चीज़ घणी अनमोल जगत में मोल चुकाया ना जाता जननी माँ का कदे किसे प कर्ज चुकाया ना जाता ।। सरोज घणघस ।।

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टेक:- चीज घणी अनमोल जगत में मोल चुकाया ना जाता, जननी माँ का कदे किसे त कर्ज चुकाया ना जाता ।।

1. ब्रम्हा जी न रची सृष्टि विष्णु पालन हार बणे, शिव शंकर जी रक्षा करते सबके रक्षक हार बणे, नर नारी दोनों मिलकर सृष्टि के अवतार बणे, न्यारा न्यारा हक दोनों का कुदरत के अनुसार बणे, माँ का हक से जन्म देण का हक बटाया ना जाता ।। टेक...

2. नौं महीने तक रखा गर्भ में कष्ट भतेरा सहती माँ, उठा जा ना बैठा जा ना दुख भतेरा सहती माँ, कदे बैद कदे दाईं धोरे भाजी भाजी फिरती माँ, काल घड़ी में मौत निशानी नहीं मरणे से डरती माँ, अपणे तन से खून बहावे खून बटाया ना जाता ।। टेक...

3. बालक ने सूखे में राखे खुद आले में पड़ी रह, दिन में बीस पोतड़े बदले खुद मैल में सड़ी रह, ठा गोदी में लोरी गावे दो-दो घंटे खड़ी रह, अपणे जिगर का दूध पिलावे अमृत कैसी झड़ी लगे, पाल पोस के बड़ा करा माँ का शान भुलाया ना जाता ।। टेक...

4. एक चाँद अम्बर में खिलरा जिसके लाख सितारे हो, माँ ने सारे प्यारे लागे बेटा हो चाहे बेटी हो, माँ का मोह ना छुटा करता कठे हो चाहे न्यारे हो, जड़ देती है सबको रस में मीठे हो चाहे खारे हो, माँ का दर्जा राम बराबर राम रूसाया ना जाता ।। टेक...

5. पूत घाम में क्यूकर रहज़ा बरगद कैसी माँ घर में, टोटा घर में क्यूकर आजा लक्ष्मी कैसी माँ घर में, कृष्ण जी ये क्या के भूखे काम धनुषी माँ घर में, क्यू जाओ हो मंदिर मस्जिद अंदर बैठी माँ घर में, कृपा हो माँ सरस्वती की सबते गया ना जाता ।। टेक...

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