ज्येष्ठा नक्षत्र वृश्चिक राशि गुप्त रहस्य क्यू जन्म हुआ जेष्ठ नक्षत्र में कैसा रहेगा आपका जीवन धन से

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इस वीडियो में ज्येष्ठा नक्षत्र के बारे में चर्चा की गयी है। ज्येष्ठा नक्षत्र अनुराधा नक्षत्र के बाद आता है। ज्येष्ठा नक्षत्र मूल नक्षत्र में आता है। ये जो मूल है वो एक राशि का अंत और एक राशि का प्रारम्भ कहलाता है। इसमें मीन राशि का अंत और मेष राशि का प्रारम्भ आता है। इसको कहते है गण्ड मूल। ज्येष्ठा नक्षत्र बुध का नक्षत्र है, इसके चिन्ह जो है वो कुण्डल है और हार है और साथ में छाता है, तावीज़ है, चक्रहै। इसके देवता इंद्रा देवता है। गण राक्षस है। योनि मृग है जो चंचलता का प्रतीक है। नदी मध्य नाड़ी है। और दिशा जो हैवो दक्षिण दिशा है। इस वीडियो को देखिये आपको ज्येष्ठा नक्षत्र वृश्चिक राशि का संपूर्ण विश्लेषण मिलेगा और उसके साथ जानिये की इनका जन्मा लेने का क्या उद्द्येश्य था, ये नौकरी कैसी करेंगे अथवा व्यापार कैसा होगा। वैवाहिक जीवन कैसे बिताएंगे। ये सब जानने के लिए वीडियो को अंत तक देखिये।

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