उज्बेकिस्तान: ट्रेन से सिल्क रोड का सफर [Uzbekistan: The Silk Road by Train] | DW Documentary हिन्दी

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उज्बेकिस्तान हिसार पर्वत और अरल सागर के बीच फैला हुआ है. दूर तक फैले रेतीले रेगिस्तान और नख़लिस्तान इस देश की खासियत हैं. यह कभी इस क्षेत्र की सबसे महत्वपूर्ण शक्तियों में से एक था.

हजारों वर्षों तक सिल्क रोड पर यातायात का एक ही साधन रहा- ऊंट. यह सूरत बदली, जब रूस के आज के उज्बेकिस्तान पर कब्जे के बाद वहां रेल नेटवर्क बनना शुरू हुआ. आज सिल्क रोड एक्सप्रेस अब उज़्बेकिस्तान के हरे-भरे पूरब और पश्चिम के शुष्क रेगिस्तान के बीच परिवहन का मुख्य साधन है.

उज्बेकिस्तान 1991 से आजाद मुल्क है. समरकंद में पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए हाल के वर्षों में कुछ पहल की गई हैं. वहां पर्यटक पुलिस बल की नियुक्ति भी हुई है. इसकी सबसे मशहूर पुलिसकर्मी जुड़वां बहनें फातिमा और ज़ुखरा हैं, जो पुलिसबल में शामिल होने से पहले अंग्रेजी पढ़ाती थीं. प्रसिद्ध रेगिस्तान स्क्वायर में वे पेट्रोलिंग करती हैं. पर्यटक उनसे बीच-बीच में फोटो खिंचाने का आग्रह भी करते रहते हैं.

हिसार पर्वत हिमालय की सबसे पश्चिमी तलहटी है. यहां लाखों वर्षों में दुनिया की सबसे गहरी गुफाओं का निर्माण हुआ है. कहते हैं कि विजेता तैमूर लंग ने 15वीं सदी में पूरे मध्य एशिया को अपने अधीन करने से पहले अपनी सेना को कथित तैमूर गुफा में छिपया था. दो शोधकर्ता पता लगाना चाहते हैं कि क्या यह किंवदंती सच हो सकती है.

उज्बेकिस्तान में बड़े पैमाने पर रेगिस्तान शामिल हैं, जो तुर्कमेनिस्तान से कजाकिस्तान तक फैले हुए हैं. एक नदी अमू दरिया ने लाखों वर्षों से अरल सागर को पोसा है. लेकिन यहां उगाई जाने वाली कपास के लिए भारी मात्रा में पानी की जरूरत होती है. नतीजतन अरल सागर आज लगभग सूख चुका है. अब झील के आसपास के क्षेत्र को अरालकुम रेगिस्तान के रूप में जाना जाता है. रेत का कटाव इस क्षेत्र की मुख्य समस्या है, लेकिन कुछ साल पहले इस रेगिस्तान में वनस्पति उपजाने की एक बड़ी परियोजना शुरू की गई है.


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