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Скачать или смотреть यूपी बोर्ड हिंदी (काव्य) कक्षा 9 पाठ 5 प्रेम माधुरी (भारतेंदु हरिश्चंद्र) प्रश्न उत्तर Up Board Hind

  • Basic Education
  • 2025-08-25
  • 658
यूपी बोर्ड हिंदी (काव्य) कक्षा 9 पाठ 5 प्रेम माधुरी (भारतेंदु हरिश्चंद्र) प्रश्न उत्तर Up Board Hind
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Описание к видео यूपी बोर्ड हिंदी (काव्य) कक्षा 9 पाठ 5 प्रेम माधुरी (भारतेंदु हरिश्चंद्र) प्रश्न उत्तर Up Board Hind

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. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए-

1. 'प्रलय' की चाल से कवि का क्या तात्पर्य है?

2. कृष्ण को मन से भुलाना गोपियों के लिए क्यों असम्भव है? पाठ में आए पद के आधार पर उत्तर दीजिए।

3. 'कूप ही में यहाँ भाँग परी है' से क्या तात्पर्य है?

4. 'निगोरे' का अर्थ स्पष्ट करते हुए बताइए कि बादलों को 'निगोड़े' क्यों कहा गया है?

5. 'आग लगाकर पानी के लिए दौड़ने' से कवि का क्या आशय है?

6. वियोगिनी की आँखों को सदैव पश्चाताप क्यों रहेगा?

7. गोपियाँ उद्धव की सीख मानने के लिए क्यों तैयार नहीं हैं?

8. भारतेन्दु जी के लेखन की भाषा लिखिए।

9. 'रितून को कन्त' किसे और क्यों कहा गया है?

10. गोपियाँ उद्धव से ज्ञान का उपदेश वापस ले जाने के लिए क्यों कह रही हैं?

11. वर्षा ऋतु के आगमन पर किस प्रकार के नए दृश्य दिखाई देने लगते हैं?

12. वर्षा ऋतु में किनका हृदय हर्ष से भर जाता है?

13. वर्षा ऋतु में किनका प्राण तरसने लगता है? और क्यों?

14. गोपियों का अपनी इन्द्रियों पर वश क्यों नहीं है?

15. वसन्त की शीतल हवा गोपियों को सताने वाली क्यों लग रही है?

16. गोपियाँ किस कारण से तरस रही हैं?

17. मरने पर भी गोपियों की आँखें क्यों खुली रह जाएंगी?

18. भारतेन्दु हरिश्चन्द्र का जीवन-परिचय एवं रचनाओं का
उल्लेख कीजिए।
III. दिए गए पद्यांशों पर आधारित प्रश्नों के उत्तर दीजिए-

(क) कूकै लगी कोडलें कदंबन पै बैठि फेरि धोए-धोए पात हिलि-हिलि सरसै लगे।

बोलै लगे दादुर मयूर लगे नाचै फेरि देखि के संजोगी-जन हिय हरसै लगे।। हरी भई भूमि सीरी पवन चलन लागी लखि 'हरिचंद' फेरि प्रान तरसै लगे। फेरि झूमि-झूमि बरषा की रितु आई फेरि बादर निगोरे झुकि झुकि बरसै लगे।।

(i) प्रस्तुत पद्यांश का सन्दर्भ लिखिए।

(ii) रेखांकित अंश की व्याख्या कीजिए।

(iii) प्रस्तुत पद्यांश से अनुप्रास अलंकार का एक उदाहरण दीजिए।

(ख) सखि आयो बसंत रितून को कंत, चहूँ दिसि फूलि रही सरसों। बर सीतल मंद सुगंध समीर सतावन हार भयो गर सों।। अब सुंदर साँवरो नंद किसोर कहै 'हरिचंद' गयो घर सों। परसों को बिताय दियो बरसों तरसों कब पाँय पिया परसों ।।

