Nitin Das || जीव से सीधा पीव हो जाने पर ही मुक्ति संभव है न की जीव से शीव होने पर || कबीर मूल ज्ञान

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सत्य के खोजी जीव हंसो के लिए जरुरी संदेश कलियुग में पहली बार परमात्मा के असली गुप्त ज्ञान का खुलासा किया जा रहा है| आज तक जितने भी संतो ने परमात्मा कि महिमा गाई है वो सब पवित्र ज्ञान कहलाई लेकिन अब आपको मूल ज्ञान का भेद बताने के लिए नितिन दास जी ने सत्य का डंका पूरे विशव में बजा दिया है |

किसी भी 52 अक्षरी नाम को जपने से जीव कि मुक्ति नही होती है
जोत निरंजन, ओंकार, रारंकार, सोहम्, सतनाम या सतपुरुष,
अकल्मुरत, शब्द स्वरूपी राम या ॐ कलियम हरियम, श्रीयम,
सोहम् सत्यम या हरे राम हरे कृष्णा, कबीर कबीर वाहेगुरु सतसाहेब,
हलेलुइया अल्लाहु आदि सब नाम इंसानों द्वारा बनाये गए है

ये सब बनावटी नाम है परमात्मा का असली नाम अक्षरों से न्यारा है

दोहे:-
सोई गुरु पूरा कहावे दो अक्षर का भेद बतावे
एक छुडावे एक लाखवे तब प्राणी निज घर को जावे

जाप मरे अजपा मरे अनहद भी मर जावे
सूरत समावे शब्द में वाको काल न खावे

52 अक्षर जीभ आधारा आदि अक्षर जीभा से न्यारा
वाही को सत सिमरन कहिये, सिमर सिमर नर उतरो पारा

52 के जंजाल में फस गया ये संसार
सिमरन 52 का करे कैसे लगे पार

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