शकुनि के पासों का रहस्य क्या था क्या हुआ शकुनि के पासे का ???

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शकुनि के पासों का रहस्य क्या था क्या हुआ शकुनि के पासे का ???
दुर्योधन और शकुनि राजा धृतराष्ट्र के पास गये और उनसे चौसर के खेल का आयोजन रखने का आग्रह किया। धृतराष्ट्र ने कहा कि वो विदुर की सलाह के पश्चात इसका निर्णय करेंगे लेकिन दुर्योधन ne बिना पूछे इस खेल का आयोजन करने के लिए अपने पिता को बाध्य किया। अंत में धृतराष्ट्र को उनकी बात माननी पड़ी और उसें चौसर के खेल के आयोजन की घोषणा करवाई। विदुर को जब इस बात का पता चला तो उन्होंने धृतराष्ट्र को बताया कि इस खेल से हमारे कुल का नाश हो जाएगा लेकिन पुत्र प्रेम में धृतराष्ट्र कुछ नही बोले। भीष्म पितामह भी चुप रहे। धृतराष्ट्र ने विदुर को युधिष्ठिर को खेल का न्योता देने को भेजा। दोस्तों उस चौसर यानि जुए के खेल के बाद क्या हुआ आप सब को पता है परंतु उस जुवे के खेल मे मामा शकुनि के पासे की महत्वपूर्ण भूमिका थी आइये जानते हैं आखिर उनके पासे का क्या रहस्य था।
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