Mahabharat Episode 2 Part2 |Ye Katha Hai Mahabharat Ki|

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Mahabharat Episode 2 Part 1 | Intro Scene | Ye Katha Hai Mahabharat Ki|Muslim Kudiya REACTION

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यह धारावाहिक महाभारत की कथा पर आधारित है। यह धारावाहिक कुरुवंश के राज्य हस्तिनापुर के इतिहास पर आधारित है।

कहानी की शुरुआत तब होती है जब महाराज शांतनु और महारानी सत्यवती (निषाद कन्या) दोनों नाव पर विचरण कर रहे थे। दोनो में प्रेम हुआ परंतु सत्यवती नें महाराज का विवाह प्रस्ताव ठुकरा दिया। महाराज को चिंतित देख उनके तथा गंगा के पुत्र भीष्म[8] सत्यवती के पास गए तब उसने बोला कि अगर मैं तुम्हारे पिता से विवाह करुंगी तो मेरे पुत्रों का क्या होगा क्योंकि गद्दी पर तो तुम बैठोगे। तब भीष्म नें प्रतिज्ञा ली कि वह जीवन भर ब्रह्मचारी रहेगा तथा हस्तिनापुर की सेवा करेगा। आखिर में शांतनु के साथ सत्यवती का विवाह हुआ। शांतनु के प्रपौत्र पांडु तथा धृतराष्ट्र हुए, जिसमें पांडु को राजा बनाया गया क्योकि धृतराष्ट्र अंधा था। पांडु का विवाह यादव वंश की कुंती तथा माद्री से हुआ।

धृतराष्ट्र के विवाह का प्रस्ताव लेकर जब गांधार तब गांधार का राजकुमार शकुनी ने प्रतिज्ञा ली कि जिस कुरुवंश ने उसकी बहन गांधारी का विवाह एक अंधे व्यक्ति धृतराष्ट्र के साथ किया उसका अंत करूँगा।

धृतराष्ट्र का विवाह गांधारी से हुआ तथा इनके 100 पुत्र हुए तथा एक कन्या थी। इनमें दुर्योधन सबसे बड़ा था। उधर पांडु अपनी पत्नियों के साथ विहार कर रहा था तब मृग समझकर उसने मुनि किंदम को मार डाला जिससे उसे श्राप लगा कि वह जब भी किसी स्त्री से संभोग (प्रणय) करेगा तब उसकी मृत्यु होगी। पांडु राज त्याग कर वन में वास करता है तथा राजा की अनुपस्थिति में धृतराष्ट्र को कार्यकारी राजा बनाया गया। वन में पांडु के कहने पर कुंती ने अपने पुराने वरदान के द्वारा देवताओं से तीन पुत्र माँगे जिनका नाम क्रमश: युधिष्ठिर, भीम तथा अर्जुन पड़ा। माद्री के लिये भी दो पुत्र माँगे जिनका नाम नकुल तथा सहदेव पड़ा। भूलवश माद्री से संभोग करने हेतु पांडु की जंगल में मृत्यु हो गई।

पांडु पुत्रों को पाण्डव कहा गया। इनके तथा कौरवों के गुरु द्रोणाचार्य थे। द्रोणपुत्र अश्वत्थामा की दुर्योधन से मित्रता हुई।

सब राजकुमार हस्तिनापुर गए वहाँ दुर्योधन की मित्रता कर्ण[9] से हुई तथा उसे अंग नामक राज्य दिया।

बाद में भीम नें राक्षस हिडिंब का वध किया और उसकी बहन हिडिंबा से विवाह किया, इनके पुत्र का नाम घटोत्कच्छ था।

पाण्डवों का विवाह द्रुपद की कन्या द्रौपदी से हुआ जिसके पाँचो पाण्डवों से पाँच पुत्र हुए। अर्जुन का विवाह श्री कृष्ण की बहन सुभद्रा से हुआ, इसके पुत्र का नाम अभिमन्यु पड़ा जो गर्भ से ही युद्ध कला में निपुण था।

चौसर में छल से कौरवों ने पाण्डवों के राज काज छीन लिये तथा द्रौपदी का चीर हरण हुआ। पाण्डवों को वनवास दिया गया।

महाभारत का युद्ध राज्य को लेकर हुआ। यह 18 दिनों तक चला[10] जिसमें भगवान कृष्ण का नारायणी सेना कौरवों के साथ और भगवान खुद अर्जुन के सारथि बने तथा अर्जुन को श्रीमद् भगवद्गीता का ज्ञान दिया। इस युद्ध में भीष्म, दुर्योधन तथा उसके भाई, द्रोण, अभिमन्यु, घटोत्कच्छ, शकुनी आदि मारे गए। अश्वत्थामा ने द्रौपदी को पुत्रों को पाण्डव समझकर मार डाला तब पाण्डवों ने इसके ब्राह्मण होने के कारण इसके मस्तक से मणि निकालकर अधमरा छोड़ दिया। अभिमन्यु और उत्तरा के पुत्र परीक्षित का जन्म हुआ। तक्षक नाग के दंश से परीक्षित की मृत्यु महाभारत प्राचीन भारत के दो प्रमुख संस्कृत महाकाव्यों में से एक है, इसकी रचना ऋषि व्यास ने की थी। महाभारत के सबसे महत्वपूर्ण पात्रों में: कृष्ण; पांडव- युधिष्ठिर, भीम, अर्जुन, नकुल और सहदेव, उनकी पत्नी द्रौपदी के साथ; और कौरव (जो सौ भाई थे), सबसे बड़े भाई दुर्योधन के नेतृत्व में। सबसे महत्वपूर्ण अन्य पात्रों में भीष्म, कर्ण, द्रोणाचार्य, शकुनि, धृतराष्ट्र, गांधारी और कुंती शामिल हैं। कुछ महत्वपूर्ण अतिरिक्त पात्रों में बलराम, सुभद्रा, विदुर, अभिमन्यु, कृपाचार्य, पांडु, सत्यवती, अश्वत्थामा और अम्बा शामिल हैं। महाकाव्य में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले देवताओं में विष्णु, ब्रह्मा, शिव, गंगा, इंद्र, सूर्य और यम शामिल हैं।

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