राजस्थान में प्रथाएँ एवं रीति रिवाज || Art and Culture To RAS,SI,REET,PATWAR ||

Описание к видео राजस्थान में प्रथाएँ एवं रीति रिवाज || Art and Culture To RAS,SI,REET,PATWAR ||

राजस्थान में प्रथाएँ एवं रीति रिवाज || Art and Culture To RAS,SI,REET,PATWAR || By Subhash Sir

राजस्थान में प्रथाएँ एवं रीति रिवाज
प्रथाएँ = बाल विवाह,सती प्रथा,अनुमरण,जौहर प्रथा,डावरिया,केसरिया करना,समाधि प्रथा,नाता,त्याग प्रथा,अहेड़ा का शिकार,डाकन प्रथा,पान्या की गोठ,लोह,कन्या वध,खाजरू,दहेज प्रथा,पर्दा प्रथा,विधवा विवाह,चारी प्रथा,दास प्रथा,आन्न प्रथा,नौतरा प्रथा,चौथान,सागड़ी प्रथा,छेड़ा फाइना,नातरा / आणा प्रथा,लोकाई / कांदिया,गाधोतरो

• नाता प्रथा यह प्रथा आदिवासियों में अधिक प्रचलित है। जब पत्नी अपने पति के जीते जी या मृत्यु होने के पश्चात बिना फेरे लिए
किसी अन्य पुरुष के साथ रहने लग जाती है, तो उसे नाता प्रथा कहते हैं।

जौहर प्रथा युद्ध के पश्चात महिलाएं अपने सतीत्व की रक्षा हेतु आग में कूदकर अपने प्राण दे देती है, तो इसे जौहर कहते हैं।

केसरिया राजपूत वीर योद्धा जब केसरिया वस्त्र पहनकर युद्ध में शत्रुओं को मारते हुए शहीद हो जाते हैं, तो इसे केसरिया करना
-
कहते हैं।

• विधवा विवाह इस विवाह को नातरा भी कहते हैं। पति की मृत्यु के बाद पत्नी का दूसरे पुरुष से विवाह करना विधवा विवाह

कहलाता है। लार्ड डलहौजी ने 1856 ईस्वी में विधवा पुनर्विवाह अधिनियम बतया था।

सती प्रथा पति की मृत्यु के बाद पत्नी का पति की चिता के साथ जल जाना सती प्रथा कहलाती है। राजस्थान में सर्वप्रथम बूंदी
रियासत ने 1822 ईस्वी में सतीप्रथा को गैर क़ानूनी घोषित किया था। बाद में राजा राममोहन राय के प्रयासों से लार्ड विलियम
बैटिक ने 1829 ईस्वी में सरकारी अध्यादेश से सती प्रथा पर रोक लगाई थी।

• अनुमरण पति की मृत्यु कहीं अन्य दूरस्थ स्थानों पर हो जाने पर उसकी किसी निशानी के साथ पत्नी का चिता में रोहण करना
अनुमरण कहलाता है।

डाबरिया प्रथा प्राचीन समय में लड़की के विवाह में दहेज के रूप में अन्य कुंवारी कन्याएं दी जाती थी, इस प्रथा को डाबरिया प्रथा
कहते हैं।
• त्याग प्रथा राजकुमारियों के विवाह के अवसर पर चारण साहित्यकार एवं भाटो को दिया जाने वाला उपहार।

• डाकन प्रथा जब किसी स्त्री को डाकन होने का आरोप लगाकर प्रताड़ित किया जाता है, तो इस प्रथा को डाकन प्रथा कहते हैं। यह
प्रथा आदिवासी क्षेत्रों में अधिक प्रचलित है। मेवाड़ के महाराणा स्वरूपसिंह के समय 1853 ईस्वी में मेवाड़ भील कोर के कमांडेंट
जवान सिंह ने खैरवाड़ा (उदयपुर) में सर्वप्रथम इस प्रथा पर रोक लगाई थी।

समाधि प्रथा- किसी साधु अथवा महान पुरुष द्वारा गड्ढा खोदकर अथवा जल में मृत्यु का वरण करना, समाधि प्रथा कहलाती है।
सबसे पहले जयपुर के पोलिटिकल एजेंट लुडलो के प्रयासों से सन 1844 ईस्वी में जयपुर राज्य ने समाधी प्रथा पर रोक लगाई थी।

.
कन्या वध प्रथा यह प्रथा मुख्यतः राजस्थान में राजपूत समाज में अधिक प्रचलित थी। इस प्रथा में लोग कन्या के जन्म लेते ही उसे
मार देते थे। हाड़ौती के पोलिटिकल एजेंट विल्किंसन के प्रयत्न से लार्ड विलियम बैंटिक के समय राजस्थान में सर्वप्रथम कोटा ने
1833 ईस्वी में तथा बूंदी राज्य ने 1834 ईस्वी में इसे गैर क़ानूनी करार दिया था।

बाल विवाह प्रथा बालक बालिकाओं की छोटी उम्र में शादी करना बाल विवाह कहलाता है। राजस्थान में सर्वप्रथम 1885 ईस्वी में
जोधपुर के प्रधानमंत्री सर प्रतापसिंह ने बाल विवाह प्रतिबंधक कानून बनाया था। 1929 ईस्वी में हरविलास शारदा ने बाल विवाह
निरोधक अधिनियम "शारदा एक्ट" को प्रस्तावित किया।
बैगार प्रथा जागीरदारों या शासक वर्ग द्वारा आम लोगों से बिना वेतन दिए काम करवाना बेगार प्रथा कहलाती है।

सागड़ी इसे बंधुआ मजदूर प्रथा भी कहते हैं धनवान लोगों द्वारा किसी व्यक्ति को स्थाई रूप से नौकर रखना सागड़ी प्रथा या - बंधुआ मजदूर प्रथा कहलाती है।

• दास प्रथा ऐसे व्यक्ति जो ऋण नहीं चुका पाते हैं, उन्हें जागीरदारों द्वारा दास बना लिया जाता है, इस प्रथा को दास प्रथा कहते हैं। • संथारा प्रथा यह प्रथा जैन धर्म में प्रचलित है। इस प्रथा में लोग अन्न, जल आदि त्यागकर समत्व भाव से शरीर का त्याग करते हैं।
राजस्थान की कला और संस्कृति के महत्वपूर्ण प्रश्न,Rajasthan art and culture questions,राजस्थान के रीति रिवाज,राजस्थान के प्रमुख रीति रिवाज,राजस्थान के रीति रिवाज के प्रश्न,राजस्थान के रीति रिवाज के महत्वपूर्ण प्रश्न,Rajasthan riti rivaj questions,Rajasthan ke riti rivaj,Rajasthan ke riti rivej ke important questions,Rajasthan ki lok deviya,Rajasthan ke durg questions,Rajasthan ke lok devta,Rajasthan ke tyauhar,Rajasthan ke mele,Rajasthan ki chitrakala,
#रीति_रिवाज_राजस्थान #rajasthan_riti_rivaj #कला_संस्कृति_राजस्थान

Комментарии

Информация по комментариям в разработке