Sangh Parivār kī Rājnīti - Ek Hindu Ālochanā | Dr. Shankar Sharan |

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यह हिन्दू दृष्टि से संघ-परिवार की राजनीति की एक आलोचना है। उस पर बनी-बनाई, अच्छी-बुरी मान्यताओं से हट कर यह उन बुनियादी मुद्दों पर आधारित है, जिन से हिन्दू समाज का हित प्रभावित होता है। इस में स्वतंत्र विद्वानों, लेखकों, तथा संघ के पुराने स्वयंसेवकों के विचार शामिल हैं। साथ ही, गत दो दशक में समय-समय पर लेखक के अपने अवलोकन भी संकलित हैं। इस तरह, यह पुस्तक गत आठ दशकों में संघ परिवार की राजनीति की एक परख है। इस पड़ताल की कसौटी कोई मतवाद नहीं, वरन हिन्दू समाज का हित है।
This is a criticism of the politics of the Sangh-Parivar from the Hindu point of view. It is based on those basic issues, which affect the interest of Hindu society, moving away from the made-up, good-bad beliefs on it. It includes views of independent scholars, writers, and old volunteers of the Sangh. Along with this, the author's own observations are also compiled from time to time in the last two decades. Thus, this book is an examination of the politics of the Sangh Parivar in the last eight decades. The test of this investigation is not any ideology, but the interest of the Hindu society.

वक्ता: प्रो. शंकर शरण
Speaker: Prof. Shankar Sharan

लेखक और स्तंभकार। वर्तमान में नेशनल फेलो, आईआईएएस, शिमला।पूर्व में बड़ौदा के एम एस विश्वविद्यालय में राजनीति विज्ञान पढ़ाते थे।
Writer and columnist. Currently National Fellow, IIAS, Shimla. Formerly taught Political Science at MS University, Baroda.

Sub-Topics/उप-विषय::
0:00 Power statements / उद्घाटन बयान
1:30 How the book "Sangh Parivār kī Rājnīti - Ek Hindu Ālochanā " came about/ "संघ परिवार की राजनीति - एक हिंदू आलोचना" पुस्तक कैसे आई
5:28 Sangh parivar have a myopic vision towards civilizational and Hindu issues/संघ परिवार की सभ्यतागत मुद्दों के प्रति एक संकीर्ण दृष्टि है
7:07 Anti Hindu Indian Constitution / हिन्दू विरोधी भारतीय संविधान
9:30 Sitaram Goel's analysis of the Sangh parivar / संघ परिवार पर सीताराम गोयल का विश्लेषण
12:11 Are Sangh parivar and Hindu interest synonyms? / क्या संघ परिवार और हिंदू हित पर्यायवाची हैं?
14:31 Arun Shouries's analysis of the Sangh parivar/संघ परिवार पर अरुण शौरी का विश्लेषण
15:00 Former sanghchālak's analysis of Sangh parivar / पूर्व संघचालक का संघ परिवार का विश्लेषण
16:58 Sangh's delusions about Islam / इस्लाम के बारे में संघ का भ्रम
17:12 Fall in the cultural character of Sangh / संघ के सांस्कृतिक चरित्र में गिरावट
17:18 Craze of Gandhism in the Sangh / संघ में गांधीवाद का क्रेज
17:25 Anti Hindu policy in education / शिक्षा में हिन्दू विरोधी नीति
19:07 Hindus are still paying jaziya tax / हिन्दू आज भी जजिया कर दे रहे हैं
22:20 Nehru murdabad! Nehruism Zindabad! / नेहरू मुर्दाबाद! नेहरूवाद जिंदाबाद!
24:10 Andher nagri, Party raja / अंधेर नगरी, पार्टी राजा
26:31 Inflicting atrocities on own people, appeasement of others / अपने लोगों पर अत्याचार करना, दूसरों का तुष्टिकरण करना
27:35 Desertedness of intellectual movement in the Sangh / संघ में बौद्धिक आंदोलन का सूनापन
31:30 Sangh's growing distance from Dharma / संघ की धर्म से बढ़ती दूरी
32:30 Freeing of Temples mukti and Sangh's maryada / मंदिर मुक्ति और मर्यादा
34:30 Hindu jodo ya todo? / हिंदुओं को एक करो या तोड़ो

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