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#छोटी दिवाली, नरक चतुर्दशी पूजन सामग्री, पूजा विधि, शुभ मुहूर्त # पंडित प्रदीप जी मिश्रा सीहोर वाले
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नीचे छोटी दिवाली / नरक चतुर्दशी (जिसे रूप चौदशी, काली चतुर्दशी भी कहा जाता है) के लिए सामान्य पूजा सामग्री, विधि और शुभ मुहूर्त दिए हैं। ध्यान दें: पंडित प्रदीप जी मिश्रा का विशेष विधान यदि हो, तो उन्हीं का अनुसरण करें।
🪔 नरक चतुर्दशी (छोटी दिवाली) — तिथि एवं शुभ मुहूर्त 2025
इस वर्ष नरक चतुर्दशी 19 अक्टूबर 2025 को मनाई जाएगी।
चतुर्दशी तिथि की आरंभ: 19 अक्टूबर 13:51 बजे से
तिथि समापन: 20 अक्टूबर 15:44 बजे
इस दिन पूजा और दीपदान के लिए शुभ मुहूर्त हो सकता है रात्रि 11:41 बजे से लेकर 12:31 बजे तक
नोट: ये समय सामान्य हिंदू पंचांग पर आधारित हैं। आपके क्षेत्र (जैसे सीहोर) के अनुसार स्थानीय पंचांग देखें या पंडित का निर्देश लें।
📿 पूजा सामग्री (साधारण व प्रेरित सूची)
निम्नलिखित सामग्री पूजा में उपयोगी होती हैं:
एक चौमुखी दीपक (मिट्टी या धातु का) — यमजी को अर्पित करने हेतु
सरसों का तेल या तिल का तेल (दीपक में)
बाती (कपास की)
अक्षत (उपरी चावल)
रोली / हल्दी
फूल (सफेद, लाल)
नारियल
फल, मिठाई
पान, सुपारी
धूप, अगरबत्ती
शुद्ध जल + गंगाजल (यदि संभव हो)
स्वच्छ वस्त्र
स्नान हेतु तेल / हल्दी आदि सामग्री
कलश (यदि पूजन स्थल पर उपयोग करें)
आसन / चौकी, लाल कपड़ा आदि
🛁 पूजा विधि / अनुष्ठान क्रम
नीचे एक सामान्य क्रम है:
स्नान एवं स्वच्छता
— प्रातः जल्दी उठकर स्नान करें। (अभ्यंग स्नान का विधान विशेष है)
— स्नान के बाद शुद्ध कपड़े पहनें।
पूजा स्थल की तैयारी
— पूजा स्थल पूर्व या उत्तर दिशा की ओर रखें।
— एक चौकी पर लाल कपड़ा बिछाएँ।
दीप व यमजी पूजन
— यमजी को समर्पित चौमुखी दीपक में तेल और बाती लगाएं।
— दीपक को जलाकर पहले घर के अंदर चारों दिशाओं में घुमाएँ, फिर मुख्य द्वार या घर के बाहर दक्षिण दिशा में रखें।
— इस दीपक को “यम दीपक / यमज्योति” कहा जाता है।
पूजा अर्चना एवं प्रार्थना
— रोली, अक्षत, फूल, फल, नारियल आदि अर्पित करें।
— यमराज और पितरों के प्रति श्रद्धांजलि अर्पित करें।
— मन में यह प्रार्थना करें कि परिवार को अकाल मृत्यु से रक्षा मिले।
दीपदान / दीप प्रकाश
— संध्या काल में (उपयुक्त समय पर) घर-घर, मुख्य द्वार आदि पर दीप जलाएँ।
दान-पुण्य
— यदि संभव हो, जरूरतमंदों को भोजन, वस्त्र, चावल आदि का दान करें।
— पूजा समाप्ति के बाद अक्षत या कुछ अनाज पितरों को अर्पित करें।
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