Logo video2dn
  • Сохранить видео с ютуба
  • Категории
    • Музыка
    • Кино и Анимация
    • Автомобили
    • Животные
    • Спорт
    • Путешествия
    • Игры
    • Люди и Блоги
    • Юмор
    • Развлечения
    • Новости и Политика
    • Howto и Стиль
    • Diy своими руками
    • Образование
    • Наука и Технологии
    • Некоммерческие Организации
  • О сайте

Скачать или смотреть [२] ||ऐतरेयोपनिषद् aitareyopaniṣat||

  • धर्मो रक्षति रक्षितः
  • 2023-03-22
  • 859
[२] ||ऐतरेयोपनिषद् aitareyopaniṣat||
  • ok logo

Скачать [२] ||ऐतरेयोपनिषद् aitareyopaniṣat|| бесплатно в качестве 4к (2к / 1080p)

У нас вы можете скачать бесплатно [२] ||ऐतरेयोपनिषद् aitareyopaniṣat|| или посмотреть видео с ютуба в максимальном доступном качестве.

Для скачивания выберите вариант из формы ниже:

  • Информация по загрузке:

Cкачать музыку [२] ||ऐतरेयोपनिषद् aitareyopaniṣat|| бесплатно в формате MP3:

Если иконки загрузки не отобразились, ПОЖАЛУЙСТА, НАЖМИТЕ ЗДЕСЬ или обновите страницу
Если у вас возникли трудности с загрузкой, пожалуйста, свяжитесь с нами по контактам, указанным в нижней части страницы.
Спасибо за использование сервиса video2dn.com

Описание к видео [२] ||ऐतरेयोपनिषद् aitareyopaniṣat||

#ऐतरेयोपनिषद्
#aitareyopaniṣat
#उपनिषद्
#सनातन_धर्म #hindiaudiobook #गीता_उपदेश #विश्वगुरु #उपनिषद_ज्ञान #उपनिषद_गंगा

सृष्टि रचना विषयक संकल्प का वर्णन
   • [१.१] ||ऐतरेयोपनिषद् aitareyopaniṣat|| #सृ...  

परमात्मा ने मानव शरीर की रचना कैसे की?
   • [१.२] ||ऐतरेयोपनिषद् aitareyopaniṣat|| #पर...  

मनुष्य भोजन देखकर ही तृप्त क्यों नहीं हो जाता?
   • [१.३] ||ऐतरेयोपनिषद् aitareyopaniṣat|| #मन...  

मनुष्य शरीर की उत्पत्ति का वर्णन
   • [२] ||ऐतरेयोपनिषद् aitareyopaniṣat|| #मनुष...  

दूसरे ऋग्वेदीय आरण्यक के चौथे, पांचवें और छठे अध्याय में 'ब्रह्मविद्या' का प्रमुख रूप से उल्लेख मिलता है। इसीलिए इसे 'ऐतरेयोपनिषद' की मान्यता दी गयी है। इसमें तीन अध्याय हैं।

प्रथम अध्याय
इस उपनिषद के प्रथम अध्याय में तीन खण्ड हैं

पहले खण्ड में सृष्टि का जन्म,
दूसरे खण्ड में मानव-शरीर की उत्पत्ति और
तीसरे खण्ड में उपास्य देवों की क्षुधा-तृप्ति के लिए अन्न के उत्पादन का वर्णन किया गया है।
प्रथम खण्ड / सृष्टि की उत्पत्ति
प्रथम खण्ड में ऋषि कहता है कि सृष्टि के आरम्भ में एकमात्र 'आत्मा' का विराट ज्योतिर्मय स्वरूप विद्यमान था। तब उस आत्मा ने विचार किया कि सृष्टि का सृजन किया जाये और विभिन्न लोक बनाये जायें तथा उनके लोकपाल निश्चित किये जायें। [१] ऐसा विचार कर आत्मा ने 'अम्भ', 'मरीचि', 'मर' और 'आप:' लोकों की रचना की।

