नालंदा विश्वविद्यालय क्यों जलाया इसने? Study Block | Nalanda University Destroyer @studyblock #nalanda #nalandauniversity #bihar #bakhtiyarkhilzi
Instagram :
https://instagram.com/study_block_edu...
Facebook :
https://www.facebook.com/profile.php?...
WhatsApp :
/ @studyblock
YouTube :
Follow the Study Block channel on WhatsApp: https://whatsapp.com/channel/0029VaDX...
नालंदा विश्वविद्यालय वर्तमान समय में बिहार राज्य के नालंदा जिले में स्थित था l इस विश्वविद्यालय का निर्माण गुप्त वंश के शासक सम्राट कुमारगुप्त के द्वारा 450 ई. में करवाया गया था। यह विश्वविद्यालय दुनिया का पहला ऐसा विश्वविद्यालय था जहां हॉस्टल सुविधा भी थी। यह विश्वविद्यालय प्राचीन भारत में उच्च शिक्षा का सर्वाधिक महत्वपूर्ण और विख्यात केंद्र था। समय इस विश्वविद्यालय में 300 से ज्यादा कमरे, एक समय में 10,000 से ज्यादा स्टूडेंट्स के पढ़ने की व्यवस्था, 2700 से ज्यादा टीचर्स और एक 9 मंजिला लाइब्रेरी भी थी। और यहां सिर्फ भारत के ही नहीं बल्कि कोरिया, जापान, चीन, तिब्बत, इंडोनेशिया, ईरान, ग्रीस, मंगोलिया समेत कई देशो के छात्र भी पढ़ाई के लिए आते थे। लेकिन दुख की बात यह रही कि इतने विशाल और प्रसिद्ध विश्वविद्यालय को एक आक्रमणकारी में तहस नहस कर दिया था। उस आक्रमणकारी का नाम था बख्तियार खिलजी । यह वही बख्तियार खिलजी था जो मोहम्मद गौरी के साथ भारत आया था। इसने 1193 ईस्वी में नालंदा विश्वविद्यालय को जला दिया था।
बख्तियार खिलजी बौद्ध धर्म और आयुर्वेद के ज्ञान को मिटाना चाह रहा था जिसके कारण उसने नालंदा विश्वविद्यालय को नष्ट कर दिया और साथ ही साथ सभी किताबों को भी आग लगवा दिया। उस दौरान विश्वविद्यालय में 3 लाख से ज्यादा किताबें थी।विश्वविद्यालय में इतनी भीषण आग लगी थी जोकि कई जिसे बुझाने में महीने लग गए। साथ ही उसने हजारों धार्मिक विद्वानों और बौद्ध भिक्षुओं को भी मार डाला।
बिहार की राजधनी पटना से 90 किलोमीटर दूर नालंदा में आज भी इस विश्व प्रसिद्ध प्राचीन बौद्ध विश्वविद्यालय के खंडहर स्थित है। जोकि यूनेस्को वर्ल्ड हेरीटेज साइट में भी शामिल है।
आइये जानते है इस महान विश्वविद्यालय के बारे में 15 रोचक तथ्य।
आपको जानकर हैरानी होगी कि इस विश्वविद्यालय में 300 कमरे 7 बड़े-बड़े कक्ष और अध्ययन के लिए 9 मंजिला एक विशाल पुस्तकालय था। जिसमें, एक समय 3 लाख से भी अधिक किताबें मौजूद होती थीं।
नालंदा को तक्षशिला के बाद दुनिया का दूसरा सबसे प्राचीन विश्वविद्यालय माना जाता है। वहीं, आवासीय परिसर के तौर पर यह पहला विश्वविद्यालय है, यह 800 साल तक अस्तित्व में रहा।
4. इस विश्वविद्यालय में एक समय में 10 हजार से ज्यादा विद्यार्थी शिक्षा ग्रहण करते थे और 2700 से ज्यादा अध्यापक उन्हें शिक्षा देते थे।
5. नालंदा में सिर्फ भारत ही नहीं, बल्कि कोरिया, जापान, चीन, तिब्बत, इंडोनेशिया, ईरान, ग्रीस, मंगोलिया समेत कई दूसरे देशो के छात्र भी पढ़ाई के लिए आते थे।
NTA AISSEE Admit Card 2022: ऑल इंडिया सैनिक स्कूल एंट्रेंस एग्जाम का एडमिट कार्ड जारी
6. नालंदा की स्थापना 5वीं शताब्दी में गुप्त वंश के शासक सम्राट कुमारगुप्त ने की थी। इसे महान सम्राट हर्षवर्द्धन और पाल शासकों का भी संरक्षण मिला। नालंदा में खुदाई के दौरान ऐसी कई मुद्राएं भी मिली हैं, जिससे इस बात की पुष्टि भी होती है।
7. इस विश्वविद्यालय की स्थापना का उद्देश्य ध्यान और आध्यात्म के लिए एक स्थान बनाने से था। ऐसा भी कहा जाता है कि गौतम बुद्ध ने कई बार यहां की यात्रा की और यहां पर श्रक कर ध्यान लगाया।
8. इतिहास के अनुसार नालंदा विश्वविद्यालय में एक ‘धर्म गूंज’ नाम की एक लाइब्रेरी थी। इसका मतलब ‘सत्य का पर्वत’ से था। लाइब्रेरी के 9 मंजिलों में तीन भाग थे, जिनके नाम ‘रत्नरंजक’, ‘रत्नोदधि’, और ‘रत्नसागर’ थे।
9. नालंदा में छात्रों को लिटरेचर, एस्ट्रोलॉजी, साइकोलॉजी, लॉ, एस्ट्रोनॉमी, साइंस, वारफेयर, इतिहास, मैथ्स, आर्किटेक्टर, लैंग्वेज साइंस, इकोनॉमिक, मेडिसिन समेत कई विषयों को पढ़ाया जाता था।
10. इस विश्वविद्यालय में कई महान विद्वानों ने पढ़ाई की थी, जिसमें मुख्य रूप से हर्षवर्धन, धर्मपाल, वसुबन्धु, धर्मकीर्ति, आर्यवेद, नागार्जुन का नाम शामिल हैं।
11. नालंदा यूनिवर्सिटी का इतिहास चीन के हेनसांग और इत्सिंग ने खोजा था। ये दोनों 7वीं शताब्दी में भारत आए थे। इन दोनों ने चीन लौटने के बाद नालंदा के बारे में विस्तार से लिखा और इसे विश्व का सबसे बड़ा विश्वविद्यालय बताया।
12. इस विश्वविद्यालय की एक खास बात यह थी कि, यहां लोकतान्त्रिक प्रणाली से सभी कार्य होता था। कोई भी फैसला सभी की सहमति से लिया जाता था। मतलब, सन्यासियों के साथ टीचर्स और स्टूडेंट्स भी अपनी राय देते थे।
13. खुदाई के दौरान यहां 1.5 लाख वर्ग फीट में नालंदा यूनिवर्सिटी के अवशेष मिले हैं। ऐसा माना जाता है कि ये सिर्फ यूनिवर्सिटी का 10 प्रतिशत हिस्सा ही है।
14. नालंदा शब्द संस्कृत के तीन शब्द ना +आलम +दा के संधि-विच्छेद से बना है। इसका अर्थ ‘ज्ञान रूपी उपहार पर कोई प्रतिबंध न रखना’ से है।
15. नालंदा की तर्ज पर नई नालंदा यूनिवर्सिटी बिहार के राजगीर में बनाई गई है। इसे 25 नवंबर, 2010 को स्थापित किया गया।
Информация по комментариям в разработке