तब केसे एक Master stroke ने सबका मुह बंद किया - IPL Edition

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एक और BCCI के क्रिकेट दुनिये ते शिखर तक जाने का सफर, दूसरे और क्रिकेट की रूह में एक नयी जान फुक्ने का कारनामा - सिर्फ एक टूर्नामेंट की बदौलत - ये हे आईपीएल के जन्म की कहानी

साल था १९९६ जब दिल्ली के शुगर किंग ( Sugar king ) गुजर मल मोदी के पोते ललित मुंबई आ जाते है।
और कुछ ही सालों में उन्होंने बड़े बड़े कॉम्पनीस के साथ deals sign कर ली थी।
और कुछ समय में उन्होंने एक नाम के स्पोर्ट्स (sports ) कंपनी के साथ एक क्रिकेट टूर्नामेंट चालू करने का प्लान बनाया।
इंडियन क्रिकेट लीग। एक सिटी बेस्ड ODI टूर्नामेंट जिसमे बिज़्निस्मैन (businessman ) अपनी खुदकी टीम खरीदेंगे और नैशनल और इंटरनेशनल प्लेयरस शामिल होंगे
लेकिन BCCI के प्रेसीडेंट (president) जगमोहन दालमिया ने इससे मना कर दिया क्यूंकि उन्हें ये खतरा दिखा - की प्राइवेट बिजनस (private business) शामिल हुए तो उनकी मोनोपॉली (monopoly) खतम हो जाती ।
इसलिए कहा गया की - सिर्फ स्टेट क्रिकेट एसोसिएशन ही bcci को प्रपोज़ल (proposal) भेज सकते है ।

फिर ललित और उनकी टीम मध्य प्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन के प्रेसीडेंट मध्यवराओ स्किनदिया के पास ये प्रपोज़ल लेके पहुंची

जिन्होंने ना केवल उन्हें सपोर्ट किया पर सेकड़ो connections भी लाके दिए ।

यहाँ तक की राहुल द्रविड़ और वेंकटेश प्रसाद भी
उन्हें join करने के लिए राज़ी हो गए थे

पर फिर एक बार
बीसीसीआई ने इस प्रपोजल को ठुकरा दिया

ललित ने ठान ली
ki वो कुछ भी करके
BCCI management तक पोहोच के रहेंगे
और अपने इस हर का बदला लेंगे

अगले १० सालों में वो हिमाचल प्रदेश बोर्ड से राजस्थान बोर्ड तक पोहोंचे जिसके बाद
जब २००४ में शरद पवार के चैलेंज से डालमिया की presidency खतरे में दिखी
तब उन्होंने सरे opposition को एक जुट कर दालमिया को निकाल दिया

जिसके इनाम में शरद पवार ने ललित मोदी को vice president के साथ साथ marketing committee के हेड घोषित कर दिया

और ललित का पहला कारनामा
इंडियन cricketing broadcasting rights को ६३० मिलियन डॉलर्ज़ में बेचना

पर उस ब्रॉड्कैस्टिंग के बीड को हारने वाली कंपनी
Zee टेलिविज़न के
इसके जवाब में खुदका प्राइवेट क्रिकेट टूर्नामेंट शुरू किया

जिसका नाम रखा जाएगा - इंडियन क्रिकेट league

२००७ के odi वर्ल्ड कप में हुई शर्मनाक हार ने
bcci को back-foot पर दाल दिया था
ये bcci को दी गयी खुली चुनौती थी

पर अपने अस्तित्व को ये खतरा देख
आखिरकार
Bcci को जंग में उतरना ही पड़ा

Bcci के मार्केटिंग हेड को आगे किया गया
और ललित मोदी ने सीधा केह दिया
की जो कोई भी icl join करेगा उसको सस्पेन्ड कर दिया जाएगा

बस icl में part लेने से मना किया गया
उनके support जॉब्स बंद करवा देने की कोशिश की गयी और icc से उनके खिलाफ स्टेटमेंट्स निकलवाए गए

