Shree sawaminrayan mandir chapiya, Gonda UP||अयोध्या जाकर छपिया मंदिर नहीं देखा तो कुछ नहीं देखा||

Описание к видео Shree sawaminrayan mandir chapiya, Gonda UP||अयोध्या जाकर छपिया मंदिर नहीं देखा तो कुछ नहीं देखा||

Shri Swaminarayan Mandir chhapiya , Gonda Uttar Pradesh
अयोध्या जाकर श्री स्वामीनारायण मंदिर छपिया नहीं देखा तो कुछ नहीं देखा।।

स्वामीनारायण का जन्म 1781 में उत्तर प्रदेश के छपिया में घनश्याम पांडे के रूप में हुआ था। 1792 में, उन्होंने नीलकंठ वर्णी नाम को अपनाते हुए, 11 वर्ष की आयु में भारत भर में सात साल की तीर्थ यात्रा शुरू की। इस यात्रा के दौरान, उन्होंने कल्याणकारी गतिविधियां की और इस यात्रा के 9 वर्ष और 11 महीने के बाद, वह 1799 के आसपास गुजरात राज्य में बस गए। 1800 में, उन्हें अपने गुरु स्वामी रामानंद द्वारा उद्धव संप्रदाय में शामिल किया गया और उन्हें साहजनंद स्वामी का नाम दिया गया। 1802 में, अपने गुरु के द्वारा, उनकी मृत्यु से पहले, उन्हें उद्धव संप्रदाय का नेतृत्व सौंप दिया गया। सहजनंद स्वामी ने एक सभा आयोजित की और स्वामीनारायण मंत्र को पढ़ाया। इस बिंदु से, वह स्वामीनारायण के रूप में जाने जाते हैं । उद्धव संप्रदाय को स्वामीनारायण संप्रदाय के रूप में जाना जाता है।

भगवान स्वामीनारायण का मन्दिर छपिया में स्थित हैं,यह वहीं जगह हैं जहां श्री स्वामीनारायण का जन्म हुआ था। सन 1781 ईस्वी में उत्तरप्रदेश के छपिया में घनश्याम पांडेे के रुप में जन्म लेने वाले भगवान स्वामीनारायण आगे चलकर नीलकंठ वर्णी नाम से प्रसिद्ध हुए। स्वामीनारायण का बहुत ही भव्य मन्दिर छपिया में बना हुआ हैं जिसका वर्णन इस लेख में आपको पढ़ने को मिलेगा।

छपिया में बने स्वामीनारायण मन्दिर के बारे में जानने से पहले जानते हैं कि कौन थे स्वामीनारायण? चाहे भागवत पुराण हो, पद्मपुराण हो या स्कंदपुराण सभी में भगवान स्वामीनारायण के अवतार के बारे में जानकारी प्राप्त होती हैं।
भगवान स्वामीनारायण का जन्म मनुष्य रुप में हुआ था।स्वामीनारायण का जन्म स्थल छपिया (गोंडा) हुआ था। महज 11 वर्ष की आयु में इन्होंने संपूर्ण भारत में अपनी यात्रा शुरु कि जो 9 वर्षों तक चलती रही।

मंगरोल में नीलकंठ वर्णी की मुलाकात स्वामी रामानंद जी महाराज से हुई। स्वामीनारायण और रामानंद महाराज दोनों एक दूसरे से मिलने को लेकर उत्साहित थे। रामानंद महाराज ने नीलकंठ वर्णी को दीक्षा दी और उनका नाम “सहजानंद जी” रखा।

भगवान स्वामीनारायण मन्दिर छपिया (swaminarayan mandir chhapiya)

यह मंदिर देखने में बहुत ही भव्य लगता है। बीच में बड़ा गुम्बद है और चारों तरफ गुम्बद बने हुए हैं। इस मंदिर में भगवान स्वामीनारायण की बहुत सुंदर मूर्ति स्थापित की गई हैं।

भगवान स्वामीनारायण के मंदिर देश भर में बने हुए हैं। भगवान स्वामीनारायण के मुख्य मंदिर अहमदाबाद (गुजरात), धोलका,धोलेरा, जूनागढ़, जेतलपुर,मुली, भुज, गढ़डा और वड़ताल में भगवान स्वामीनारायण ने सुंदर मंदिरों का निर्माण करवाया था।
इसी तरह स्वामीनारायण द्वारा उत्तरप्रदेश के गोंडा में छपिया (swaminarayan mandir chhapiya) नामक स्थान पर भव्य मंदिर का निर्माण करवाया जहां पर आज भी देश विदेश से लाखों भक्त आते हैं। अगर आप भी भगवान स्वामीनारायण मन्दिर छपिया (गोंडा) जाना चाहते हैं तो जानें के लिए सड़क, वायु और ट्रेन किसी भी साधन से आप पहुंच सकते हैं।

वायु मार्ग से जाते हैं तो आपको लखनऊ एयरपोर्ट से छपिया जाना पड़ेगा, लखनऊ से छपिया की दुरी लगभग 150 किलोमीटर हैं।
ट्रेन द्वारा अगर आप जाना चाहते हैं तो आपको मनकापुर स्टेशन उतरना पड़ेगा। यहां से स्वामीनारायण मन्दिर छपिया (swaminarayan mandir chhapiya) की दुरी मात्र 15 किलोमीटर हैं। बस द्वारा जाना चाहते हैं तो अयोध्या से छपिया की दुरी 35 किलोमीटर हैं, वाया कटरा,परशुरामपुर।


tag
#shree
#sawami
#narayan
#shriswaminarayanmandir
#Shriswaminarayanmandirchhapiya
#chhapiya
#jilagonda
#gonda

Комментарии

Информация по комментариям в разработке