द्युलोक से परे स्वर्ग की प्रतिष्ठा रखने वाले लोक को 'अम्भ' कहा गया।
मरीचि को अन्तरिक्ष, अर्थात् प्रकाश लोक (द्युलोक) कहा गया,
पृथिवी लोक को मर, अर्थात् मृत्युलोक नाम दिया गया,
पृथिवी के नीचे जलीय गर्भ को पाताललोक (आप:) कहा गया।
ऋग्वेद में आप: को सृष्टि के मूल क्रियाशील प्रवाह के रूप में व्यक्त किया है। वही हिरण्यगर्भ रूप है। इस हिरण्यगर्भ रूप में ब्रह्म का संकल्प बीज पककर विश्व-रूप बनता है। इसी हिरण्यगर्भ से विराट पुरुष एवं उसकी इन्द्रियों की उत्पत्ति होती है और उसकी इन्द्रियों से देवताओं का सृजन होता है। यही जीवन का विकास-क्रम है। वेद हिरण्यगर्भ रूप को पृथिवी और द्युलोक का आधार स्वीकार करते हैं- यह हिरण्यगर्भ रूप ही 'आप:' के मध्य से जन्म लेता है। अत: सृष्टि का आधारभूत हव्य है।

लोकों की रचना करने के उपरान्त परमात्मा ने लोकपालों का सृजन करने की इच्छा से आप: (जलीय गर्भ) से 'हिरण्य पुरुष' का सृजन किया। सर्वप्रथम हिरण्यगर्भ से अण्डे के रूप का एक मुख प्रकट हुआ। मुख से वाक् इन्द्री, वाक् इन्द्री से 'अग्नि' उत्पन्न हुई। तदुपरान्त नाक के छिद्र प्रकट हुए। नाक के छिद्रों से 'प्राण' और प्राण से 'वायु' उत्पन्न हुई। फिर नेत्र उत्पन्न हुए। नेत्रों से चक्षु (देखने की शक्ति) प्रकट हुए और चक्षु से 'आदित्य' प्रकट हुआ। फिर 'त्वचा', त्वचा से 'रोम' और रोमों से वनस्पति-रूप 'औषधियां' प्रकट हुईं। उसके बाद 'हृदय', हृदय से 'मन, 'मन से 'चन्द्र' उदित हुआ। तदुपरान्त नाभि, नाभि से 'अपान' और अपान से 'मृत्यु' का प्रादुर्भाव हुआ। फिर 'जननेन्द्रिय, 'जननेन्द्रिय से 'वीर्य' और वीर्य से 'आप:' (जल या सृजनशीलता) की उत्पत्ति हुई।
यहाँ वीर्य से पुन: 'आप:' की उत्पत्ति कही गयी है। यह आप: ही सृष्टिकर्ता का आधारभूत प्रवाह है। वीर्य से सृष्टि का 'बीज' तैयार होता है। उसी के प्रवाह में चेतना-शक्ति पुन: आकार ग्रहण करने लगती है। सर्वप्रथम यह चेतना-शक्ति हिरण्य पुरुष के रूप में सामने आयी। इस प्रकार प्रथम खण्ड में सृष्टि की उत्पत्ति और उसकी विकास-प्रक्रिया का बीजारोपण अत्यन्त वैज्ञानिक ढंग से प्रस्तुत किया गया है।

ऐतरेयोपनिषद्
aitareyopaniṣat
ऐतरेयोपनिषत्
aitareyopanishad
तैत्तिरीय उपनिषद
upnishad kya hai
upanishads in hindi
Upnishad kitne hai
Upnishad gyan
Upanishad ganga
उपनिषद गंगा
Aitareyopaniṣat
Upanishad ganga all full episodes

Комментарии

Информация по комментариям в разработке

Похожие видео

  • О нас
  • Контакты
  • Отказ от ответственности - Disclaimer
  • Условия использования сайта - TOS
  • Политика конфиденциальности

video2dn Copyright © 2023 - 2025

Контакты для правообладателей [email protected]