Logo video2dn
  • Сохранить видео с ютуба
  • Категории
    • Музыка
    • Кино и Анимация
    • Автомобили
    • Животные
    • Спорт
    • Путешествия
    • Игры
    • Люди и Блоги
    • Юмор
    • Развлечения
    • Новости и Политика
    • Howto и Стиль
    • Diy своими руками
    • Образование
    • Наука и Технологии
    • Некоммерческие Организации
  • О сайте

Скачать или смотреть शिव ॐ | शिव चालीसा | Mahamrityunjaya Mantra | Mahamrityunjaya Chalisa | Shiv Chalisa | शिव भजन

  • Worldwide Bhakti
  • 2020-09-01
  • 568350
शिव ॐ | शिव चालीसा | Mahamrityunjaya Mantra | Mahamrityunjaya Chalisa | Shiv Chalisa | शिव भजन
ABhishek Music Studio - Bhaktiभक्ती भजनmahamrityunjaya chalisashiv ommahamrityunjaya mantramahamrityunjay bhajanmrityunjaya chalisamahamrityunjaya mantra japmahamrityunjay jaapmahamrityunjay aartiशिव ॐshiva mantrashiv bhajanshiv chalisabhajanshiv aartishiv chalisa in hindiशिव भजनbhaktiमृत्युंजय चालीसाbhakti songshivji ki aartichalisaशिव चालीसाचालीसाmahadev chalisaमहामृत्युंजय मंत्रमहामृत्युंजय चालीसाशिवhindi bhajan
  • ok logo

Скачать शिव ॐ | शिव चालीसा | Mahamrityunjaya Mantra | Mahamrityunjaya Chalisa | Shiv Chalisa | शिव भजन бесплатно в качестве 4к (2к / 1080p)

У нас вы можете скачать бесплатно शिव ॐ | शिव चालीसा | Mahamrityunjaya Mantra | Mahamrityunjaya Chalisa | Shiv Chalisa | शिव भजन или посмотреть видео с ютуба в максимальном доступном качестве.

Для скачивания выберите вариант из формы ниже:

  • Информация по загрузке:

Cкачать музыку शिव ॐ | शिव चालीसा | Mahamrityunjaya Mantra | Mahamrityunjaya Chalisa | Shiv Chalisa | शिव भजन бесплатно в формате MP3:

Если иконки загрузки не отобразились, ПОЖАЛУЙСТА, НАЖМИТЕ ЗДЕСЬ или обновите страницу
Если у вас возникли трудности с загрузкой, пожалуйста, свяжитесь с нами по контактам, указанным в нижней части страницы.
Спасибо за использование сервиса video2dn.com

Описание к видео शिव ॐ | शिव चालीसा | Mahamrityunjaya Mantra | Mahamrityunjaya Chalisa | Shiv Chalisa | शिव भजन

शिव ॐ - Mahamrityunjaya Mantra - Mahamrityunjaya Chalisa - Shiv Chalisa - शिव भजन - Bhakti Song . शिव चालीसा मृत्युंजय चालीसा इस घोर कलयुग में पूर्ण रूपेण गुणों की खान है। किसी की जन्म कुण्डली में अल्प आयु हो, और किसी भी तरह का शरीर को कष्ट हो, कैसी भी आधि-व्याधि हो, ग्रहों के द्वारा महान दोष हो; तब अगर मनुष्य छल, कपट और बुरी भावना का त्याग करके नित्य इस चालीसा का पाठ करता है तो स्वामी सहजानंद नाथ कहते हैं कि उसकी सभी कष्टों से छुटकारा मिलता है, ज्ञान का प्रकाश उदय होता है और अज्ञानता खत्म होती है तथा परिवार में सौहार्द का वातावरण बनता है

𝑨𝑩𝒉𝒊𝒔𝒉𝒆𝒌 𝑴𝒖𝒔𝒊𝒄 𝑺𝒕𝒖𝒅𝒊𝒐 ™ Presents Maha Mrityunjaya Chalisa sung by Ram Shankar and Music Lebal by Shiv Om. Shiv Chalisa shiv bhajan and devotional songs

