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Скачать или смотреть तुलसी विवाह क्यों होता है, इस दिन कैसे शुरू हुई ये परंपरा Why Tulsi Vivah happens on this day.

  • NITI GYAN
  • 2022-10-22
  • 216
तुलसी विवाह क्यों होता है, इस दिन कैसे शुरू हुई ये परंपरा Why Tulsi Vivah happens on this day.
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Описание к видео तुलसी विवाह क्यों होता है, इस दिन कैसे शुरू हुई ये परंपरा Why Tulsi Vivah happens on this day.

तुलसीविवाह क्यों होता है इस दिन कैसे शुरू हुई ये परंपरा Why Tulsi Vivah happens on this day, how this tradition started

देवउठनी एकादशी यानी कार्तिक महीने के शुक्लपक्ष की एकादशी पर तुलसी और भगवान शालग्राम का विवाह किया जाता है। ऐसा करने से भगवान विष्णु और लक्ष्मी जी प्रसन्न होती हैं। क्योंकि पद्म पुराण के अनुसार तुलसी जी लक्ष्मी का ही रुप है और भगवान विष्णु ने शालग्राम का रुप लिया था। ऐसा क्यों हुआ इसके पीछे ब्रह्मवैवर्त पुराण में कथा है। तुलसी और शालग्राम विवाह करवाने से घर में समृद्धि और सुख बढ़ता है। इसलिए सनातन धर्म में देवी तुलसी और भगवान शालग्राम के विवाह की परंपरा है।



क्यों शुरू हुई परंपरा, ये है कथा -

ब्रह्मवैवर्त पुराण के अनुसार, तुलसी, शंखचूड़ नाम के असुर की पत्नी थी। तुलसी के सतीत्व के कारण देवता शंखचूड़ को नहीं मार सकते थे।
भगवान विष्णु ने शंखचूड़ का रूप बनाकर तुलसी का सतीत्व भंग कर दिया। इसके बाद भगवान शिव ने शंखचूड़ को मार दिया।
जब तुलसी को यह बात पता चली तो उसने भगवान विष्णु को पत्थर बन जाने का श्राप दे दिया। भगवान ने तुलसी के श्राप को स्वीकार किया और कहा कि तुम पृथ्वी पर पौधे व नदी के रूप में रहोगी।
पृथ्वी के लोग तुम्हारा और मेरा विवाह करवाकर पुण्य लाभ अर्जित करेंगे।
मान्यता के अनुसार, तुलसी नेपाल की गंडकी और पौधे के रुप में है और गंडकी नदी में पाई जाने वाली शालिग्राम शिला को ही भगवान विष्णु माना जाता है।
हर साल धर्म में आस्था रखने वाले लोग देवउठनी एकादशी पर तुलसी-शालिग्राम विवाह कर धर्मलाभ लेते हैं। ऐसी मान्यता है कि तुलसी विवाह के संकल्प और उसे पूरा करने से व्यक्ति सुखी और समृद्ध होता है।

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