विकास की अवधारणा, और अधिगम के साथ सम्बन्ध |Class-01|@| CTET-2022-23|Live|6:00Pm|by Tajuddin Sir

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विकास की अवधारणा, और अधिगम के साथ सम्बन्ध |Class-01|@| CTET-2022-23|Live|6:00Pm|by Tajuddin Sir
विकास की अवधारणा एवं इसका अधिगम से संबंध.
Concept of Development and its Relationship with learning.
विकास की आवधारणा (Concept of Development)
विकास का अर्थ - परिवर्तन (Change)
परिवर्तन दो तरह होता है-
1. मात्रात्मक परिवर्तन (Quantity)
2. गुणात्मक परिवर्तन (Quality)
1. मात्रात्मक परिवर्तन- बाह्य परिवर्तन से है जो व्यक्ति में लंबाई, वजन,
उम्र इत्यादि से है।
2. गुणात्मक परिवर्तन - व्यक्ति के व्यवहार परिपक्वता से संबंधित है।
विकास की प्रकृति (Nature of Development)
1. विकास जीवन पर्यन्त चलनेवाली प्रक्रिया है, जो गर्भधारण / प्रारंभ
होती है तथा जीवन पर्यन्त चलती है।
विकास बहु-आयामी होता है।
विकास क्रमबद्ध तरीके से होता है और एक निश्चित क्रम का अनुसरण
करता है।
विकास के प्रकार (Types of Development)
शारीरिक विकास (Physical Development)
शारीरिक विकास दो तरह से होता है-
1. सूक्ष्म गरयात्मक विकास (Gross motor Development)
2. स्थूल गत्यात्मक विकास (Fine motor Development)
1. सूक्ष्म गव्यात्मक विकास - इसमें बाल थोड़ा-सा अपने मांसपेशियों को
move करता है।जैसे- कलम पकड़ना, खड़ा होना, पैर हिलाना शरीर
को गतिशील करना; बाल झारना, काजल पहनना, लिखना, मटर को
तोड़ना, इत्यादि ।
2. स्थूल गत्यात्मक कौशल विकास (Gross motor Development)
इसमें बाल ज्यादा माँस पेशियों को move करता है।जैसे- एक पैर पर
खड़ा होना, दौड्ना, तैरना, कूदना इत्यादि।
2. संज्ञानात्मक विकास (Cognitive Development)
3. सामाजिक और भावनात्मक विकास (Social and Emotional)
Development)
4. भाषा विकास (Language Development)
वृद्धि की अवधारणा (Concept of growth)
वृद्धि का अर्थ है मानव शरीर के विभिन्न भागों की वृद्धि से है।
दूसरे शब्दों में वृद्धि से तात्पर्य वजन, लंबाई, ऊंचाई और शरीर के
अनुपात में परिवर्तन से है।
वृद्धि मात्रात्मक परिवर्तन है।

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