Title: Maha Mrityunjaya Chalisa (Full) - Original

Actor: Pradhuman Suri

Music :- ABhishek Music Studio ™

Lyrics: Swami Sehajanand Nath Ji

Singer :- Ram Shankar

Director: Vijender Chopra




Lyrics With Meaning :

ॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐ

ॐ Tryambakam Yajamahe, Sugandhim Pushti-Vardhanam, Urvarukamiva Bandhanaan, Mrityor Mukshi Yamamritaat...

जय मृत्युंजय जग पालन कर्ता।
अकाल मृत्यु दुख सबके हर्ता।
मृत्युंजय भगवान ही इस संसार के पालनकर्ता हैं और
अकाल मृत्युसे तथा दु:खों से सबको निजात दिलाते हैं।

अष्ट भुजा तन प्यारी ।
देख छवि जग मति बिसारी।

चार भुजा अभिषेक कराये। |
दो से सबको सुधा पिलाये।

सप्तम भुजा मृग मुद्रिका सोहे।
अष्टम भुजा माला मन पोवे।

सर्पो के आभूषण प्यारे
बाघम्बर वस्त्र तने धारे।

कमलासन को शोभा न्यारी
है आसीन भोले भण्डारी।

माथे चन्द्रमा चम-चम सोहे।
बरस-बरस अमृत तन धोऐ।


त्रिलोचन मन मोहक स्वामी
घर-घर जानो अन्तर्यामी

वाम अंग गिरीराज कुमारी।
छवि देख जाऐ बलिहारी।

मृत्युंजय ऐसा रूप तिहरा
शब्दों में ना आये विचारा ।

आशुतोष तुम औघड दानी
सन्त ग्रन्थ यह बात बखानी

राक्षस गुरु शुक्र ने ध्याया
मृत संजीवनी आप से पाया

यही विद्या गुरु ब्रहस्पती पाये ।
माक्रण्डेय को अमर बनाये ।

उपमन्यु अराधना किनी।
अनुकम्पा प्रभु आप की लीनी।

अन्धक युद्ध किया अतिभारी।
फिर भी कृपा करि त्रिपुरारी।

देव असुर सबने तुम्हें ध्याया।
मन वांछित फल सबने पाया।

असुरों ने जब जगत सताया।
देवों ने तुम्हें आन मनाया।



त्रिपुरों ने जब की मनमानी।
दग्ध किये सारे अभिमानी।


देवों ने जब दुन्दुभी बजायी।
त्रिलोकी सारी हरसाई।

ई शक्ति का रूप है प्यारे।
शव बन जाये शिव से निकारे।

नाम अनेक स्वरूप बताये।
सब मार्ग आप तक जाये।

सबसे प्यारा सबसे न्यारा।
तैतीस अक्षर का मंत्र तुम्हारा।
तुम्हारा तैतीस अक्षरो का मृत्युंजय मंत्र (ओ३म् त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम।
उर्वारुकमिव बंधनान्मृत्योर्मुक्षीय | मामृतात्॥) जोकि सबसे शक्तिशाली और पूर्ण रूपेण प्रत्येक !

तैतीस सीढ़ी चढ़ कर जाये
सहस्त्र कमल में खुद को पाये।
हमारी रीढ़ के 33 जी कोण हैं, तुम्हारे इस मंत्र को बोलने
से मूलाधार से शक्ति शवाधिस्ठान में, फिर मणिपुर में, फिर
अनाहत में, फिर विशुद्धि में और फिर आज्ञा चक्र में होते हुए
सहस्त्रार में प्रवेश कर जाती है। अर्थात् इस मंत्र को बोलने से
स्थूल शरीर निरोग हो जाता है और सूक्ष्म शरीर का आपमें विलय का रास्ता बन जाता है।

