Logo video2dn
  • Сохранить видео с ютуба
  • Категории
    • Музыка
    • Кино и Анимация
    • Автомобили
    • Животные
    • Спорт
    • Путешествия
    • Игры
    • Люди и Блоги
    • Юмор
    • Развлечения
    • Новости и Политика
    • Howto и Стиль
    • Diy своими руками
    • Образование
    • Наука и Технологии
    • Некоммерческие Организации
  • О сайте

Скачать или смотреть रूद्र सूक्त पढने का तरीका , रूद्र सूक्त मन्त्र, RUDRA SOOKT MANTRA PADNE KA TARIKA सरल विधि

  • SANSKRITI SANSKRIT SARITA
  • 2020-07-27
  • 163275
रूद्र सूक्त  पढने का तरीका , रूद्र सूक्त मन्त्र, RUDRA SOOKT MANTRA PADNE KA TARIKA सरल विधि
  • ok logo

Скачать रूद्र सूक्त पढने का तरीका , रूद्र सूक्त मन्त्र, RUDRA SOOKT MANTRA PADNE KA TARIKA सरल विधि бесплатно в качестве 4к (2к / 1080p)

У нас вы можете скачать бесплатно रूद्र सूक्त पढने का तरीका , रूद्र सूक्त मन्त्र, RUDRA SOOKT MANTRA PADNE KA TARIKA सरल विधि или посмотреть видео с ютуба в максимальном доступном качестве.

Для скачивания выберите вариант из формы ниже:

  • Информация по загрузке:

Cкачать музыку रूद्र सूक्त पढने का तरीका , रूद्र सूक्त मन्त्र, RUDRA SOOKT MANTRA PADNE KA TARIKA सरल विधि бесплатно в формате MP3:

Если иконки загрузки не отобразились, ПОЖАЛУЙСТА, НАЖМИТЕ ЗДЕСЬ или обновите страницу
Если у вас возникли трудности с загрузкой, пожалуйста, свяжитесь с нами по контактам, указанным в нижней части страницы.
Спасибо за использование сервиса video2dn.com

Описание к видео रूद्र सूक्त पढने का तरीका , रूद्र सूक्त मन्त्र, RUDRA SOOKT MANTRA PADNE KA TARIKA सरल विधि

रुद्री सीखने के लिए इस लिंक को देखें -    • RUDRASHTADHYAAYI PRTHAM ADHYAAY SEEKHEIN /...  

जिस प्रकार सभी पापों का नाश करने में ‘पुरूष-सूक्त’ बेमिशाल है, उसी प्रकार सभी दुखों एवं शत्रुओं का नाश करने में ‘रूद्र-सूक्त’ बेमिशाल है। ‘रूद्र-सूक्त’ जहाँ सभी दुखों का नाश करता है, और शत्रुओं का नाश करता है, वहीं यह अपने साधक कि सम्पूर्ण रूप से रक्षा भी करता है। ‘रूद्र-सूक्त’ का पाठ करने वाला साधक सम्पूर्ण पापों, दुखों और भयों से छुटकारा पाकर अंत में मोक्ष को प्राप्त होता है। शास्त्रों में ‘रूद्र-सूक्त को ‘अमृत’ प्राप्ति का ‘साधन’ बताया गया है।




ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॥ रूद्र-सूक्तम् ॥ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ

नमस्ते रुद्र मन्यवऽ उतो तऽ इषवे नमः।
बाहुभ्यामुत ते नमः॥1॥




या ते रुद्र शिवा तनूर-घोरा ऽपाप-काशिनी।
तया नस्तन्वा शन्तमया गिरिशंताभि चाकशीहि ॥2॥




यामिषुं गिरिशंत हस्ते बिभर्ष्यस्तवे ।
शिवां गिरित्र तां कुरु मा हि (गु)न्सीः पुरुषं जगत् ॥3॥




शिवेन वचसा त्वा गिरिशाच्छा वदामसि ।
यथा नः सर्वमिज् जगद-यक्ष्म (गु) सुमनाऽ असत् ॥4॥




अध्य वोचद-धिवक्ता प्रथमो दैव्यो भिषक् ।
अहींश्च सर्वान जम्भयन्त् सर्वांश्च यातु-धान्यो ऽधराचीः परा सुव ॥5॥




असौ यस्ताम्रोऽ अरुणऽ उत बभ्रुः सुमंगलः।
ये चैन (गु) रुद्राऽ अभितो दिक्षु श्रिताः सहस्रशो ऽवैषा (गु) हेड ऽईमहे ॥6॥




असौ यो ऽवसर्पति नीलग्रीवो विलोहितः।
उतैनं गोपाऽ अदृश्रन्न् दृश्रन्नु-दहारयः स दृष्टो मृडयाति नः ॥7॥




नमोऽस्तु नीलग्रीवाय सहस्राक्षाय मीढुषे।
अथो येऽ अस्य सत्वानो ऽहं तेभ्यो ऽकरन् नमः ॥8॥




प्रमुंच धन्वनस्स त्वमु भयोरा रात्न्योर ज्याम्।
याश्च ते हस्तऽ इषवः परा ता भगवो वप ॥9॥





विज्यं धनुः कपर्द्दिनो विशल्यो बाणवान्ऽ उत।
अनेशन्नस्य याऽ इषवऽ आभुरस्य निषंगधिः॥10॥




या ते हेतिर मीढुष्टम हस्ते बभूव ते धनुः ।
तया स्मान् विश्वतः त्वम यक्ष्मया परि भुज ॥11॥




परि ते धन्वनो हेति रस्मान् वृणक्तु विश्वतः।
अथो यऽ इषुधिस्तवारेऽ अस्मन् नि-धेहि तम् ॥12॥




अवतत्य धनुष्ट्व (गु) सहस्राक्ष शतेषुधे।
निशीर्य्य शल्यानां मुखा शिवो नः सुमना भव ॥13॥




नमस्तऽ आयुधाया नातताय धृष्णवे।
उभाभ्यामु त ते नमो बाहुभ्यां तव धन्वने ॥14॥




मा नो महान्तमु त मा नोऽ अर्भकं मा नऽ उक्षन्तमु त मा नऽ उक्षितम्।
मा नो वधीः पितरं मोत मातरं मा नः प्रियास् तन्वो रूद्र रीरिषः॥15॥



मा नस्तोके तनये मा नऽ आयुषि मा नो गोषु मा नोऽ अश्वेषु रीरिषः।
मा नो वीरान् रूद्र भामिनो वधि र हविष्मन्तः सदमित् त्वा हवामहे॥16॥
संस्कृति संस्कृत सरिता,
SANSKRITI SANSKRIT SARITA
SHRI GURU GANG DEV JI SANSKRIT MAHAVIDYALAYA SHIVKASHI SUNDERBANI,
SHRI SWAMI VISHWATMA NAND SARASWATI ,

Комментарии

Информация по комментариям в разработке

Похожие видео

  • О нас
  • Контакты
  • Отказ от ответственности - Disclaimer
  • Условия использования сайта - TOS
  • Политика конфиденциальности

video2dn Copyright © 2023 - 2025

Контакты для правообладателей [email protected]