पर अंत में उन्हे ये पता था की zee आखिरकार court में जीतने ह वाली थी
इसलिए उन्होंने एक नयी चाल चली

२००७ के फ़रवरी में
शरद पवार ने domestic structure बदलने की ख्वाइश जताई थी
जिसपर ललित ने अपना १० साल पुराना प्लान आगे किया
एयर उसके ७ दिनों के अंदर
आईपीएल (IPL) का ऐलान दुनिया के सामने कर दिया गया

बिना किसिस प्लान,फंडिंग या स्पॉन्सरशिप के

लेकिन यहाँ सवाल ये था की t20 देखेगा कोन ?

भारतीय fans और players दोनों को interest नहीं था t20 में
खास करके जब वो अंत में थी तो एक domestic टूर्नामेंट
ऐसे टूर्नामेंट जिसको भारत में कोई भी viewership नहीं मिलती

पर तब पिक्चर में आया T२० को वो २००७ का वर्ल्ड कप

जिसके इंडिया पाक्सितान के उस वही tied bowl out मैच ने

और दूसरे और इंग्लैंड के खिलाफ उठे उस तूफ़ान ने
भारतीय आवाम को अपने और आकर्षित किया

और यहाँ आया ललित का आईडिया

एक multi million dollar टूर्नामेंट का idea जो nba और epl को तककर देगी
ये एक glamour, drama, controversy, excitement से भरा एक एंटरटेनमेंट program होगा

जो न केवल क्रिकेट की एक्ससिटेमेंट देगा
पर बॉलीवुड का मसाला भी लाएगा

क्युकी जब celebrity और ads का combination बनाया
तब products की sales बोहोत ज्यादा बढ़ चुकी थी

क्यूंकि उस पॉइंट तक
जब जब bollywood celebrities
और ads का combination बनाया

तब तब products की sales बोहोत ज्यादा बढ़ी थी

और ये सब करके दिखाने के लिए
उन्हें एक गज़ब के मार्केटिंग प्लान की जरुरत पड़ती

जिस वजहसे उन्होंने क्रिकेट से कोई भी नाता ना रखने वाले सुंदर रमन - याने एक marketing कंपनी के हेअड को
आईपीएल का coo बना दिया था

हर दिन अकबरो में ज़िक्र
हर दिनों टीवी पर चर्चा

हर दिनों कोई नया अरबपति IPL में इंट्रेस्टेड होता - जिसकी खबर पता नहीं किश तररह से पेपर्स में पोहोच जाती

फिर वो शाहरुख खान को जयपुर बुलाकर एक भारत पाकिस्तान मैच में ॐ शांति ॐ का प्रमोशन करना हो

या ICON प्लेयर्स याने
सचिन , द्रविड़,सौरव,लक्समन,सेहवाग,युवराज का
अपने होम state के लिए खेलने के लिए राजी होना हो

फिर उसके लिए कंट्रोवर्सी (controversy ) ही क्यों न करनी पड़े

और इस publicity से उन्होंने फिर ब्राडकास्टिंग कम्पनीज को टारगेट किया
कुलमिलाकर 1 बिलियन डॉलर्ज़ के फंडिंग की मांग करते हुए

जो आखिरकार गए sony के खिस्से में

अब बारी थी owners की
क्यूंकि initially
businesses ने उनको मना कर दिया था

पर इसके बावजूद BCCI को देखकर
बोहोत से business owners हिचकिचा रहे थे

जिससे आखिर के ८ owners में से ३ थे ललित के घर के सदस्य

हा उनके अफवाओं और अंदर की खबरे leak होने के वजहसे
अंत में टीम्स के लिए जो Bids निकले उन्होंने एक नया इतिहास बनाकर रख दिया

जिससे finally अब पुरे दुनियामे
IPL के चर्चे होने लगे
कुल 180 दिनों में
ललित मोदी और टीम ने
एक ऐसा टूर्नामेंट जन्म दिया था जिसने क्रिकेट में एक नए दौर की शुरवात की थी

#cricket #ipl #story

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