आसुरी शक्ति नष्ट हो जाये।
सात्विक शक्ति गोद उठाये।


श्रद्धा से जो ध्यान लगाये ।
रोग दोष वाके निकट न आये।

आप ही नाथ सभी की धूरी।
तुम बिन कैसे साधना पूरी।

यम पीड़ा ना उसे सताये।
मृत्युंजय तेरी शरण जो आये।
मृत्युंजय भगवान तेरी शरण में आने के बाद मृत्यु का भय कहाँ? यम के दूत
तो क्या स्वयं यमराज भी तेरी शरण में आए हुए भक्तों को सता नहीं सकता।

सब पर कृपा करो हे दयालु।
भव सागर से तारो कृपालु।
हे मृत्युंजय! आपसे बड़ा कोई दयालु नहीं और आप सब पर कृपा करें तथा संसार रुपी सागर में हमें पार कीजिए।


महामृत्युंजय जग के अधारा
जपे नाम सो उतरे पारा
महामृत्युंजय भगवान! आप ही जगत के आधार हैं। आपका जो नाम जपता है
वही इस संसार सागर से पार हो जाता है।

चार पदार्थ नाम से पाये।
धर्म अर्थ काम मोक्ष मिल जाये।
आपके नाम का गुणगान करने से धर्म, अर्थ, काम और
मोक्ष सब कुछ प्राप्त हो जाता है।

जपे नाम जो तेरा प्राणी ।
उन पर कृपा करो हे दानी ।
हे भगवन! जो भी प्राणी आपका नाम जपे उन पर अपनी कृपा हमेशा बरसाते रहना।

कालसर्प का दुःख मिटावे ।
जीवन भर नहीं कभी सतावे ।
आपका ध्यान करने व जपने से काल रूपी सर्प ने जो जन्म कुण्डली में
पूर्व जन्मों के कर्मों के कारण दोष उत्पन्न कर | दिए हैं वो पूर्णतया जीवन में कभी भी नहीं सताते।

नव ग्रह आ जहां शीश निवावे।
भक्तों को वो नहीं सतावे।


जो श्रद्धा विश्वास से धयाये
उस पे कभी ना संकट आये।
जो सच्चे हृदय और पूर्ण विश्वास से आपका ध्यान करता
है उसके जीवन में कभी कोई दुर्घटना और संकट नहीं आता।

जो जन आपका नाम उचारे
नव ग्रह उनका कुछ ना बिगाड़े।


तेंतीस पाठ करे जो कोई
अकाल मृत्यु उसकी ना होई।

मृत्युंजय जिन के मन वासा ।
तीनों तापों का होवे नासा।
दैहिक (शरीर में), दैविक (देवता द्वारा) और भौतिक
(सांसारिक कष्ट) जिनके मन में मृत्युंजय देव आप वास करते हैं
उन्हें ये कष्ट कभी भी नहीं होते।

नित पाठ उठ कर मन लाई।
सतो गुणी सुख सम्पत्ति पाई।

मन निर्मल गंगा सा होऐ है कि वह अपने घर में ही

-------------------------------------------------------------------------------------
Subscribe to ABhishek Music Studio - Bhakti YouTube channel for all popular Mantra, Aarti, Stotra, Chalisa, Bhajan, Amritwani, Meditation Chants, Jaap, Shlokas, and Kirtan.
Hanuman Chalisa, Gayatri Mantra, Ganesh Mantra, Ganesh Aarti, Lakshmi Aarti, Laxmi Aarti. Mahamrityunjay Mantra, Om Namah Shivay Dhun, Shiv Dhun, Shiv Chalisa, Om Jai Jagdish Hare Aarti, ..

Комментарии

Информация по комментариям в разработке

Похожие видео

  • О нас
  • Контакты
  • Отказ от ответственности - Disclaimer
  • Условия использования сайта - TOS
  • Политика конфиденциальности

video2dn Copyright © 2023 - 2025

Контакты для правообладателей [email protected]