। इस कारण, उन्हें उनके पिता नहुष ने श्राप दिया कि वे जल्दी बूढ़े हो जाएंगे। ययाति ने इस श्राप से मुक्ति पाने के लिए अपने पुत्रों से अपनी बुढ़ापे की अवस्था उन्हें देने और उनकी जवानी को अपने लिए लेने का अनुरोध किया। सभी पुत्रों ने मना कर दिया, सिवाय सबसे छोटे पुत्र पुरु के। पुरु ने अपने पिता के आदेश का पालन किया और अपनी जवानी उन्हें दे दी।
ययाति ने लंबे समय तक जवानी का आनंद लिया, लेकिन अंत में उन्हें यह एहसास हुआ कि इन्द्रियों का सुख कभी समाप्त नहीं होता। अंत में उन्होंने पुरु को अपनी जवानी वापस दे दी और राज्य का उत्तराधिकारी बना दिया।
यादवों और कौरवों की उत्पत्ति
यदु: यदु से यादव वंश की उत्पत्ति हुई, जिसमें श्रीकृष्ण भी जन्मे।
पुरु: पुरु से कुरुवंश की उत्पत्ति हुई, जिसमें पांडव और कौरव पैदा हुए।
इस प्रकार, ययाति, देवयानी, और शर्मिष्ठा की कहानी महाभारत की कथा का महत्वपूर्ण हिस्सा है, जिसमें कई महत्वपूर्ण पात्रों और वंशों की उत्पत्ति का वर्णन है।
राजा ययाति, देवयानी और शर्मिष्ठा की कहानी भारतीय पौराणिक कथाओं और महाभारत के प्रमुख कथानकों में से एक है। यह कहानी मुख्य रूप से निम्नलिखित घटनाओं और पात्रों पर केंद्रित है:
राजा ययाति
चंद्रवंशी राजा नहुष के पुत्र।
उनकी दो पत्नियाँ थीं: देवयानी और शर्मिष्ठा।
ययाति को काम-लालसा के कारण श्राप मिला था।
देवयानी
शुक्राचार्य की पुत्री।
एक दिन शर्मिष्ठा के साथ खेलते समय विवाद हो गया।
शर्मिष्ठा ने देवयानी को कुएं में धकेल दिया।
राजा ययाति ने देवयानी को कुएं से बाहर निकाला।
ययाति और देवयानी का विवाह हुआ।
उनके दो पुत्र हुए: यदु और तुर्वसु।
शर्मिष्ठा
दानवों के राजा वृशपर्वा की पुत्री।
देवयानी की सहेली और अनुचरी।
देवयानी के विवाह के बाद ययाति के महल में रहने लगी।
ययाति से तीन पुत्र हुए: द्रुह्यु, अनु, और पुरु।
ययाति का श्राप और उसके परिणाम
ययाति को उनके पिता नहुष ने इन्द्रियों के सुख के लिए श्राप दिया।
श्राप के कारण ययाति जल्दी बूढ़े हो गए।
ययाति ने अपने पुत्रों से जवानी मांगने का अनुरोध किया।
केवल सबसे छोटे पुत्र पुरु ने अपने पिता को अपनी जवानी दी।
अंततः ययाति ने पुरु को वापस जवानी लौटाई और उसे राज्य का उत्तराधिकारी बना दिया।
यादवों और कौरवों की उत्पत्ति
यदु: यदु से यादव वंश की उत्पत्ति हुई, जिसमें श्रीकृष्ण भी जन्मे।
पुरु: पुरु से कुरुवंश की उत्पत्ति हुई, जिसमें पांडव और कौरव पैदा हुए।
यह कहानी भारतीय पौराणिक कथाओं में नैतिक और दार्शनिक शिक्षा प्रदान करती है, और महाभारत की कथा को समृद्ध और गहन बनाती है।
#महाभारत
#भारतीयपौराणिककथाएँ
#ययातिकीकहानी
#देवयानी
#शर्मिष्ठा
#यदुवंश
#कुरुवंश
#इंद्रियोंसुख
#पुराणकथाएँ
#हिंदूमाइथोलॉजी
#भारतकीकथाएँ
#पौराणिककथा
#इतिहासऔरमिथक
#हिंदूधर्म
#प्राचीनभारत
#धार्मिककथाएँ
#ययातिदेवयानीशर्मिष्ठा
#महाभारतकथा
#पौराणिकनायक
#राजाययाति
#हिंदूपौराणिककथा
#धर्मऔरमिथक
#पुराणोंकीकथाएँ
#4k
Информация по комментариям в разработке