Nanda Aasthami parsari 🙏🙇 chamoli jyotrimath 🌿😍 ।। in Hini rongpa।।

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नंदा अष्टमी, पश्चिमी हिमालय की सबसे ऊंची चोटी नंदा देवी की पूजा के लिए मनाया जाने वाला त्योहार है. यह त्योहार उत्तराखंड के भाद्रपद महीने के शुक्ल पक्ष की अष्टमी को मनाया जाता है. इस दिन, नंदा देवी के मंदिरों में भक्तों का जयघोष होता है. नंदा अष्टमी पर ब्रह्म कमल की कटाई की जाती है. ब्रह्म कमल को सौसुरिया ओबवल्लाटा भी कहते हैं. इसका इस्तेमाल दवा, भोजन, चारा, ईंधन, और सजावट के लिए किया जाता है.

उत्तराखंड की नंदा अष्टमी एक प्रमुख धार्मिक पर्व है, जो गड़वाल और कुमाऊं क्षेत्र में मनाया जाता है। यह पर्व देवी नंदा के प्रति श्रद्धा और भक्ति का प्रतीक है। नंदा अष्टमी का आयोजन भाद्रपद मास की अष्टमी तिथि को होता है।🙏

इस दिन, लोग देवी नंदा की पूजा करते हैं, विशेषकर महिलाएं, और उनके स्वागत के लिए विभिन्न प्रकार के अनुष्ठान और अनुदान करते हैं। पर्व के दौरान विशेष रूप से मंदिरों में भक्तों की भीड़ होती है और लोग एक-दूसरे को मिठाईयां बांटते हैं। यह पर्व समृद्धि और सुख-शांति की कामना के साथ मनाया जाता है।

यह पर्व स्थानीय सांस्कृतिक धरोहर का भी हिस्सा है और इसमें पारंपरिक गीत, नृत्य और मेले का आयोजन होता है, जो इसे और भी खास बनाता है। नंदा देवी के मेलों में, उत्तराखंड के पारंपरिक वाद्य यंत्र ढोल, दमो, और भ्वांकरे की गूंज सुनाई देती है.
नंदा देवी को नवदुर्गाओं में से एक माना जाता है. 🙏

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