कतरियासर हद सोवनो !!जसनाथ जी का भजन !! KATRIYASAR HAD SOVANO JASNATH JI KA BHAJAN !! KUNTA CHOUDHARY

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कतरियासर हद सोवनो !!जसनाथ जी का भजन !! KATRIYASAR HAD SOVANO JASNATH JI KA BHAJAN !! KUNTA CHOUDHARY
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Kunta Choudhary PRESENTS "कतरियासर हद सोवनो !!जसनाथ जी का भजन "

Song: KUNTA CHOUDHARY || कतरियासर हद सोवनो !!जसनाथ जी का भजन || !

जसनाथ जी का भजन || KATRIYASAR HAD SOVANO

Singer: KUNTA CHOUDHARY
Artist -KUNTA CHOUDHARY
Lyrics: HARENDRA JAAT
Music: RANJEET LOHAR
Mix Master-
Pablising Artits:
DOP:- PUKHRAJ SEDWA
Editor: PUKHRAJ SEDWA
Music Label: Kunta Choudhary
Director & Producer: Pukhraj Sedwa

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गुरु जसनाथ जसनाथी सम्प्रदाय के संस्थापक थे। वह बीकानेर राज्य के ग्राम कत्ररियासर के जाटों के ज्याणी गोत्र से थे। उनके पिता हमीर जी ज्याणी गोत्र के जाट थे और कतरियासर के सरदार थे। जब बीकानेर में राठौड़ शासकों ने भूमि करों में अत्यधिक वृद्धि की, तो लोग बहुत निराश हो गए। इस मौके पर लोगों की समस्याओं को दूर करने के लिए जसनाथ जी महाराज प्रकट हुए। उन्होंने इस सम्प्रदाय की स्थापना संवत 1539 में कतरियासर, बीकानेर में की थी। जसनाथी संप्रदाय/सिद्ध अनुयायी बड़ी संख्या में हैं, मुख्य रूप से जाट जाति के लोग, सरदारशहर, चाऊ नागौर, पांचला सिद्धा मारवाड़ जोधपुर, बाड़मेर, चुरू, गंगानगर, बीकानेर और राजस्थान के अन्य स्थानों में और हरियाणा, पंजाब और मध्य प्रदेश के कई लोग भी मानते हैं। 1 यह जोधपुर, बीकानेर मंडलों में जसनाथ मतानुयायियों की बहुलता है। जसनाथ सम्प्रदाय के पाँच ठिकाने, बारह धाम, चौरासी बाड़ी और एक सौ आठ स्थापना हैं। इस सम्प्रदाय में रहने के लिए छत्तीस नियम पालने आवश्यक हैं। चौबीस वर्ष की आयु में जसनाथजी समाधिस्थ हुए थे। बीकानेर से सटे हुए कतरियासर गांव में आज भी इनकी समाधि विद्यमान है। बीकानेर से करीब 45 किलोमीटर दूर कतरियासर गाँव जसनाथी सम्प्रदाय के लोगों का मेला लगता है। जसनाथ जी महाराज ने निर्गुण भगति पर बल दिया था वह मूर्तिपूजा के विरोधी थे। इतिहासकारो की ऐसी मान्यता है कि जसनाथजी को कतरियासर गांव रूस्तमजी के कहने पर सिकन्दर लोदी ने भेंट किया। जसनाथजी के द्वारा मायड़ भाषा में बताए गए 36 नियम निम्न प्रकार है :: 1. जो कोई जात हुए जसनाथी 2. उत्तम करणी राखो आछी 3. राह चलो, धर्म अपना रखो 4. भूख मरो पण जीव ना भखो 5. शील स्नान सांवरी सूरत 6. जोत पाठ परमेश्वर मूरत 7. होम जाप अग्नीश्वर पूजा 8. अन्य देव मत मानो दूजा 9. ऐंठे मुख पर फूंक ना दीजो 10. निकम्मी बात काल मत कीजो 11. मुख से राम नाम गुण लीजो 12. शिव शंकर को ध्यान धरीजो 13. कन्या दाम कदै नहीं लीजो 14. ब्याज बसेवो दूर करीजो 15. गुरु की आज्ञा विश्वंत बांटो 16. काया लगे नहीं अग्नि कांटो 17. हुक्को, तमाखू पीजे नाहीं 18. लसन अर भांग दूर हटाई 19. साटियो सौदा वर्जित ताई 20. बैल बढ़ावन पावे नाहीं 21. मृगां बन में रखत कराई 22. घेटा बकरा थाट सवाई 23. दया धर्म सदा ही मन भाई 24. घर आयां सत्कार सदा ही 25. भूरी जटा सिर पर रखीजे 26. गुरु मंत्र हृदय में धरीजे 27. देही भोम समाधि लीजे 28. दूध नीर नित्य छान रखीजे 29. निंद्या, कूड़, कपट नहीं कीजे 30. चोरी जारी पर हर ना दीजे 31. राजश्वला नारी दूर करीजे 32. हाथ उसी का जल नहीं लीजे 33. काला पानी पीजे नाहीं 34. नाम उसी का लीजे नाहीं 35. दस दिन सूतक पालो भाई 36. कुल की काट करीजे नाहीं जसनाथी संप्रदाय अग्नि नृत्य से तालुक रखता है।

श्रेणी गुरुदेव भजन

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