बाबा धोकलनाथ आश्रम की महिमा/Baba Dhokal Nath/Singer- Karampal/ Sharma/Poet Rampal Bhambheta

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हरियाणवी किस्सा-बाबा धोकलनाथ आश्रम की महिमा
रचयिता- श्री रामपाल बम्हेटा
गायक-कर्मपाल शर्मा, ब्रह्मपाल नागर व साथी
प्रस्तुति-मैना कैसेट
प्रस्तुति वर्ष-2000
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1. श्री जय राम नाथ तपधारी संत तपस्वी और ब्रह्मचारी,
धर्मपरायण पर-उपकारी, सहनशील, दयावान,
योग क्रिया के जानने वाले, अगम गति पहचानने वाले,
दयाभाव के मानने वाले योगी हुए महान।।
2. चोटी काट दिया बना महात्मा दिया गुरू ने बाणा,
धोकलनाथ होग्या और बदला नाम पुराना।।
3. श्री धोकल बाबा हुए बड़े तपधारी,
जब तक सूरज चांद गगन याद करैं नर-नारी।।
4. श्री छोटू नाथ बड़े तपधारी थे बालकपन तै ब्रह्मचारी,
संत महिमा किसने जानी,
इस भूमि की शान बढ़ेगी, एक दिन शिखर पै कला चढ़ेगी,
या उनकी सच होगी बाणी।।
5. श्री शुभनाथ महन्त छापुर के ये भगतों के हितकारी,
सरल सुभा कर्मठ होगी सैं शान्त चित्त तपधारी।।
6. छापुर का आश्रम सन्तो का आधार,
जंगल में मंगल हो रहा सै छा रही अजब बहार।।
7. छापुर मठाधीश वर्तमान, श्री शुभनाथ गुणों की खान,
त्यागी योगी संत महान तेरा जग में नाम सै।।

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