गुर्जर-प्रतिहार राजवंश | #9 | Rajasthan History Questions 2024 | For All Exam | Santosh Bishnoi Sir

Описание к видео गुर्जर-प्रतिहार राजवंश | #9 | Rajasthan History Questions 2024 | For All Exam | Santosh Bishnoi Sir

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नमस्कार दोस्तों,
इस वीडियो में Rajasthan History Arts & Culture के अतिमहत्वपूर्ण टॉपिक "गुर्जर-प्रतिहार राजवंश" को बहुत ही शानदार तरीके से समझाया गया है। 2024 तक कि परीक्षाओं में इस टॉपिक से सबंधित पूछे गए प्रश्नों को NCERT एवं राजस्थान हिंदी ग्रन्थ अकादमी की पुस्तकों को आधार बनाकर 360° पर विश्लेषण किया गया है । वीडियो अवश्य देखें, दिल खुश हो जाएगा ।

0:00 - intro

4:10 - प्रतिहारों की 26 शाखाओं में से , सबसे प्राचीन शाखा है : (out of 26 branches of the Pratihars, the most ancient is____.)

9:18 - प्रतिहार के संस्थापक हरिश्चंद की कौन सी राजधानी थी ? ( What was the capital of founder of Pratihar ruler Harishchandra?)

16:38 - राजस्थान में प्रतिहार वंश के संस्थापक हरिश्चंद की राजधानी कौन सी थी? ( Which was the capital of Harishchandra, the founder of Pratihar Dynasty in Rajasthan?)

17:00 - मंडोर - प्रतिहार वंश के किस शासक से वंशावली प्रारंभ होती है? ( From which of the following ruler does the Mandor-Pratihar Dynasty begin?)

19:20 - मंडोर शाखा के निम्नलिखित प्रतिहार शासकों पर विचार कीजिए - (consider the following Pratihar rulers of Mandor line - )
(i) नागभट्ट I
(ii)रज्जिल
(iii)बाउका
(iv) टाटा
इन शासकों का सही कालानुक्रम है -

21:49 - निम्नांकित में से मंडोर के किस गुर्जर प्रतिहार शासक ने मंडोर के स्थान पर मेड़ता को राजधानी बनाया था ?Mandor?)

35:40 - घटियाला शिलालेख में निम्नाकित में से किस वंश की जानकारी प्राप्त होती है ?

43:00 - घटियाला प्राकृत अभिलेख किस प्रतिहार शासक से संबंधित है?

43:47 - घटियाला अभिलेख से संबंधित निम्नलिखित कथनों में असत्य है -

45:46 - अभिलेख जो प्रतिहार शासक कक्कूक की आभिरो पर विजय का दावा करता है -

46:45 - वह गुर्जर प्रतिहार शासक जिसने "रत्नहस्तिन" का विरुद धारण किया था -

52:26 - किस प्रतिहार शासक के शासनकाल में प्रसिद्ध ग्रंथ "कुवलयमाला" की रचना की गई ?

1:00:25 - कुवलयमाला नामक कथा संग्रह में कितनी देशी भाषाओं के नाम का उल्लेख हुआ है?

1:01:01 - किस प्रतिहार शासक ने "आदिवराह" की उपाधि धारण की ?

1:12:50 - निम्नलिखित में से कौन सी पुस्तक गुर्जर प्रतिहार वंश के मिहिर भोज द्वारा रचित नही है?

1:13:52 - निम्नलिखित में से कौन सा मंदिर गुर्जर - प्रतिहार वास्तु शैली का नहीं है ?

1:16:00 - आभानेरी स्थित हर्षत माता का मंदिर मूल रूप से किसे समर्पित था ?

1:20:19 - राजौरगढ़ के कलात्मक वैभव किस काल से संबंधित है?

1:30:14 - इनामी प्रश्न

राजस्थान का इतिहास, कला, संस्कृति, साहित्य, परम्परा एवं विरासत
राजस्थान के प्रागैतिहासिक स्थल- पुरापाषाण से ताम्र पाषाण एवं कांस्य युग तक
ऐतिहासिक राजस्थानः प्रारम्भिक ईस्वी काल के महत्वपूर्ण ऐतिहासिक केन्द्र
प्राचीन राजस्थान में समाज, धर्म एवं संस्कृति
प्रमुख राजवंशों के महत्वपूर्ण शासकों की राजनीतिक एवं सांस्कृतिक उपलब्धियाँ- गुहिल, प्रतिहार, चौहान, परमार, राठौड़, सिसोदिया और कच्छावा
मध्यकालीन राजस्थान में प्रशासनिक तथा राजस्व व्यवस्था ।
आधुनिक राजस्थान का उदय 19वीं 20वीं शताब्दी के दौरान राजस्थान में सामाजिक जागृति के कारक।
राजनीतिक जागरण समाचार पत्रों एवं राजनीतिक संस्थाओं की भूमिका
20वीं शताब्दी में जनजाति तथा किसान आन्दोलन
20वीं शताब्दी के दौरान विभिन्न देशी रियासतों में प्रजामण्डल आन्दोलन ।
राजस्थान का एकीकरण ।
राजस्थान की वास्तु परम्परा मंदिर, किले, महल एवं मानव निर्मित जलीय संरचनाएँ
चित्रकला की विभिन्न शैलियाँ और हस्तशिल्प ।
प्रदर्शन कला शास्त्रीय संगीत एवं शास्त्रीय नृत्य
लोक संगीत एवं वाद्य; लोक नृत्य एवं नाट्य ।
भाषा एवं साहित्य : राजस्थानी भाषा की बोलियाँ राजस्थानी भाषा का साहित्य एवं लोक साहित्य ।
धार्मिक जीवन : धार्मिक समुदाय,
राजस्थान में संत एवं सम्प्रदाय, राजस्थान के लोक देवी-देवता ।

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