(i) प्रस्तुत पद्यांश का सन्दर्भ लिखिए।

(ii) रेखांकित अंश की व्याख्या कीजिए।

(iii) 'सरसों' का तत्सम शब्द लिखिए।

(ग) जिय पै जु होई अधिकार तो बिचार कीजै लोक-लाज, भलो-बुरो, भले निरधारिए। नैन, श्रौन, कर, पग, सबै पर-बस भए उतै चलि जात इन्हें कैसे कै सम्हारिए। 'हरिचंद' भई सब भाँति सों पराई हम इन्हें ज्ञान कहि कहो कैसे कै निबारिए। मन में रहै जो ताहि दीजिए बिसारि, मन

आपै बसै जामैं ताहि कैसे कै बिसारिए ।।

(i) प्रस्तुत पद्यांश का सन्दर्भ लिखिए।

(ii) रेखांकित अंश की व्याख्या कीजिए।

(iii) 'बिसारि' का मूल तत्सम रूप क्या है?

(घ) ऊधौ जू सूधो गहो वह मारग, ज्ञान की तेरे जहाँ गुदरी है। कोऊ नहीं सिख मानिहँ ह्याँ, इक स्याम की प्रीति प्रतीति खरी है।। ये ब्रजबाला सबै इक सी, हरिचंद जू मण्डली ही बिगरी है। एक जौ होय तो ज्ञान सिखाइए कूप ही में यहाँ भाँग परी है।।

(i) प्रस्तुत पद्यांश का सन्दर्भ लिखिए।

(ii) रेखांकित अंश की व्याख्या कीजिए।

(iii) 'कूप' के दो पर्यायवाची शब्द लिखिए।

(ङ) इन दुखियान को न चैन सपनेहुँ मिल्यो, तासों सदा व्याकुल बिकल अकुलायेंगी।
प्यारे हरिचंदजू की बीती जानि औधि, प्रान, चाहत चले पै ये तो संग ना समायेंगी।। देखौ एक बारहू न नैन भरि तोहिं यातें जौन-जौन लोक जैहैं तहाँ पछतायेंगी।

बिना प्रान-प्यारे भये दरस तुम्हारे हाय मरेहू पै आँखें ये खुली ही रहि जायेंगी।।

(i) प्रस्तुत पद्यांश का सन्दर्भ लिखिए।

(ii) रेखांकित अंश की व्याख्या कीजिए।

(iii) प्रस्तुत छन्द में कौन-सा रस है?

IV. भाषा के रंग-

1. निम्नलिखित पंक्तियों का काव्य-सौन्दर्य स्पष्ट कीजिए-

(अ) परसों को बिताय दियो बरसों तरसों कब पाँय पिया परसों।

(ब) पिय प्यारे तिहारे निहारे बिना अँखियाँ दुखियाँ नहिं मानती हैं।

(स) बोलै लगे दादुर मयूर लगे नाचै फेरि, देखि कै संजोगी-जन हिय हरसै लगे।

2. 'कूकै लगीं कोइलें कदंबन पै बैठि फेरि' पंक्ति में कौन-सा अलंकार है?

3. निम्नलिखित मुहावरों का अर्थ स्पष्ट करते हुए वाक्यों में प्रयोग कीजिए-प्रलय ढाना, पलकों में न समाना, कुएँ में भाँग पड़ी होना।

4. पर्यायवाची शब्द लिखिए-भूमि, वर्षा, बादल, नमन।

V. अनुभूति और अभिव्यक्ति-

1. पाठ में दो ऋतुओं-वर्षा एवं वसन्त का उल्लेख है। इन दोनों ऋतुओं में प्रकृति में होने वाले परिवर्तनों के विषय में टिप्पणी लिखिए।

2. भारतेन्दु ने नाटकों की भी रचना की है। किसी एक नाटक को पढ़कर उस पर अपनी कक्षा में चर्चा कीजिए।

शब्दार्थ

19. भारतेन्दु हरिश्चन्द्र की साहित्यिक सेवाओं का उल्लेख कीजिए।

20. भारतेन्दु हरिश्चन्द्र की भाषा-शैली पर प्रकाश डालिए।

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