Chaitra navratri 2024 : जानें कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त, कलश स्थापना की विधि, मां के 9 दिनों का प्रसाद
चैत्र नवरात्रि 9 अप्रैल (navratri kab hai) से, जानें कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त, कलश स्थापना की विधि, मां के 9 दिनों का प्रसाद
इस साल 9 अप्रैल से चैत्र नवरात्रि की शुरूआत (navratri kab se shuru hai) हो रही है। चैत्र navratri के पहले दिन कलश स्थापना का विशेष महत्व है। कलश स्थापना से ही घर में aadishakti mata का आगमन होता है और कलश स्थापना के बाद आदि शक्ति #aadishakti की उपासना शुरू होती है। (navratri ki puja kaise karen)
#navratri घटस्थापना के लिए 9 अप्रैल को दो शुभ मुहूर्त हैं-
सुबह 05:46 बजे से सुबह 09:08 बजे तक। (puja ka shubh muhurt)
सुबह 11:36 बजे से 12:24 दोपहर तक।
chaitra navratri कलश स्थापना विधि (ghat sthapna kaise karen) chaitra navratri puja vidhi
कलश की पूर्व या उत्तर दिशा या फिर ईशान कोण में स्थापना करें।
kalash sthapna के लिए पूजा की चौकी पर लाल कपड़ा बिछाएं और अक्षत अष्टदल बनाकर मां दुर्गा (durga mata) की प्रतिमा विराजमान करें।
इसके बाद कलश में पानी, गंगाजल, सिक्का, रोली, हल्दी गांठ, दूर्वा, सुपारी डालकर कलश स्थापित करें।
कलश में 5 आम के पत्ते रखकर उसे ढक दें। ऊपर से नारियल में कलावा बांधकर रख दें।
एक पात्र में स्वच्छ मिट्टी डालकर 7 तरह के अनाज बोएं और इसे चौकी पर रख दें।
अंत में दीप जलाकर गणपति, माता जी, नवग्रहों का आवाहन करें। फिर विधि-विधान से देवी की पूजा करें। (kalash sthapna kaise karen)
नवरात्रि के नौ दिन, मां का रूप और भोग प्रसाद (navratri special) :
प्रतिपदा, शैलपुत्री - दूध, शहद, घी, फल और नारियल।
दूसरा, ब्रह्मचारिणी - मिश्री, दूध और पंचामृत।
तीसरा, चंद्रघंटा - खीर, दही आदि।
चौथा, कुष्मांडा - हरा फल, अंकुरित अनाज, मालपुआ, इलाइची।
पंचवां, स्कंदमाता - अनार, छुहारा व किशमिश।
छठा, कात्यायिनी - शहद और उससे निर्मित खाद्य पदार्थ।
सांतवां, कालरात्रि - गुड़ और गुड़ से बने पकवान।
आठवां, महागौरी - नारियल।
नौवां, सिद्धिदात्री - हलुआ, पुड़ी, गुलगुला, मालपुआ।
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