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पावर वीडर की जानकारी (Power Weeder Information in Hindi)
पावर वीडर एक आधुनिक कृषि यंत्र है, जिसका उपयोग खेतों में खरपतवार (Weeds) को नष्ट करने, मिट्टी को भुरभुरा करने, क्यारियों की सफाई करने और फसलों के बीच की जुताई के लिए किया जाता है। यह मशीन किसानों के लिए बहुत उपयोगी साबित हो रही है क्योंकि यह समय, श्रम और लागत — तीनों की बचत करती है।
पावर वीडर दो प्रकार के इंजन से चलाया जाता है — पेट्रोल इंजन और डीजल इंजन। इसका आकार छोटा होता है जिससे इसे संकरे खे
तों, बागों और पहाड़ी इलाकों में भी आसानी से चलाया जा सकता है। इस मशीन में रोटरी ब्लेड लगे होते हैं जो मिट्टी को काटकर उसे मुलायम बना देते हैं। इससे पौधों की जड़ें ऑक्सीजन प्राप्त करती हैं और फसल की वृद्धि बेहतर होती है।
पावर वीडर का उपयोग धान, मक्का, गन्ना, सब्ज़ियों और दलहनी फसलों में विशेष रूप से किया जाता है। यह 1 से 5 एचपी (Horse Power) तक की क्षमता में उपलब्ध होती है। छोटी भूमि वाले किसान 2 एचपी का मॉडल और बड़े किसान 5 एचपी या उससे अधिक क्षमता वाले मॉडल का उपयोग कर सकते हैं।
इस मशीन की मुख्य विशेषताएं हैं:
• यह मजदूरों की आवश्यकता को कम करती है।
• कम समय में अधिक क्षेत्र की जुताई हो जाती है।
• ईंधन की खपत कम होती है।
• इसकी रखरखाव लागत भी बहुत कम होती है।
• यह हल्की होने के कारण एक व्यक्ति द्वारा आसानी से चलाई जा सकती है।
आजकल बाजार में कृषी यंत्र कंपनी, ग्रीव्स, कुबोटा, होंडा, और किसान क्राफ्ट जैसी कंपनियाँ बेहतरीन पावर वीडर बनाती हैं। इसकी कीमत सामान्यतः ₹25,000 से ₹80,000 तक होती है, जो मॉडल और इंजन क्षमता पर निर्भर करती है।
भारत सरकार भी कृषि यंत्रों पर सब्सिडी प्रदान करती है, जिससे किसान इसे कम कीमत पर खरीद सकते हैं। सही उपयोग और नियमित सर्विसिंग से पावर वीडर लंबे समय तक चलता है और खेती में उत्पादकता को बढ़ाता है।
हायसिंथ बीन (Hyacinth Bean)
हायसिंथ बीन जिसे हिन्दी में सेम, वलोर, इजिओ बीन्स या लाबलाब बीन भी कहा जाता है, एक प्रमुख दलहनी सब्जी वाली फसल है। यह फसल खाने योग्य हरी फली, सूखी फलियाँ, और हरे पत्तों के लिए उगाई जाती है। भारत, अफ्रीका और एशिया के कई हिस्सों में इसकी खेती काफी लोकप्रिय है। यह फसल गर्म और उष्णकटिबंधीय जलवायु में अच्छी तरह पनपती है और छोटे किसानों के लिए अतिरिक्त आमदनी का अच्छा स्रोत बनती है।
जलवायु और मिट्टी
हायसिंथ बीन की खेती के लिए मध्यम गर्म और आर्द्र जलवायु उपयुक्त रहती है। इसे अधिक ठंड या पाला नुकसान पहुँचा सकता है। इसकी खेती समुद्र तल से लेकर लगभग 1800 मीटर ऊँचाई तक की जा सकती है। यह फसल बलुई दोमट से लेकर दोमट मिट्टी में अच्छी होती है, जहाँ जल निकास की सुविधा हो। मिट्टी का pH 6.0 से 7.5 के बीच होना सबसे उपयुक्त है।
बीज की बुवाई और किस्में
हायसिंथ बीन की बुवाई वर्षा के बाद यानी जून से जुलाई में की जाती है। एक हेक्टेयर खेत के लिए लगभग 25-30 किलोग्राम बीज की आवश्यकता होती है। बीज को 24 घंटे पानी में भिगोने के बाद बोने से अंकुरण बेहतर होता है। लोकप्रिय किस्मों में ‘अर्पिता’, ‘अपरना’, ‘कोमल’, ‘सोनाली’, ‘राजमा सेम’, और ‘डोलिचोस पर्पुरियस’ शामिल हैं।
खेत की तैयारी और खाद
खेत को 2-3 बार जोतकर भुरभुरा बना लेना चाहिए। बुवाई से पहले प्रति हेक्टेयर 15-20 टन गोबर की सड़ी हुई खाद डालनी चाहिए। इसके अलावा, रासायनिक खाद के रूप में 25 किलोग्राम नाइट्रोजन, 50 किलोग्राम फास्फोरस और 25 किलोग्राम पोटाश देना लाभदायक रहता है।
सिंचाई और देखभाल
सिंचाई की जरूरत मिट्टी और मौसम पर निर्भर करती है। वर्षा ऋतु में कम सिंचाई की आवश्यकता होती है, जबकि गर्मियों में 8-10 दिन के अंतराल पर पानी देना चाहिए। खरपतवार नियंत्रण के लिए समय-समय पर निराई-गुड़ाई जरूरी है। बेलों को चढ़ाने के लिए लकड़ी या बाँस की मचान लगाना अच्छा रहता है।
कीट और रोग नियंत्रण
इस फसल में फल छेदक, एफिड्स और थ्रिप्स जैसे कीटों का प्रकोप होता है। इनके नियंत्रण के लिए जैविक कीटनाशकों जैसे नीम का अर्क (5%) का प्रयोग किया जा सकता है। रोगों में पाउडरी मिल्ड्यू और लीफ स्पॉट आम हैं, जिनके लिए कॉपर ऑक्सीक्लोराइड का छिड़काव किया जा सकता है।
कटाई और उत्पादन
फली की कटाई बुवाई के लगभग 70–80 दिनों बाद शुरू होती है। कोमल फलियों को बाजार में बेचा जाता है। औसतन एक हेक्टेयर से 80–120 क्विंटल हरी फलियाँ प्राप्त की जा सकती हैं।
महत्व और उपयोग
हायसिंथ बीन में प्रोटीन, कैल्शियम, आयरन और विटामिन भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं। इसकी फलियाँ सब्जी के रूप में, दाल के रूप में तथा पशु चारे के रूप में उपयोग की जाती हैं। यह फसल मिट्टी में नाइट्रोजन की मात्रा बढ़ाकर भूमि की उर्वरता भी सुधारती है।
👉 निष्कर्ष
हायसिंथ बीन एक बहुपयोगी और लाभदायक फसल है। यह किसानों को आर्थिक लाभ के साथ-साथ पोषण सुरक्षा भी प्रदान करती है।
सेम या हायसिंथ बीन की खेती एक लाभदायक फसल है जो कम लागत में अधिक मुनाफा देती है। इस वीडियो में आप जानेंगे —
👉 सेम की सही बुवाई का समय
👉 बीज की मात्रा और किस्में
👉 खाद, सिंचाई और देखभाल के तरीके
👉 रोग और कीट नियंत्रण
👉 कटाई और उत्पादन की जानकारी
यह वीडियो किसानों के लिए बहुत उपयोगी है जो हायसिंथ बीन (Hyacinth Bean) की आधुनिक खेती सीखना चाहते हैं।
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